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  • 2 days ago

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00:00आप एक मनुष्य हैं महिलाबाद में हैं तो आपका भी अपने प्रते वही कर्तव है जो एक पुरुष का होता है बहुत सारी भ्रमित लड़कियां अक्सर अपनी शिक्षा पर और अपने केरियर पर ध्यान नहीं देती
00:16खास तोर पर अगर वो दिखने में सुन्दर वगेरा हूँ ये पढ़के क्या गरेगी सब पढ़े लिखे अभी इसके दर्वाजे आने वाले हैं बारात लेकर
00:26बहुत सारी लड़कियां और महिलाएं फिर जीवन में कश्ट झेलने को तयार नहीं होती
00:31और कोई भी उंचा काम करना है तो उसमें कश्ट झेलना पड़ेगा तुम्हारे लिए कोई और कमाएगा तुम बच्चे पैदा करो
00:39अब बोल दो कि उतो देह है जो बच्चा पैदा करती है नहीं साब देह भर थोड़ी देखे बच्चे को बड़ा भी तो कर रही है बच्चा अपने आप बड़ा होता है उसको मनुष्य बनाने के लिए जो ज्यान चाहिए क्या उसकी माने वो स्वयम अर्जित करा है पहले �
01:09प्रणाम अचारी जी
01:12अचारी जी मेरे दो प्रश्न है
01:17पहला प्रश्न है कि
01:21टिपिकली ऐसा माना जाता है कि
01:24जो महिलाए होती है वो थोड़ा
01:26प्राकरतिक रोप से
01:28they are caregivers,
01:30emotional,
01:32whereas men वो थोड़ा
01:34logical, go-getters, ambitious
01:36ऐसे होते हैं
01:37तो जैसे जब
01:40परिवार में बच्चे आ जाते हैं
01:42तो जादा responsibility
01:44it falls on the
01:46woman of the house
01:47तो
01:49उनका career उन्हें छोड़ना पड़ता है
01:52छै मेने के लिए हो, दो साल के लिए हो
01:54कितने भी समय के लिए हो
01:55पर it's expected
01:57society से भी and self-imposed
02:00also that they have to give up
02:02तो बहुत सारी
02:04जो बहुत ही आराम से ऐसा कर लेती हैं
02:07but प्रश्न कुछ ऐसी महिलाओं के लिए है
02:10जो कुर्ती रहती है
02:11उन्हें अपना career छोड़ देने के कारण
02:14चाहे वो छोटे duration के लिए क्यों ना हो
02:17insecurity होने लगती है
02:19फिर ख्लेश हो जाता है
02:21मतलब बच्चा आया नहीं कि
02:23पती-पत्नी में issues होने लग जाते हैं
02:26और एक तो ये प्राक्रितिक tendency है
02:31पर इसका एक और कारण भी है कि
02:33आजकल ऐसा समझा जाता है
02:35कि आपकी
02:35you're a better person if you are
02:38independent financially
02:41आजकल
02:42implicitly थोड़ा सा
02:44homemakers को थोड़ा सा look down भी करते हैं
02:47बहुत explicitly नहीं करते पर करते हैं
02:51तो दोनों ही है
02:52एक तरफ प्राक्रितिक tendency है
02:53एक तरफ society imposed
02:56conditioning भी है
02:57तो ऐसी महिलाओं के लिए आपका
03:00क्या सुझाव हो का
03:02कैसे वो थोड़ा शान्ती से
03:04रह सके given the situation
03:06they are in
03:07आप उन महिलाओं की बात कर रही है
03:10जो
03:10चोटे बच्चे के होने कारण घर पर रहती है
03:14वो आ गया है या आ गई है चोटी बच्ची
03:27तो जितने दिन
03:29उस बच्ची का अधिकार है
03:33उसको वो अधिकार आपको देना ही पड़ेगा
03:35सवाल मेरा दूसरा है
03:40मात्रत गरभाधान प्रेगनेंसी
03:48ये कोई
03:49अचानक
03:52आसमान से गिरी चीजें तो होते नहीं
03:57पठी पठी
03:57आपको तो पता होता है ना कि आप गरभधारन करने जा रहे हैं
04:05आपको पता होता है ना कि अब
04:11अगर आप आफिस औगरा जाते थे तो वो नहीं हो पाएगा
04:15और अब कुछ सालों तक नहीं हो पाएगा शायद या कम से कम
04:20कई महीनों तक नहीं हो पाएगा यह तो सब पता था ना
04:26तो इंतजाम क्या किया अब यह क्यों पूछा जा रहा है जब बच्चा पैदा हो गया है और अब जब आप कह रहीं कि
04:36financial independence में दिक्कत आने लग जाती है और issues होने शुरू हो जाते हैं यह मुद्दा अब क्यों उठाया जा रहा है
04:51कम से कम नौ महीने तो उपलब्द थे सोचने के लिए
04:54ज्यादा नहीं तो नौ महीने तो थे न सोचने के लिए तब सोचा क्यों नहीं गया कि
05:00अब कैसे करना है और pregnancy के पहले ही दिन से तो नौकरी छोड़ नहीं देनी पड़ती
05:08कई महीने उपलब्द थे आगे की योजना बनाने के लिए और कुछ ऐसा इंतजाम प्रबंध करने के लिए
05:17कि अपनी जो आर्थिक सोतंतरता है वो बनी रहे
05:22वो प्रबंध क्यों नहीं किया गया और प्रबंध नहीं किया गया तो फिर पश्टाए होत क्या
05:33जब आपको पता है कि अभी आप अगले छे महीने या साल भर बाहर नहीं निकल सकती या शायद दो साल बाहर नहीं निकल सकती या शायद चार साल बाहर नहीं निकल सकती तो उसका आपने क्या विकल्ब तलाशा
05:51तो पहले से आपने कुछ बचत करके क्यों नहीं रखी ऐसा तो नहीं है कि जिस दिन नौकरी लगी उसी दिन गर्भवती हो जाना ज़रूरी है
06:17पहले कर लो तीन साल पात साल नौकरी बचत कर लो उसके बाद आ जाएगा बच्चा तो वहाँ पर फिर किसी पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा
06:31आप कह सकते हैं कि भई आने वाले दो साल के लायक मैंने तो अपनी बचत करके रखी हुई है
06:38या कोई ऐसी नौकरी तलाश ली जाए जो घर से ही की जा सकती है बच्चे के साथ की जा सकती है
06:48ओनलाइन योग है अब तो
06:58देखिए मैं पूरी सावधानी और सम्मान के साथ कह रहा हूँ
07:02महिलाओं का एक वर्ग ऐसा है जिसको जरा भी जिजक नहीं होती
07:11नौकरी छोड़ देने में ये कह करके कि अब तो फैमिली रिस्पॉंसिबिलिटीज है
07:17ये बाट ठीक नहीं है
07:19कई बार तो ऐसा भी लगता है सब महिलाओं की नहीं कुछ की बात कर रहा हूँ
07:25जैसे वो फिराक में ही थी कि कोई बहाना मिले और नौकरी छोड़ दे और घर बैठ जाएं
07:30बस किसी तरीके से कोई सम्मान जनक तरीका मिल जाए नौकरी छोड़ने का
07:34सब महिलाओं ऐसी नहीं है
07:36मुझे गलत ना समझा जाए
07:38लेकिन एक वर्ग है ऐसा
07:42खट से रिजाइन करती है
07:46और बैठ जाती है घर पे
07:51पुरुश ऐसा नहीं करते
07:52नतीजा यह है कि इंप्लॉयर्स भी
07:57कुछ बातें जानते हैं हाइरिंग के समय
08:01और वो उन बातों को फिर ध्यान में रखकर हाइरिंग करते हैं
08:11इस तरी पुरुश में वो फिर भेद करते हैं
08:12डिस्क्रिमिनेशन करते हैं
08:13उन्हें पता है कि दोनों का व्यवहार अलग-अलग होने वाला है
08:17शादी होगी, प्रिग्नेंसी होगी
08:23संभावना है कि
08:25यह अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हट जाए
08:27और इसमें मैं कह रहा हूँ
08:39इस तरी की
08:41चालाकी जितनी होगी तो होगी
08:43इस तरी का शोशन बहुत ज्यादा है
08:45क्योंकि हमने उसे
08:49सिखा दिया है
08:50कि उसको
08:53सम्मान का अधिकारी बनाता है
08:55उसका मात्रत तो
08:56जो की है एक बिल्कुल
08:59शारीरिक बाद तो हमने कह दिया है
09:01कि तुमारे शरीर से जो हो रहा है
09:03उतने भर से तुम सम्मान की अधिकारी हो गई
09:05वो सब बातें सारी
09:07कि मा से उची जग है
09:09तो भगवान की भी नहीं होती, वगारा, वगारा, सुना है, न खूब, मा कैसी भी हो, उसके चरणों में जन्नत होती है, ये सब बाते, न पढ़ी हो, न लिखी हो, न उसमें कोई गुण हो, न योग्यता हो, न संसार को जानती हो, न अध्यात्म को जानती हो,
09:26अगर उसको गर्ब हो गया तो वो भगवान हो गई
09:34ये कोई बात है
09:36आप बताईए
09:38मैं महिलाओं से पूछ रहा हूँ आप बताईए
09:40पुरुशों को हटाईए आप ही लोग बताईए
09:41ये बात न्याइपूर्ण है
09:43महिलाबाद में है इनसान तो पहले है न
09:47एक ऐसा इनसान जिसने जिन्दगी में कुछ हासिल करने की कोशिश नहीं की
09:53ज्यान पाने की कोशिश नहीं की
09:55कोई कौशल विक्सित करने की कोशिश नहीं की
09:58जिसके भीतर हिम्मत नहीं साहस नहीं
10:01सपश्टता नहीं
10:03ऐसा इनसान अगर गर्बधारण कर ले
10:08तो वो भगवान बराबर हो जाएगा क्या
10:10महिलाएं ही बताएं आप से पूछ रहा हूँ
10:12आपने आय कीजिए
10:13बोलिये नहीं होगा न तो फिर
10:17लेकिन ये धारणा खूब चलती है
10:21गिवर रिस्पेक्ट शीजा मदर
10:24ये कोई बात है
10:26आप एक मनुष्य हैं महिलाबाद में हैं
10:38आप बिल्कुल वैसे ही एक अतृप्त चेतना है
10:41जैसे एक पुरुष होता है
10:43तो आपका भी अपने प्रतिवही करतव है
10:46जो एक पुरुष का होता है
10:47जीवन को सार्थकता देना पूर्णता देना
10:50चितना को उसकी उचाईयों पर पहुंचाना, आपका भी तो यही धर्म है न जीवन में, तो किसने आपका शोशन करा है आपको ये पट्टी पढ़ा के कि आपका पहला धर्म है मा बनना, मुझे पताईए, अगर पुरुष का पहला धर्म बाब बनना नहीं है, तो इस्तरी के
11:20ये पाठ पढ़ा करके कितना शोशन किया गया है, कितनी बेडियों में डाला गया आपको, मुझे आगरा करके कहा रहा हूं, गलत न समझा जाए, मैं मातरतों के और गर्व रखने के और बच्चों के खिलाफ नहीं हूँ, मैं बस चेतना के पक्ष में हूँ, समझदारी के �
11:50लेकिन ये देखा जाता है, और फिर इसी लिए ये होता है कि बहुत सारी भ्रमित लड़कियां अक्सर अपनी शिक्षा पर और अपने केरियर पर ध्यान नहीं देती,
12:17खास तोर पर अगर वो दिखने में सुन्दर वगेरा हूँ, उन्हें कॉलेज जाने से बहुत मतलब नहीं होता, और अगर छोटे शहरों कस्बों की बात करें, तो उनके टीचर प्रोफेसर भी उन पर जोर नहीं देते कि तुम कॉलेज आओ, वो कहते हैं, तो सुन्दर ल�
12:47एक से केरियर वाले आएंगे इसको उठा ले जाने, ये पढ़के क्या गरेगी, सब पढ़े लिखे अभी इसके दर्वाजे आने वाले हैं, बारात लेकर, ये बात अगर पुरुश बोल रहे होते तो कम घातक होती, घातक बात ये है कि इस धारणा को लड़कियां आत्मसा
13:17हम तो ऐसी होती ही नहीं है, अरे भाई मैं कोई अपना ओपीनियन नहीं व्यक्त कर रहा है, मैं आकड़ों की बात करता हूँ
13:26बिना जाने समझे, पूरी सूचना के बोलना ठीक होता ही नहीं, और मैं पूरी कोशिश करता हूँ कि अगर मुद्दे की जड़ तक नहीं पहुँचा हूँ, तो चुपी रहूँ
13:39इतना ही नहीं होता, जो थोड़ी रूपसी लड़कियां होती हैं, उनमें एक अलग ही confidence आ जाता है, एकड़म डबा बंद यहां से, कुछ नहीं आता जाता, ना भाशा आती, ना गणित आता, ना विज्ञान आता, ना कलाये आती, ना कॉमर्स आता, कुछ नहीं, लेकिन confidence �
14:09ऐसा होता है या नहीं होता है, और ये बात स्वयम महिलाओं के लिए ही घातक है या नहीं है, अगर कोई आपको आपके ग्यान की वज़ए से नहीं, बलकि आपकी देह की वज़ए से बेहा के ले जा रहा है, तो आपको दिखाई नहीं दे रहा है, वो आपको क्या इस्तिमा
14:39बुलिए
14:41ये बाजारू बात नहीं हो गई
14:48आपने एक चीज देखी
14:50वो चीज आपको चमकदार
14:52आकरशक सेक्सी लगी
14:56आप उसे उठा के अपने घर ले आए
14:57यही करते हैं ना बाजार में हम
14:59और ये जहरीली धारणा
15:04लड़कियों के भीतर प्रविष्ट करा दी गई है
15:07उसका एक और मैं आपको
15:12बहुत सविन है बोल रहा हूँ
15:13उसका एक और घातक परिणाम बताता हूँ
15:18बहुत सारी लड़कियां और महिलाएं
15:21फिर जीवन में कश्ट जहिलने को तयार नहीं होती
15:24और कोई भी उचा काम करना है
15:27तो उसमें कश्ट जहिलना पड़ेगा
15:29अब मानली जो नौकरी कर रही है
15:33और नौकरी में स्थित्य ऐसी बन गई
15:36कि ज्यादा घंटे देने पड़ेंगे
15:40ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी
15:42और डाट भी खानी पड़ेगी
15:43क्योंकि काम बहुत गंभीर है
15:46उसमें उच नीच होती नहीं है
15:49कि तुरन डाट पड़ती है
15:51ऐसे में पुरुशों की अपेक्षा
15:56महिलाओं के रिजाइन कर देने की संभावना
15:58बहुत ज्यादा रहती
15:59यह डाट नहीं सहती
16:00हो गएगी मेरे पास दूसरे आप्शन्स है
16:04नाइन टो फाइफ ठीक है
16:13पर ज्यादा दबाव डालोगे
16:15परिशान करोगे मैं रिजाइन कर दूँगी
16:16फिर उसका नतीज़ा यह होता है
16:23कि बहुत सारी
16:25कंपनीज में
16:27औरनाइजेशन्स में
16:29महिलाओं को जिम्मेदारी के काम
16:31दिये ही नहीं जाते
16:32क्योंकि हर जिम्मेदारी के काम में
16:35तनाव और दबाव जहिलना पड़ता है
16:37यह भूल जाना पड़ता है
16:39कि कब खाना खाया, कब सोए
16:41कब नहाए, कब आए, कब गए
16:43आप में से
16:46जो लोग
16:48काम करते हैं कहीं व्यावसाई का नुभव है वो मेरी बात से सहमत हो रहे होंगे होता है कि नहीं होता है
16:56एकदम जूनियर लेवल पर ऐसा चल जाता है कि 9 बजे आए 5 बजे निकल गए
17:02जैसे जैसे आपके काम की गंभीरता बढ़ती है जैसे जैसे आप
17:06नित्रत के पदों पर आते हो वैसे वैसे काम 24 घंटे का हो जाता है लगा तार
17:12महिलाओं का उपद नहीं मिलते मुझे बताओ इसमें महिलाओं की भलाई है
17:23उसको हमने देह बना डाला है मा बना बना कर उसको देह ही बना दिया
17:34क्योंकि बच्चा जनना काम तो देह का ही है न
17:40आप जितना ज्यादा मात्रत को गौर्वानवित करोगे उतना ज्यादा आप इस्तरी को पतित करोगे
17:55आप बोल दो कि वो तो धे है जो बच्चा प्यादा करती है फिर नहीं साब वो धे भर थोड़ी देखे बच्चे को बड़ा भी तो कर रही है बच्चा अपने आप बड़ा होता है उसको मनुष्य बनाने के लिए जो ग्यान चाहिए क्या उसकी माने वो स्वयम अरजित करा है
18:25बड़ा नहीं करना पड़ता हाँ उसे इनसान बनाना पड़ता है उसे चेतना देनी पड़ती है
18:30मा अपने बच्चे को इनसान बना पाए इसके लिए सरप्रत्म क्या जरूरी है
18:36मा की चेतना खुद उठी हुई हो उपर की हो उसके लिए तो मा को खुद ग्यान अरजित करना पड़ेगा मेहनत करनी पड़ेगी
18:45वो ग्यान अरजित करने के रास्ते में मेहनत के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा सामाजिक धारणाएं है
18:53उसको बोल दिया गया ज्यान चाहिए नहीं, महनत करनी नहीं है, माँ बनना काफी है, बच्चे की देखभाल करो
18:59आप बच्चे की देखभाल भी नहीं कर पाएंगी
19:02अगर आप बोध चेतना के रास्ते पर नहीं चली है
19:07आपको ये भरम रहेगा, मैंने अपने बच्चे की अच्छी परवरेश करी है, मैं उसे पराठे बना के खिलाती थी, वगरा, वगरा, वगरा, वो बच्चा बरबादी निकलना है,
19:17हाँ, आप अपने आपको ये भुलावा देती रहेंगी कि इत्तु सा पैदा हुआ था, मैंने च्छै फिट का कर दिया, आपने नहीं कर दिया, वो अपने आप छै फिट का हो गया है, रही बाद चेतना की तो इत्तु सी पैदा हुई थी और इत्तु सी ही है, उसको आप बढ�
19:47आप लोगों को महिलाओं को बुरा तो नहीं लग रहा है
20:00हजार दो हजार शायद दस हजार महिलाओं की एक पूरी ब्रिगेड है
20:08जो विशेशकर मेरे पीछे पड़ी रहती है
20:17आपकी देह आपकी पहली संपत्ति नहीं है
20:27जैसे पुरुष की नहीं होती वैसे आपकी भी नहीं है
20:31इतना समय शरीर को मत दिया करिए
20:35मन में इतना महत्तो शरीर को मत दिया करिए
20:41दिन में दो दो तीन तीन चार चार घंटे मेक अप में मत लगाया करिए
20:46कोई आदमी रोज नहाता है इससे वो अच्छा आदमी नहीं हो जाता
20:53और बुरे आदमी की फैचान ये नहीं है कि वो रोज नहाता नहीं
21:01जी
21:16आपका पैसा कॉस्मेटिक्स इंडस्ट्री के लिए नहीं है अपने आप से स्वाल पूछा करिये पुरुशों के कपड़े इतने सस्ते क्यों होते हैं और आपकी आधी कमाई क्यों जाए महंगे कपड़ों में
21:36छोटा सा बच्चा होगा एक साल का लड़का उसके भी कपड़े सस्ते होंगे और एक साल की बच्ची होती है उसके भी कपड़े महंगे होते हैं क्यों
21:47ये देख नहीं रहे हैं समाज आपके साथ क्या कर रहा है
21:50समाज आपसे कह रहा है कि आपकी सारी कमाई देह पर जानी चाहिए
21:57समाज आपको संदेश दे रहा है, सीख दे रहा है, महिलाओं को
22:01कि सबसे मुल्यवान चीज क्या है, देह पर डाले हुए कपड़े, मने देह
22:17मैं सहज जीने को कह रहा हूँ
22:21जैसा एक मनुष्य को जीना चाहिए
22:23आप मनुष्य पहले हैं
22:25महिलाबाद में हैं
22:27और जो लोग मुझसे कहते हैं
22:30How as a man can you talk about women?
22:35As a human being I am talking about another human being
22:38या आप human being नहीं है अब
22:43Woman है, human नहीं है
22:49देखिए जब कोई व्यक्ति
23:08आंतरिक रूप से मुक्त नहीं होता
23:13और आर्थिक रूप से मुक्त नहीं होता
23:15तो उसे क्या करना पड़ता है?
23:18उसे दूसरों से गलत संबंध बनाने पड़ते हैं
23:21और उसे दूसरों पर निर्भर होना पड़ता है
23:23उसे कई तरीके की चाले खेलनी पड़ती है
23:25उसे घरेलू राजनी तिकरनी पड़ती है
23:30क्योंकि वो असुरक्षित अनुभव करता है
23:34इनसेक्योर फील करता है
23:35ये जो आप घरों में इतना देखते हैं न
23:37सास ननद, देवरानी जेठानी
23:40ये सिर्फ इसलिए है क्योंकि वो सब महिलाएं इनसेक्योर हैं
23:44क्यों इनसेक्योर हैं क्योंकि वो मुक्त नहीं है
23:50आत्म निर्भर नहीं है
23:51तो इसलिए वो सवतरे की फिर चालें खेलती हैं आपस में कि
23:54किसका हाथ उपर रहेगा, किसका सिक्का चलेगा
23:58नहीं तो समय ही नहीं होगा आपके पास ये
24:04छोटे मोटे पचलों में पढ़ने का
24:06ये क्यों चलता रहा है कि बेटे पर नियंतरन के लिए
24:16सास और बहू में कशमकश
24:20क्योंकि बेटा क्या है
24:22बेटा आमदनी का सरोथ है
24:28वो मा को भी चाहिए वो उसकी पतनी को भी चाहिए तो आपस में लड़ती है
24:32दोनों इसले लदती क्योंकि दोनों ही नहीं कमाती
24:37और दोनों क्यों नहीं कमाती क्योंकि दोनों को फ़िए पढ़ा दिया गया था
24:51तुम तो स्तिरी हो न?
24:53तुम्हारे लिए कोई और कमाएगा
25:02तुम बच्चे पैदा करो
25:23हमने खरगोश पाले हैं
25:25हम यहां आए हैं तो उनके लिए पहले विवस्था करके आए हैं
25:30आपको भी अगर अपने जीवन में खरगोश लाने हैं
25:35तो पहले विवस्था कर दीजिए ना
25:37विवस्था पहले कर लीजिए फिर खरगोश को लाईए
25:41मैं कहूं कि मैं यहां आये नहीं सकता महुत्सव में भाग नहीं ले सकता क्योंकि मेरे पास खरगोश हैं यह कोई बात हुई
25:58बोलिये और दस हैं वो पूरे इत्ते इत्ते इत्तू इत्तू जैसे आप बोल देते हैं कि मेरे पास मेरा बच्चा है मैं कैसे आओ सकती हूँ मैं काम नहीं कर सकती मैं शिविर में नहीं आ सकती मैं कुछ नहीं कर सकती मेरे पास तो मेरे पास दस हैं घरगोश मैं भी नहीं आ�
26:28हुआ हुआ हुआ

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