00:00राजधानी राची धार्मीक और शांश्कृतिक द्रिष्टी से भी विशिस्थ है।
00:30पारबती जी बोले कि नहीं मेरा मैं के हैं जाना है मैं के हैं तो इसलिए वो जबर जैस्ति मनेचर गया तो एक जबाब बोले अपना कि अगर मेरा जब जो भी होगा
00:59मेरा आहित होने पराईएगा ऐसे नहीं आएगा तब उसके बाद बहुत अब सब्सक्र बोले संकर भवान के नाम से बहुत उनको बोले तो बहुत विवोख होगी है सती जी बहुत विवोख होगी कब हम का करें
01:11उसी भाव और चन को मूर्त रूप दिया गया है प्रसिद्य मूर्तिकार रामपाल ने यह मूर्ति बनाया है यह प्रतिमा बर्स 1990 में स्थापित की गई थी भगवान शीव और मासती दोनों की
01:35स्थानिय पुजारी बताते हैं कि मनोकामना पूर्ति के लिए भक्त यहां दूर दूर से आते हैं
02:04यह 26 फूत है लंबा 26 फूत है आपका सती जी जो कंद्यव देव है वो 26 फूत है
02:11टोटल लोग यह 52 फूत नहीं है ऐसा नहीं है इस टाइप का नहीं है बाकी है बहुता मकरी शीव सती का नहीं है
02:22जो काली बाव विशीट अप्रवेजा राची में है राज भवन का सामने है रांपाल मुर्टिकार है जो बड़ा-बड़ा मुर्टिकार बनाते हैं इस
02:23साबर में कितना महत बढ़ जाता है बहुत महत बढ़ जाता है और इसमें खुबी है कि जो भी
02:53स्थान नाकेवल सद्धा का किंद्र है बलकी धार्मीक परळेटन के
03:23ुचित प्रचार और सुविधाय मिले तो यह राची की एक प्रमुक अध्यात्मिक धरवर बन सकता है चंदन भटाचारिया एटीबी भारत राची