Leh Student Unrest: लद्दाख (Ladakh Protest) में राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन ने तेजी पकड़ ली है। इस बीच पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) ने भूख हड़ताल तोड़ी।
00:00लदाक के लिए और व्यक्तिगत मेरे लिए सबसे बड़े दुख का दिन है
00:08तो आज हमारे शांती के पेगाम को असफल होते देख रहे हैं
00:16क्योंकि गिले में काफी हद तक हिंसा हो रही है बोली बारी हो रही है
00:22तो मैं अपील करना चाहता हूँ लदाक के युवा पीड़ी से कि वो इसे जितना हो सके जल्दी रोक दें
00:33ये कोई लदाक के मुद्दे का समर्थन नहीं है
00:37तो हम आज से अपना अंशन तोड रहे हैं इसे रोक रहे हैं
00:44और हम अब चाहते हैं कि एड्मिनिस्ट्रेशन भी अपना ये दबाव रोक दे और युवा भी अपना ये हिंसा रोक दे यही हमारी अपील है
00:58इसे ज्यादा जल्दी मुम्किन कराने के लिए हम अपना अंशन अभी आज रोक रहे हैं
01:08लदाक के लिए और व्यक्तिगत मेरे लिए सबसे बड़े दुख का दिन है
01:16क्योंकि जिस रास्ते पे हम पांच साल से चलते आए शांती का रास्ता था
01:22जिसमें हम खुद पे दर्द और दुख लेते थे पांच बार अंशन किया
01:29ले से दिल्ली तक चल के गए मगर आज हमारे शांती के पेगाम को असफल होते देख रहे हैं
01:40क्योंकि ले में काफी हद तक हिंसा हो रही है गोली बारी हो रही है आगजानी हो रही है
01:48तो मैं अपील करना चाहता हूँ लदाक के युवा पीड़ी से
01:54कि वो इसे चितना हो सके जल्दी रोक दें
02:00ये कोई लदाक के मुद्दे का समर्थन नहीं है बलकि इससे ये मुद्दा और भी गंबीर होता जाएगा
02:12मैं अपील करना चाहता हूँ युवा पीड़ी से कि वो अपना ये रोक दें
02:20और अपील करता चाहता हूँ एड्मिनिस्ट्रेशन से भी कि वो बोला बारी रोक दें
02:26अगर हमारे युवा पीड़ी को ये दर्थ है दुख है कि हम अंशन पे हैं कल दो लोग हस्पताल गए अगले दिनों में क्या होगा
02:38तो हम आज से अपना अंशन तोड़ रहे हैं इसे रोक रहे हैं और हम अब चाहते हैं कि एड्मिनिस्ट्रेशन भी अपना ये दबाव रोक दे और युवा भी अपना ये हिंसा रोक दें
02:57यही हमारी अपील है इसे ज्यादा जल्दी मुम्किन कराने के लिए हम अपना अंशन अभी आज रोक रहे हैं क्यूंकि अंशन का मकसद पूरा नहीं होता जब हमारे युवाओं की जान जाए और लदाक में और देश में अस्थिरता आए इतना ही कहना था बहुत बहुत ब
03:27जान झालोगड़ कि अपना अंवाओं कर देश बदाने क्यूंकि आए आए णाए और राधने का में अपना झाल आए आए वांदने का नहीं होता सब्सक्त बाल स्कार्स राभस कर देश कर भूंकि और तक देशे कर देमारे बहुत आए नहीं है कि अवाँ हां याष्स, अ�
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