00:00शिक्षा वो सेर्णी का दूद है जिसने भी पिया वो दहाडा जरूर आज के विचार में प्रात्ना हम करना चाहे रहे हैं रोटी भले ही दो कम खा लेना कपड़े भले ही फटे या पुराने पहन करके चले जाना छत के बिना रह लेना पर अपने बच्चों को पढ़ाना जर
00:30संततियों को संपत्ती देकर मरो या ना मरो पर संसकार देकर के जरूर जाना संसकार और शिक्षा ऐसी पूजी है ऐसा धन है वो जहां भी रहेंगे मकान भी बना लेंगे संपत्ती भी खमा लेंगे और संतती भी बढ़ा लेंगे इसलिए अपनी संतती को संपत्ती देकर जा
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