उसने दुनिया छोड़ दी… लेकिन किसी की दुनिया रोशन कर गया। यह कहानी है प्रीति की — एक महिला जिसे 24 साल पहले किसी अनजान इंसान का दिल मिला। आज वो न सिर्फ ज़िंदा हैं बल्कि अपनी जिंदगी को एक मिशन बना चुकी हैं — Organ Donation के प्रति लोगों को जागरूक करने का।
इस वीडियो में सुनिए प्रीति की वो भावुक कहानी जिसमें एक अनदेखा चेहरा, एक अनकहा वादा और एक नई शुरुआत छिपी है। इस ट्रांसप्लांट के पीछे क्या था एक परिवार का साहस? क्या प्रीति अब अपने डोनर के परिवार से मिलीं? देखिए, समझिए और सोचिए — क्या आप भी किसी की जिंदगी बदल सकते हैं?
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00:00जीवन जीने की उमीद खतम से हो रही थी, उमीद लेकर एक आशा के साथ मैं दिली एम्स में आये, तो उनके पास जब गए तो पहली बार उन्होंने का कि पीती तुम यहां से टीक हो कर जाओगी, उसे बड़ी जो पॉशन मार्क था, कि वो दिल कहां से मिलेगा, या तो सक्स
00:30एक अंजान में, कोई लेना देना नहीं था, उन्होंने अपने बच्चे के ओर्गन डोनेट किया, मुझे जीवन मिला, जो जिसका दिल लगा वो पुरुष था, कि मैला, वो डॉक्यूमेंट्स में देखे, कुछ, हाँ, मेल, देखे, जिनको जिन्दगियें मिली, ऐसा नह
01:00क्या हुआ था आपके साथ और किस तरह की समझ से आई थी, ट्रांस्प्लांट से पहले की बात करें, तो जैसे हर लड़की का सपना होता है, वैसे स्कूल, कॉलेज, खेल, खूद, बिल्कुल नॉर्मल चल रहा था, उस समय आपका विवा तो नहीं हुआ होगा, ठीक है, यह
01:30छादी के बाद भीमारी नहीं होगे, इसकी भी गारंटी नहीं है, और किसी महला को होगा किसी पृुष को गारंटी नहीं है, तो ओब हमारे देखरा विए का समाजिक है, तो आप जैसे लोग जब कारणी बताते हैं,
01:37शवासने को हूँ में कि sun Yuk48 कि अब divs जनsquता है में घ्रशस्वा खुड़र को कहानी है अ
01:57कामेरे पे कहानी बताते हैं तो ड्रों कोจफाय मिलता है विधान को
02:03भी समय नहीं है, साधी के चार देन बार हो जाए, दस साल बार हो जाए, बीक साल बार हो जाए, तब भी हमको करना ही होगा, खर उसमें हुआ प्या था?
02:10जैसा डॉक्टरों ने बताया कि मुझे कॉमन कफ कोल का वायरस हुआ, जिससे दीरे-दीरे हार्ट को अटेक किया, और हार्ट वीक हो गया, जिसमें कि जो हार्ट की मसल्स हैं, वो वीक होती चली गई, दीरे-दीरे सिम्टम्स आने शुरू कि जिसको मैंने और मेरे परिवार �
02:40जब यह सिम्टम्स बढ़ने लगे, पाल्पिटेशन हो गई, चेस्ट पेन हो गया, तो डॉक्र को बताया तो उन्होंने का यह काडेक प्रॉब्लम है, बहुत कॉमन तो नहीं है, लेकिन ठीक हो सकती है दवाईयों से, तो वो दवाईयां ली वाबस, यह कौन से संगी बात
03:10रूटीन कार है और यह है, जब उनमें धीरे-दीरे मुझे समस्या होने लगी, और बढ़ते-बढ़ते यह समय आया, कुछ साल बाद, 99-2000 की बात करें, तब तक कि मैं तस-बीस कदम चलने में भी हसमर्थ थी, चार सीडियां चड़ना मेरे लिए मुश्किल होता था, तो हम
03:40वाली हूं, तो वहां लोकल जो डॉक्टर है, उनसे ट्रीटमेंट चला और उन्होंने एक ब्रिज की तरह काम किया, क्योंकि जो हार ट्रांस्प्लांट है उस ताइम्स के अलावा शायद कहीं होता नहीं था, तो उन्होंने मेरी बीमारी को उस समय दवाईयों से मैनेज किय
04:10कि मतलब नकारात्मक बातें ही उस समय तो उसके बाद में फिर हम आखरी उमीद लेकर एक आशा के साथ में डिली एमस में यहां डॉक्टर वीनु गोपाल सर, डॉक्टर बलराम आयरन सर, डॉक्टर कीके तलवार सर, उनकी पूरी टीम थी और अभी डॉक्टर संदीप सेट
04:40पास जब गए तो पहली बार उन्होंने का कि पीती तुम यहां से टीक हो कर जाओगी तब यह लगा कि नहीं कुछ तो है नहीं तो उसके पहले जीवन जीने की उमीद खतम से हो रही थी क्योंकि मुझे लगता था कि इस तर पर पड़े पड़े एक चीज दिमाक में आती है
05:10होना है यह मतलब एक बड़ा शॉकिंग वो मनोश्थिती क्या रही होगी पहले मैं अपनी बात करती हूं फिर अपने परिवार की मेरे मेरे मन में जो आया वो यह था या तो सक्सेस्फुल होगा या नहीं होगा अगर सक्सेस्फुल होता है तो मुझे बहुत अच्छा नया
05:40होने भी एक बार मृती हूं तो सबकी निश्यत है तो मैं हर उस्तिती में खुश थी कि जो भी होना हो जाए ऐसा जीवन कब तक जी पाऊंगी तो ट्रांस्प्रांट कम से कम एक उमीध है यह मेरे लिए बहुत खुशी की बात थी और मैं बहुत खुश थी और मुझे पूर
06:10मैं अपनी बात करूं तो जब मैं दिली में उसके पहले तक मैं नहीं जानती थी कि हार्ट ट्रांस्प्लांट क्या होता है या उसके बारे में सुना भी नहीं था इंडिया में होता है यह भी नहीं पता था बहुत से लोगों ने कहा कि शाद मुझे विदेश जाना पड़े
06:40किसी का लो एक किड्नी के सारे भी जी जाता है पर हाट तो एक ही होता है किड्नी में थोड़ा सा समय भी मिल जाता है डायलेसिस है तो से समय और जो डोनर है वो कई बार कंप्रोमाइज कर सकता है वही मेरा बहुत अपना है और इनको भी जीवन दे दू मैं भी जीवन ले लू
07:10क्योंकि बोला गया था मेरे फैमिली को कि अगर मुझे चार से च्छे महिने के बीतर अगर दिल नहीं मिला, तो मेरा जीवन नहीं है उसके आगे।
07:18तो जब वो देख रहे हैं अपने किसी को की खोते हुए, कोई अपना जाने वाला है, तो उनकी तकलीफ को महसूस करके मुझे बहुत तकलीफ होती थी, तो मैं इश्वर से प्रात्मा करते हैं, तो उसके बाद लेकिन दुनिया में अच्छे लोगों की कमी नहीं है, भगवान
07:48मेडिया में जितना देखते हैं, मुझे नेगेटिव स्टोरीज बहुत हैं, अब देखिए, एक अंजान ने, कोई लेना देना नहीं था, उन्होंने अपने बच्चे के और्गन डोनेट के मुझे जीवन मिला, एक अंजान के लिए कौन सो था, अपने दुख की घड़ी मे
08:18में अर्वो डिपार्टमेंट में काम कर रहे हूं, तो अब मैं दूसरा पहलू देख पा रहे हूं, एक तरफ जहां में, यह आपका ट्रांस्मेंट कब हुआ, 2001 में, तब आप कुछ नहीं करते हैं, फिर आप इसी डिपार्टमेंट में, जहां पर यहीं सब के लिए किया ज
08:48पहले में मेरा था कि मैं अंगदान के लिए कुछ कर पा हूं, मैं बहुत भागयवान हूं, भागयवान हूं कि मुझे समय पे मिला अंगदान, लेकि आपको यह पता लग पाया कि जो जिसका दिल लगा वो पुरुष था, वो डॉक्यूमेंट में देखे कुछ तो उमर बत
09:18इसे अब उनकी कैसे क्या होई पता नहीं, लेकिन आप ओ, तो आपके दिल में वो दिल धड़क रहा है, तो आप और वो क्या लगता है, क्या अःसास होता है, मतलब जैसे हम लोग तो भारती हैं, बड़ा इन चीशों जूड़ जाते हैं कि किसी का दिल हमारे दिल में धड�
09:48वो कैसा व्यक्तितु था, उसका वो कैसा था, क्या था, तो ये विचारों को हम रोक ही नहीं पाते, दिमाग में ये विचारे हैं, उथल-फुथल करते रहते हैं, जिन पर हमारा कोई कंट्रोल नहीं है, अगर हम यहां पर यह बात जोड़ें, कि दुनिया में जाती, धरम, सा
10:18कितने साल हो गए, 2002 में हुआ ना, 2001 में हुआ, अगले साल जन्वरी में 25 साल पूरे हो जाएंगी, तो अभी आप जो है, बिल्कुल नॉर्मल जीवन जी रही हैं, मैं अगले महीने अगस्त में जर्मनी जारी हूं, वाल्ट रांस्परांट गेम्स में खेलने के लिए, बैड
10:48पुर्देश भावन में, अडिशनल रेजिनेंट कमिशनर, ठीक है, चलिए आपका हमसे बात करने के बहुत बहुत बहुत दनवाद, आपके माध्यम से मैं सबसे विनिती करना चाहूंगी, कि अंगदान करें, आएं किसी को जीवन दे, किसी के चेहरे के मुस्कान बने, बह
11:18परवा नहीं हो सकती, जो परेशानिया मुझे मतलब जो प्रिकॉशन्स मुझे डॉक्रस ने बोले है, या मुझे मैडिसिन्स लेनी है, उसका मैं खास ध्यान रखती हूं, क्योंकि ये जो जीवन है, ये जिम्मेदारी कंदों पर भारी है, लेकिन मैं खुशी से इसको नि�
11:48कर lawn एयिख ये ऑफमारा भारी है, ये वा।के आ्यांगरत ड क्योंकि ये घू।
11:52झालों भ्रापनिया आ cन्याज़ झालार है, जी लाया है
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