00:00उनका नाम था अनंत शेश या शेश नाग। बहुत समय पहले जब ब्रह्मांड नयानया बना था, तब सभी लोकों में स्थिर्ता बनाई रखने के लिए एक महान और शक्तिशाली नाग का जन्म हुआ।
00:14शेश का अर्थ है जो बचा रहे और अनंत का अर्थ है जिसका कोई अंत ना हो। कहा जाता है कि जब भगवान विश्नु ने ब्रह्मांड की रचना की योजना बनाई तो उन्होंने एक ऐसे सहारे की आवश्यक्ता महसूस की जो अडिग और अचल हो। तब शेश नाग ने अ
00:44उनके फनों पर चमकते रत्न सजे थे जो अंधेरे में भी प्रकाश फैलाते थे। वे महासागर में रहते और भगवान विश्नु उनके उपर योग निद्रा में विश्राम करते। जब भी भगवान विश्राम करते समुद्र की लहरें भी शान्त हो जाती। एक कथा यह �
01:14तो शेशनाग ने तपस्या का मार्ग चुना। आज भी पौरानिक मान्यता है कि जब शेशनाग अपने फनों को हिलाते हैं तब धर्ती पर भूकम पाता है। उन्होंने कठोर योग और ध्यान से इतना तेज अरजित किया कि भगवान ब्रह्मा प्रसन्न होकर उन्हें ब्र
01:44पाथे।