बेंगलुरू की रेल व्हील फैक्ट्री दुनिया का एकमात्र एकीकृत संयंत्र है जहां ट्रेन के पहिये, एक्सल और व्हील सेट एक साथ बनाए जाते हैं. यह फैक्ट्री रेल के पुराने पहियों और कबाड़ को पिघला कर नए पहिये बनाती है. हर दिन लगभग 900 पहिये तैयार होते हैं, जिनमें से 700-750 गुणवत्ता जांच में पास होते हैं. यहां हर दो मिनट में एक पहिया और हर चार मिनट में एक व्हील सेट तैयार होता है. फैक्ट्री में आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल होता है और हर व्हील सेट सुरक्षा मानकों पर खरा उतरता है. 2024-25 में फैक्ट्री ने 2 लाख से अधिक पहिये बनाए, जो भारतीय रेलवे की जीवनरेखा हैं.
00:00करनाटा की राजधानी बेंगलूरू में इस्थित रेल वील फैक्टरी भारत के रेल नेटवर्क के संचालन में एहम भूमिका निबाती है
00:101984 में स्थापित इस बड़े परिसर को दुनिया का एक मात्र ऐसा सन्यंत्र कहा जाता है जहां ट्रेन के पहिये, एक्सल और वील सेट एक साथ बनाए जाते है
00:24इस रेल वील फैक्टरी से जुड़ी अनूठी खासियत ये है कि यहां रेल के बेकार पहियों और रेलवे की दूसरी कबार सामगरी से नए पहिये बनाए जाते है
00:34उच्च शमता वाली भटियों के अंदर इस सामगरी को 1600 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान पर पिगलाया जाता है
00:45इससे ये धलाई के प्रथम चरण के लिए तयार हो जाती है
01:04देल वील फेक्टरी घड़ी की सठीकता के साथ काम करती है
01:24हर दो मिनट में एक पहिया और हर चार मिनट में एक वील सेट तेयार किया जाता है
01:29वील सेट असेम्बली एरिया में स्वचालित मापन प्रणाली, परिशुद बोरर और 300 टन प्रेस जैसे एडवांस्ट उपकरनों का इस्तेमाल पहियों को धुरों पर सावधानी से फिट करने के लिए किया जाता है
01:45हर वील सेट का सुरक्षा के लिए परिक्षन किया जाता है और उसे सक्त गुनवत्ता मानकों को पुरा करना होता है
01:57रेलवील फेक्टरी में हर साल एक लाख नब्बय हजार पहियों का उतपादन होता है
02:24इस से आगे बढ़कर एक लाख बारा हजार एकसल और एक लाख पच्चिस हजार वील सेट का उतपादन किया जा रहा है
02:32फेक्टरी ने दो हजार चौबिस कच्चिस में दो लाख से ज़ादा पहियों बना कर अपना हे रकॉर्ड तोड़ा
02:38रेल वील फेक्टरी में बने पहिये वास्तव में देश की जीवन रेखा माने जाने वाले भारतिय रेल वे को चलाते हैं
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