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00:00हमसे क्या हो पाएगा पर हम क्या कर सकते हैं एक दम उसको प्थर मार के भगा दो कदम लड़ खडाएंगे लेकिन लड़ खडा रहे हो कदम आप सम्हाल लीजेगा सम्हाल सकते हैं हैं में इतना दम सब में होता है छोटा मत अनुभाव करना कभी इस शब्दन मुझे बहुत प
00:30इतनी समझ ही होती कि घमंड अलग चीज है और गरिमा दूसरी तो तुम कुछ और होते हम पर आक्षियप नहीं कर रहे होते हमारे साथ होते जब भी लगया कोई मजबूरी आ रही है कहेंगे कोशिश करके तो देखते हैं अंजाम क्या निकलेगा हमें पता नहीं प्रयास कर
01:00पफूजा कोई नहीं
01:00मैंने देखा है काई बार लोगों के पास तर्क होता है ,
01:09कि ये सब कुछ करना तो अचारे जी के लिए असान था , वो अचारे जी है पर हम कहा कड़ सकते हैं ?
01:15तो ये जो आप मजबूरी की बात कर रहे हैं , ये जो कुत्रक है , इससे कैसे ?
01:20कुछ भी आसान नहीं था
01:21एकदम आसान नहीं था
01:23एकदम भी आसान
01:26नहीं था
01:26पता नहीं क्यों आपको
01:29अपने लिए बहाना बनाना है कि
01:31मैंने या किसी और ने
01:33कुछ कर लिया तो वो उसके लिए
01:35आसान था और आपके लिए मुश्किल है क्योंकि
01:37कि आपकी मजबूरियां हैं और बंधन हैं और परिस्थितियां हैं, यह क्या अबेकार का बहाना है, कुछ भी नहीं है, अभी जिन पिताजी की बात कर रहे हैं, वो एकदम ग्रामीन परिवेश से आते हैं, उनकी पुरानी करता हैं, कुछ करताओं में लिखा हुआ है कि दो द
02:07बंधनों के बीच ही सारी पढ़ाई पूरी करी, रधिकारी भी बने, कोई पुष्टाइनी जमीन जाजाद नहीं, कुछ नहीं ऐसा, और जब आप एक ऐसे घर से आते हो, तो जैसे आप बोला करते हो ना कि अरे माबाप की उमीदें हैं बहुत, ऐसे ही वो उमीदें तो मु
02:37उनको भी लगता होगा कि जिस तरह की संपनता कभी नहीं देखी गई, वैसी संपनता है, ये लड़का लेकर के आएगा, यूएस में किसी इंवेस्मेंट बैंक में चला जाएगा और साल के कई लाख डॉलर घर भेजा करेगा,
02:59तो आसान कहां से हो गया, फिर कोई चीज ना मिली ओ जिन्दगी में तो वहाँ पिर भी आसान होता है, districts मिली ही नहीं, उसका ना मिलना ही फैसला हो गया, फैसला हो गया ना, पर जो चीज मिल गई है, उसका ना मिलना फिर चुनाव होता है, ठीक,
03:29कोई चीज आपको मिली ही नहीं
03:31तो फैसला हो गया
03:31पर मिली हुई चीज को
03:35छोड़ना एक चुनाव होता है
03:36और उस चुनाव में दर्द होता है
03:38मेरे भी दोस्त त्यार है
03:47परिवार है
03:48और मैं भी कोई आस्मान से नहीं उतराऊं
03:53साधारन मिट्टी का पुतलाओं
03:54मेरे भीतर भी कई तरह के
03:56संशे उठते थे
03:58कुछ इस पश्टता नहीं थी
03:59क्या होगा क्या नहीं होगा
04:01चलते रहे चलते रहे
04:06देखिए मुझको लेकर के
04:09बहाना मत बनाईए कि इस आदमी के लिए
04:10आसान था इसलिए अलग चल लिए
04:12हमारे लिए आसान नहीं नहीं चलेंगे
04:13मुझे बहाना मत बनाईए
04:15बलकि अगर आपको
04:17मेरा इस्तेमाल ही करना है
04:19तो मेरी कहानी को सहारा बना लीजिए
04:21मेरी कहानी
04:26हर उस आदमी के लिए सहारा बन सकती है
04:28जो अलग चलना चाहता है पर संशय से घिरा हुआ है
04:32और मैं हर तरीके से अलग चला हूँ
04:37और उन्ही परिस्थितियों में होते हुए अलग चला हूँ
04:43जिन परिस्थितियों में आप सब हैं
04:46तो कोई बहानेवाजी इसमें नहीं चल सकती
04:48ना खांदानी रहीज हूँ, ना कोई और विवस्था है, ना मैं किसी परंपरा की पीठ पर बैठा हुआ हूँ,
05:02ना अपने उपर मैंने कोई गौड़ फादर कभी सुईकार करा, ना किसी राजनेता से या राजनेतिक विचारधारा से संबद्धू,
05:15कोई नहीं है मेरा, एकदम कोई नहीं, ना धर्म के शेतर में कोई मेरा है, ना समाज में है, ना राजनीती में है, ना मेरे पीछे कोई फ़न्डिंग लगी हुई है, कुछ नहीं, अकेला ख़ड़ा हूं जैसे अभी आपके सामने, बिल्कोल ऐसे ही खड़ा हूं,
05:35अक्रिपा करके कोई कलपना, कोई कहानी मत बना लीजेगा
05:39कि किसी ना किसी का तो इनको समर्थन मिलाओगा
05:41एकदम किसी का नहीं
05:43और मैं गर्व अनुभाव करता हूँ ये कहने में
05:46कि मैंने सहारा दिया है
05:49जब कुछ नहीं था मेरे पास
05:52तब भी सहारा दे रहा था
05:57आप भी दे सकते हैं
06:00बहुत साल पहले इसको अंग्रेजी मैंने ऐसे बोला था
06:05गिफ गिव एंड गिव एंड गिफ रॉम एंटी पॉकेट्स
06:08जब जेब खाली हो ना तब देने में और मजा आता है
06:12और मज़ेदार बात ये कि तब देते जाओ तो पता चलता है
06:16अरे जेब में अभी और है
06:17अपने ही छुपे हुए कोश फिर खुल जाते हैं
06:23अपने आपको निर्बल या निर्धन मत मानिये
06:28आपके पास बहुत कुछ है
06:29देना शुरू करिए ना
06:31चलना शुरू करिए आपकी ताकत अपने आप खुलेगी
06:37वक्त की बात है
06:48अभी कह रहा था कोई नहीं है साथ में
06:50अगर कोई साथ में है तो आप लोग है
06:52और आप लोग भी बस साथ बने रहे हैं
06:57और एक जुंड बन जाए एक समुदाय बन जाए
06:59ऐसी मेरी बिलकुल इच्छा नहीं है
07:01बलकि मैं चाहता हूँ कि हमारे संबंध पर
07:05एक कड़ी शर्त रहे
07:06और वो शर्त यह है कि जब तक
07:09आप प्रयास रथ हैं कि आप उठते रहें
07:12जीवन में बहतर होते रहें
07:13और जब तक मैं उस प्रयास में
07:16सहयोगी हो पा रहा हूँ
07:17तब तक हमारा आप का रिष्टा रहें
07:20जिस दिन आप ऐसे हो जाएं कि कहें कि
07:23हमें तो बस सुनना है करना कुछ नहीं
07:26हमें तो बस किताब पढ़नी है वीडियो देखना है
07:30जीना कुछ नहीं उस दिन मैं आपको
07:32अपने आप से दूर कर दूँ और जिस दिन मैं ऐसा हो जाओं कि
07:36मेरे माध्यम से आपकी चेतना को आपकी मुक्ति को
07:41कोई लाव होना बंद हो जाए उस दिन आप मुझे दूर कर दीजिएगा
07:44यह हमारा रिष्टा होना चाहिए और इस रिष्टे में यह कड़ी शर्थ होनी चाहिए
07:50ठीक है ना यह भी नहीं है कि चलो कोई बात नहीं अकेले चले थे
07:55पर अब तो बहुत लोग साथ है ना साथ वगरा क्या होता है
07:59इंसान साथ के लिए थोड़ी प्यादा होता है
08:01बात आ रही है से मुझ में
08:09रखनी है ये शर्त
08:16मैं अपना चहरा आपको तभी दिखाऊ
08:18जब मुझे पता हो
08:21कि आपके सामने
08:25खड़ा होना मैंने अर्जित करा है
08:28जब मुझे पता हो
08:30कि परिस्थितियों का सामना करके
08:33आपके सामने आया हूँ
08:34कि बीते हुए दिन में
08:39पूरी मेहनत करी है मैंने और काम के साथ
08:41इंसाफ किया है और इस बूते पर
08:43आपके सामने खड़ा हूँ मुझे पता हो तो ही मैं
08:45मैं आपके सामने खड़ा हूँ और आप भी मेरे सामने तभी आएं या आप कह पाएं कि जिसके साथ हैं कम से कम थोड़े बहुत उसके जैसे हो रहे हैं ये शर्थ ठीक है कि नहीं है या आप मेरे लिए गौरफ का साधन है और मैं आपके लिए मनोरंजन का और बड़ी हम बी�
09:15इतने बड़े हो गए भाई और जो आप बड़े हो जाते हो तो कई तरह के लाब मिलने लग जाते हैं आर्थेक, सामाजेक, राजनेतिक, लाब लेने शुरू कर दो ये करूं मैं
09:28कैसे लगेगा आपको अगर मैं आपको अपने लिए बस गौरफ का साधन बना लू तो बोलिए
09:41बोलिए कैसे लगेगा और मुझे कैसे लगेगा अगर मैं आपके लिए बस मनोरंजन का साधन बन जाऊ तो बोलिए
09:52ना आपको मेरे लिए साधन बनना है, ना मुझे आपके लिए
10:03प्रेम में एक दूसरे के लिए मनोरंजन का या गौरव का या इच्छा पूर्ति का साधन नहीं बनते न?
10:16प्रेम का क्या आर्थ होता है?
10:19प्रेम माने क्या होता है?
10:22एक दूसरे का हाथ इसलिए पकड़ा है, क्योंकि हाथ अगर थामे रहेंगे तो ज्यादा दूर तक चल पाएंगे
10:30और ज्यादा उचे उठ पाएंगे, शर्त है, उस शर्त के बिना कुछ नहीं
10:38बात आ रही है समझ में?
10:48मेरे लिए आसान नहीं था, आपकी तरह बिलकुल इनसान हूँ, एकदम आपकी तरह और आपको भरोसा देला रहा हूँ, जितने भी दिन जीऊँगा, मैं कभी नहीं बोलने जा रहा है कि मुझे में कोई दिव्विता है, अनूठापन है, निराला हूँ, अलग हूँ, अद
11:18होता हूँ, तो यह समझ लीजे कि पहले भी आसान नहीं था, एक तरह की चुनौतियां थी, आज भी आसान नहीं है, आज चुनौती यह है कि मैं अपने आपको उन्ही के जैसा घोशित कर दूँ, जो समाज में और धर्म में नेता बनकर भूम रहे हैं, अप्रयास करने लग
11:48कि नहीं मौजूद है, आते हैं इधर उधर से नियोते आवंतरण, आप हमारे साथ बैठना शुरू कर दीजिए, आप क्यों नहीं हमारे दल में शामिल हो जाते हैं, और मैं अगर वैसा करने लग जाओं तो आपके किसी काम का नहीं बचूँगा, जब मैं किसी दल में शाम
12:18कि आप कैसे राजनतिक हस्तियों के दिवाने हुए बैठे हैं, आप तो दूर से उनके दिवाने हैं, मुझे तो बहुत पास से बुला रहे हैं,
12:32बुलो, और आपको फिर राजनेताओं का और अभिनेताओं का और बड़े उद्योगपतियों का, सेठों का और यही सब जो प्रभावशाली लोग हैं, आपको उनका ही मुरीद होना है, तो आप उनहीं के साथ रहिए, क्योंकि आप एक ऐसे आदमी के सामने खड़े हैं,
12:59जो समाज में उतरा है उन प्रभावशाली लोगों के लिए, नहीं आपके लिए, और ये तो देखिए, बेवफाई होती हैं, जो प्यार में बिल्कुल बरदाश्ट करी जाती नहीं,
13:19कि साथ हम तो आपको समर्पित हैं और आपने दिल कहीं और लगा रखा है, चलता नहीं न, और आपने जहां दिल लगा रखा है वो हमारे पीछे हैं,
13:31और हम उनको घास नहीं डालते
13:34और आप वहाँ जाकर के
13:36जी जी जी जी जी जी कर रहे हैं
13:39यह नहीं चलेगा
13:39यह बात भी मैं
13:50गौरव बताने के लिए नहीं कर रहा हूं
13:52इसमें कोई गौरव की बात नहीं है
13:56समाज तो जहां भीड देखता है
13:59उसी को स्रेष्ट मान लेता है
14:01यह तो जाहिर सी बात है हो गई
14:03मेरे साथ भी होगा
14:06और भी कई भीड़ो वहाँ भी होगा
14:08तो इसमें कोई गौरव की बात नहीं है
14:09इसमें साउधानी की बात है
14:11एक निष्ठा होनी चाहिए क्योंकि एक सत्य है
14:16और वही एक सत्य है जो जीवन में नवीनता लाएगा
14:23एक जिंदगी, एक दिल, एक सत्य, एक प्रेम
14:29दूजा कोई नहीं
14:33ठीक, हमने हर चीज को multiple बना रखा है
14:38जहां देखो वहां तीसरा पाँचवा, ठारवा पैदा कर रखा है
14:42जिंदगी आमें लगता है बहुत सारी है, हमारा ही तो दूसरा जनम हो जाएगा
14:46सौ बार समझाया, आप जो हैं, आपका नहीं होगा
14:49जिसका पुनरजनम होता है, वो वस्त दूसरी है
14:53आप जो व्यक्तित तो हैं, इसका कोई पुनरजनम नहीं होता
14:58लेकिन एक जिंदगी ये बात भी हम नहीं मानते हैं असानी से
15:04बार बार बोलता हो, आपकी तो एक ही जिंदगी है
15:06एक सत्य हम वो बात भी नहीं मानते हम दौयत में विश्वास रखते हैं
15:15हम कहते हैं मैं भी सत्य हूँ, संसार भी सत्य है, तो दो सत्य तो कम से कम हैं ही है, और एक तीसरा भी है, भगवान भी है, वो भी सत्य है, तो दो का तीन भी बना देते हैं, चार पाच भी बना सकते हो, मर्जी है, असंख ये सत्य बना लो, और मैं कह रहा हूं, एक जिंदगी,
15:45एक जिन्दगी का मतलब होता है, एक पल भी बरबाद नहीं करना, दूसरी नहीं मिलेगी, एक जिन्दगी का मतलब समझते हैं, सब तरह के विचलन और विक्षे बाहर, समय नहीं है, एक जिन्दगी है, बीता पल लोटता नहीं, और आगे के पल पता नहीं कितने हैं, समय क्या
16:15एक जिन्दगी, एक सत्य, एक निष्ठा, अगर सत्य एक है, तो पाँच से मेरी निष्ठा कैसे हो सकती है, पाँच जगे दिल कैसे लगा सकता हूँ जब सच्चा ही एक है तो, बोलो, कि लगाना है, ऐसे को पसंद करोगे, जब सत्तर जगे आशिकी करते फिरते हैं,
16:39आपको मुझे पर फक्र रहें, मुझे आप पर फक्र रहें, अच्छी चलेगी ना जोड़ी,
17:03आप निराश हो रहे हों, मुझे देखें, चित प्रसंद हो जाए, है ना?
17:10आप कई बार लिख के फेज़ते हैं, कि मन बहुत खिनन था, फिर तभी वीडियो का नोटिफिकेशन आ गया, अब बढ़िया हैं,
17:19कई लोग ऐसे भी कहते हैं, कि आप में अत्या ही करने जा रहा था, आपने बचा लिया, अब मैं आपको बताना चाहता हूँ,
17:26ये सारे विचार मुझे भी आते हैं, मैं किसकी और देखूँ?
17:34तो हमारा रिष्टा ऐसा रहे कि मैं आपको देखूँ, और मेरा चित्त भी हर्शित हो जाए, तो ठीक रहेगा ना?
17:39नहीं तो एक तरफा हो जाती है बाचीत, आप तो मुझे देखते हैं, तो आपको प्रेड़ना भी मिल जाती है, उर्जा भी मिल जाती है, उत्साह भी मिल जाता है, होता है ऐसा?
17:49तो मेरे लिए भी तो आप होने चाहिए न
17:53या मैं आपको देखूँ और आप बिलकुल वही जमाने की लाइन में लगे हुए है
17:56तो मुझे अच्छा लग रहा है
17:58या तब और लगे हैं कि छोड़ो यार ऐसे क्या करना जी के
18:01सच
18:15अनन्त होता है
18:19असीम होता है अजिय होता है
18:24लेकिन प्रकृति में वो सदा अल्पमत में होता है
18:28तो आप अगर एक उची प्रेम भरी सही जिंदगी जीएंगे
18:35तो आप हमेशा अल्पमत में ही होंगे
18:37अल्पमत में रहने की तयारी कर लीजिए
18:43और अल्पमत में रहने को ही सामान ने मान लीजिए
18:46दस के बीच में आप अकेले रहेंगे
18:50इस बात को आप अपना दुर्भाग्य भी मान सकते हैं
18:53बोलो क्या मानना है
18:56ये पक्का है कि दस क्या सौ में आप अकेले रहोगे
19:01इसको आप अपना अकेला पन भी मान सकते हैं
19:03और अपना अनूठा पन भी
19:04बोलो क्या मानना है
19:06इतनी मुझे उम्मीद नहीं है
19:10कि ये दुनिया ऐसी हो जाएगी
19:12कि एक दिन
19:12800 करोड में से 700 करोड
19:16सच्चाई के आशिक होंगे
19:19नहीं होने वाला
19:20हम जहां तक अपना जीवन काल देख सकते हैं
19:22आप तो अलपमत में ही होंगे
19:24कभी दस में एक, कभी हजार में
19:25उसको अपना अनूठा पन मानियेगा
19:28वो अनूठा पन है आपका
19:32ठीक वैसे जैसे शिखर पे चड़ा होता है
19:33और अखेला होता है
19:39आपके बच्चे होते है
19:41आप चाहते हैं कि वो
19:43कोई प्रवेश परीक्षा पास कर ले
19:47और वहा पर सलेक्शन रेशियो होता
19:49वो ऐस Apparently होता है
19:50हजार में से एक का चैन हुआ
19:52ऐसे ही होता है न
19:53तो में हजार में एक निकला
19:55आपका बेटा आपकी बेटी
19:57ये बात सभाग्य की होती है दुर्भाग्य की
20:00तो आपके बच्चे जब हजारों से अलग काम करें
20:05तो अनिवारे रूप से ये मत मान लीजएगा
20:08कि उन्होंने कुछ गलत ही करा है
20:09और आप भी जब पाएं की सच का रास्ता
20:15आपको हजारों से अलग ले जा रहा है
20:17तो कुछ अनिष्ट नहीं घट रहा
20:20कुछ बहुत अच्छा बहुत उचा हो रहा है आपके साथ
20:24समझ में आ रही है बात ये है
20:32दो नावों पे एक साथ पाऊं रखकर नहीं चल पाएंगे
20:41और छूटे की कौन सी नाव ये पहले से पता है
20:46जो बड़ी वाली नाव है आप उसी में सवार हो जाएंगे
20:54एक तरफ है उनका इतना उड़ा टाइटैनिक और दूसरी तरफ है हमारी छोटी सी लाइफ बोट
21:04टाइटैनिक और लाइफ बोट के आकार में क्या नुपाद होता है दस हजार और एक या एक लाख और एक ऐसे ही कुछ
21:13बस इतनी इसी बात है कि एक डूपता है एक बचता है
21:36अपने अकेले पन से प्रेम करना सीखिए
21:40अपने तो बार बार यहां नहीं आ पाएंगे
21:45बहुत अनुभाव से बोल रहा हूं
21:50दूसरे आपको खीच ले जाएंगे
21:55अपने पाठकों अपने श्रोताओं के साथ क्या मैंने तो अपने गत्त जीवन में भी इस अनुभाव करदर्द सहाए
22:10जिन पर समाज की बहुत पकड़ होती है वो बहुत दूर तक मेरे साथ नहीं चल पाते
22:25सराज बहुत कुछ है जो आपसे सुनते हैं बहुत कुछ है जो आपसे सीखते हैं पर कोई एक बात है जो आप चाहेंगे कि यहां मौझूद हर वेक्ति उससे अपने साथ ले कर जाए और अन्तक जाद रखे
22:39छोटा मत अनुभाव करना कभी
22:43और यह चाहेंगे सब
22:51कि छोटा अनुभाव करो यह शब्द है न मुझे बहुत प्यारा है ठसक ऐसे तनके खड़े रहना है यह थोड़ा सा पीछे को फिका रहे
23:07यह थोड़ाव
23:17यह थोड़ाव
23:21यह थोड़ाव
23:27जो चीज अवश्यंभावी है उसकी तैयारी पहले से
23:41जहां हर चीज में मिलावट है जहां धर्म संस्कृति इनके नाम पर सिर्फ
23:59विक्षे परोसा जा रहा है वहां अगर आप एक सही साफ सुतरी सिंदगी जीओगे तो अल्प संख्या खी रहोगे
24:10अपने आपको विश्व की सबसे छोटी माइनॉरिटी मानने की तैयारी कर लो
24:18हम और उसको मालू में क्या बोलते हैं उसको बोलते हैं सचेत व्यक्ति वो एक की माइनॉरिटी होता है
24:31वैसा भी नहीं कि
24:33दस बारा लोग का
24:35एक जुंड है एक दल है
24:37एकदम अकेले
24:38अल्प संख्यक हैं और
24:40इतने अकेले हैं
24:43और जो इतना अकेला होता है उसको
24:44सब चले आते हैं दवाने के लिए
24:46जो इतना अकेला होता है
24:51सब चाते हैं उसमें चड़ बैठें
24:52किसी को
24:54हक नहीं देना है कि चण बैठे
24:56समाज के प्रति एक स्वस्थ
25:06अनादर का भाव रखो
25:08healthy contempt
25:11healthy बोला है यह नहीं कि जो मेला उसी को जाड़ दिये
25:17वो रखना ज़रूरी है क्योंकि अपने आपको वरना बचा नहीं पाओगे
25:31हर बच्चा एक संभावना लिए पैदा होता है
25:35दुनिया उस संभावना को खा जाती है दुनिया आपको भी खा जाएगी
25:38दुनिया है ही इसी लिए कि इनसान को खा जाए
25:43भरत्रहरी कह गए थे ना तुम नहीं खाते
25:52दुनिया तुमको खाती है तुम सोच रहे हो कि तुम भोग को भोग रहे हो
25:58भोग तुम्हें भोग रहे है तुम नहीं खा रहे है यहां पे तुम पैदा हुए हो
26:03खाए जाने के लिए यह दुनिया सबको खा जाती है
26:07तैयार रहो
26:10नहीं खाये जाना है
26:12गरिमा
26:14डिगनिटी
26:15क्या
26:16डिगनिटी
26:18ऐसी गरिमा जो दहारती है
26:21बत्तमीज गरिमा
26:24मैं जिस बत्तमीजी की बात कर रहा हूँ
26:33वो अच्छी ही नहीं है
26:34वो आवश्यक है
26:35साधारण बत्तमीजी की बात नहीं कर रहा
26:38यह सर है
26:48यह सिर्फ सत्य के सामने जुकता है
26:50क्या
26:51और अगर पचास जगे जुकता है
26:58उसके बाद सत्य के सामने जुकता है
27:00तो भला है कि सत्य के सामने भी न जुके
27:02बिका हुआ सर
27:03सत्य के सामने सर जुकाने
27:07का महत्तु सिर्फ तभी है
27:10जब वो
27:10सर कहीं और न जुका हो
27:13कहीं जुकना नहीं चाहिए
27:15वो गर्मा वो ठसक
27:18बनी रहे
27:19सर जुके नहीं और हाथ फैले नहीं
27:28याचक नहीं बनना है
27:30बिखारी नहीं है हम
27:32सहारा दे देंगे, मांगेंगे नहीं, और खूब सहारा देंगे, किसी को सहारा देने में अपना नुकसान होता हो, तो और देंगे सहारा, तभी तो मज़ा है न, देखें तो कितनी चोट जहल सकते हैं,
27:49जिसको सहारा दे रहे हो, वहीं पलट करके मारे हमें, तो भी उसको देंगे सहारा, देखें तो दिल कितना बड़ा है,
28:00आरी बात समझ में, सच्चाई का सिपाही, संसार के दर पे भिखारी थोड़ी बनेगा, या बनेगा,
28:22हटो, हटो तुम, ये भाव रहता है फिर, प्रेम में तो सब कुछ अर्पित कर देंगे,
28:43पर जहां डर है, जहां लालच है, जहां धमकी है, जहां दबाव है,
28:52वहां हमसे बस उपेक्षा और अनादर ही पाऊगे, ठीक है ना ये,
28:57और कभी भी ये भाव उठेगा अगर, कि ये तो हारी हुई चीज है,
29:07सामने आल अला पक्ष बहुत बलवान है, हम छोटे हैं, कमजोर हैं,
29:12ऐसी भावनों क्या करना है, दूरट छूख,
29:14सबसे बड़ा दोश है, कमजोरी,
29:23अहम वृत्ति को ऐसे भी परिभाशित कर सकते हो,
29:27अपने भीतर का वो भाव जो कहता है,
29:29कि हम संकुचित हैं, सीमित हैं, शुद्र हैं, संकीर्ण हैं,
29:32उसे अहम वृत्ति कहते हैं,
29:34अपने ही भीतर की संकीनता को अहम वृत्ति कहते हैं
29:40जब भी ऐसा भाव आए हमसे क्या हो पाएगा पर हम क्या कर सकते हैं
29:44एकदम उसको पत्थर मार के भगा दो
29:47पढ़ेंगे तो उचे से उचा पढ़ेंगे, देखेंगे तो उचे से उचा देखेंगे
29:54गटिया साहित्य नहीं पढ़ेंगे
29:57गटिया संगती नहीं करेंगे
30:00गटिया जीवन नहीं जीएंगे
30:03गटिया नौकरी नहीं करेंगे
30:05गटिया पेशा भी नहीं अपनाएंगे
30:08और हम सब जानते हैं कि गटिया किसको कहते हैं
30:14कम से कमा अगर मेरे साथ रहें आप
30:16तो आप भली बात ही जानते हैं घटिया किसको कहते हैं
30:19जानते हुए भी अगर घटिया गाम करा
30:23तो अपने आपको माफ नहीं करेंगे
30:25ठीक है ना?
30:34और फिर तन कर जियेंगे
30:36क्योंकि पता है कीमत चुगाई है
30:38खोखला घमंड नहीं कर रहे
30:42ठोस गरिमा है
30:46गरिमा और घमंड में अंतर होता है
30:49ना? हाँ
30:50बाहर बाहर लोगों को लगा है की घमंडी हो गए हो
30:53वो यहीं कहेंगे कि यह तो अपने में चलते हैं
30:56बहुत घमंडी हो गए हैं अपने आपको तुर्रमखा समझते हैं
30:58कहने दो
30:59तुम्हें इतनी समझ ही होती
31:02कि घमंड अलग चीज है और गरिमा दूसरी
31:04तो तुम कुछ और होते हैं
31:09हम पर आक्षेप नहीं कर रहे होते हमारे साथ होते
31:11एक एक चीज में चुनाओ करेंगे न
31:27क्या कपड़ा पहन रहे हैं
31:30क्या खाना खा रहे हैं
31:31कहा रह रहे हैं
31:32कौन सी किताबें पढ़ रहे हैं
31:35कौन सा चैनल देख रहे हैं
31:37किन लोगों का समर्थन कर रहे हैं
31:39किन का विरोध कर रहे हैं
31:41कर सकते हैं कि नहीं कर सकते हैं
31:45और जब करेंगे तो
31:48पहे ताकते जो विरोध करेंगी
31:51उनको झेलेंगे ना
31:52जेलेंगे और जब जेलेंगे तो पता चलेगा रे तो जेल सकते थे
31:57इतना भी मुश्किल नहीं था चोट लगी लेकिन बरदाश्ट कर सकते थे
32:01पहले भी बरदाश्ट कर सकते थे आज तक क्यों नहीं बरदाश्ट किया
32:05चोट लगी, दर्द हुआ, और जब लगती है चोट तो तिल मिलाता है आदमी, तिल मिलाएंगे आप एक बार को, कदम लड़ खडाएंगे, लेकिन लड़ खडा रहे हो, कदम आप सम्हाल लीजेगा, सम्हाल सकते हैं, हैम में इतना दम, सब में होता है।
32:35तो इतनी आसानी से कैसे लड़ खडा सकते हो, रिशियों ने वो बात सिर्फ अपने लिए नहीं बोली थी, हम सब के लिए बोली थी ने, अमरितत से पुत्रा।
33:05या कोई मजबूरी आ रही है कहेंगे, कोशिश करके तो देखते हैं।
33:09अंजाम क्या निकलेगा हमें पता नहीं। प्रयास करने में भी कोई बंधन है।
33:15परिणाम पर हमारा बस नहीं।
33:19क्या प्रयास भी हमारे हाथ में नहीं।
33:21बोलिए।
33:23प्रयास करेंगे पूरी मानदारी से करेंगे न।
33:27करेंगे न।
33:29एक बार भी अरजुन को नहीं कहा कि तुम जीतोगे।
33:33लेकिन बार बार कहा कर्म पर अधिकार है कर्म से कैसे पीछे अट रहे हो।
33:38कौन सा कर्म।
33:41निश्काम कर्म जो कहां से आता है।
33:44अपने भीत्र के अंधेरे को जानने से और लड़ने से आताय है।
34:04गीता उतरेगी एक एक पल में पक्का नहीं।
34:09पर प्रयास तो करेंगे, करेंगे ना, करेंगे, ना दैन्यम, ना पलायनम, ना हम छोटे हैं, ना हम मैदान छोड़ कर भागते हैं,
34:32चोट लगती है, चोट सहते हैं, मौत आती है, मौत सहते हैं, मौत भी कोई हमें पहली बार आ रही है, क्या, मौत भी बहुत पुरानी है, नया तो वो जीवन है, जिसके लिए प्रयास कर रहे हैं,
34:54हजार बार पहले मरें, एक बार और मर लेंगे, पर नए जीवन के लिए प्रयास तो करेंगे न, करेंगे न,
35:02ये बात बिलकुल अधूरी छोड़ कर जा रहा हूं, क्योंकि बात कभी पूरी नहीं होती,
35:19पूरा तो जिन्दगी को ही होना होता है, जिन्दगी को आपको पूरा करना है, हां?
35:32कभी बिलकुल आज टूटने लगे, भरोसा मिटने लगे, लगे कि घुटने टेक ही दें,
35:48और बाकी सब उपाय काम ना रहे हों, तो एक उपाय ये और कर लीजिएगा,
35:54याद कर लीजिएगा कि एक व्यक्ति है, जो कम से कम अभी घुटने नहीं टेक रहा है,
36:03आप अगर अकेले भी हैं, तो एक और व्यक्ति भी है जो अकेला है,
36:18दो अगर अकेले हों, तो अकेले तो नहीं कहलाते, जो संघर्ष आपका है,
36:30वही मेरा भी है, ना आपको सर जुकाना है, ना मुझे, ना आपको घुटने टेकने हैं,
36:39ना मुझे, और चलेंगे तो साथ, बढ़ेंगे तो साथ, समझ में आ रही है बात?
37:09जो अकेले हैं, जो अगर भी है, पाले तो साथ, वही है, जो एट रही है, बात?
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