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  • 2 days ago
विश्वमूर्त्यष्टक स्तोत्रम् | हिन्दी अर्थ सहित | Visvamurtyashtak Stotram | By Jitendra Sharma |

Singer Jitendra Sharma
Editor Pawan Sharma

#maaparmeshwarikripa #vishvamurtyashtak

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Transcript
00:00एकारणाया खिलकारणाये नमो महाकारण कारणाये
00:18जिनका कोई कारण नहीं है पर जो स्वयम संसार के कारण एवं महाकारण के भी कारण है उन्हें मैं नमस्कार करता हूँ
00:41कालागनी को नित्र में धारण करने वाले शिव को नमस्कार करता हूँ
00:48हे विश्व मूर्ते मैं कृताफराद अफरादी हूँ मेरी रक्षा कीजिए
00:54नमोस्त्वहीना भरनाय नित्यम नमह पसुनाम पतये मृड़ाये
01:06वेदांत वेद्याय नमो नमस्ते कृताग सम्मा मववी स्वमूर्ते
01:18स्थ्रेष्ट आभूसन को धारण करने वाले समस्त प्राणियों के स्वामी भगवान मृड़ को नित्यम नमस्कार है
01:29उपनिसदों के द्वारा जिनका अवबोध प्राप्त होता है उन्हें बार-बार नमस्कार है
01:36हे विश्वमूर्ते मैं कृता अपरादी हूँ मेरी रक्षा कीजिए
01:43नमोस्तु भक्ते रहित दान दात्रे सर्वो सधी नाम पतये नमोस्तु
01:57ब्रह्मन देवाय नमो नमस्ते कृताग सम्मा मवविश्वमूर्ते
02:09भक्ती और कल्यान का दान करने वाले तथा सभी ओस्तियों के स्वामी को नमस्कार है
02:19ब्रह्मन देव को बार-बार नमस्कार है
02:22हे विश्वमूर्ते मैं कृता अपरादी हूँ मेरी रक्षा कीजिए
02:28कालाय काला नलसन्नि भाय हिरन्य गर्भाय नमो नमस्ते
02:42हाला हलादाय सदा नमस्ते कृताग सम्मा मवविश्वमूर्ते
02:53काल और कालागने के सब्रिसे हिरन्य गर्भ को बार-बार नमस्कार है
03:03हाला हल को पेने वाले भगवान सिव को सरवदा नमस्कार है
03:09हे विश्वमूर्ते मैं कृता अपरादी हूँ मेरी रक्षा कीजिए
03:16विरिंचिनारायन सक्रमुख्यर ग्याते विर्यायनमो नमस्ते
03:29सुक्समाति सुक्समायनमो घहंत्रे कृतागसम्मामवविश्वमूर्ते
03:43ब्रम्हा विश्णु इवं सक्रादी देवताओं के द्वारा भी जिनके प्राक्रम नहीं जाने जा सकते
03:51उन्हें बार बार नमस्कार है जो सुक्समे से भी सुक्समे है और पाप के विनास करने वाले हैं
03:59ऐसे सिव को मैं नमस्कार करता हूं हे विश्वमूर्ते मैं कृता अफराद अफरादी हूं मेरी रक्षा कीजिए
04:09अनेक कोटिंदु निभाय तेस्तु नमो गिली नाम पतय घहंत्रे
04:21नमो स्तुते भक्त विपधराय कृताग सम्मा मवविश्वमूर्ते
04:33अनन्त अनन्त चंद्रमा के समान अहलाद परदान करने वाले आपको मेरा नमस्कार है
04:43गिरीस अग्ह ना सक आपको नमस्कार है भक्तों की विपत्ति को दूर करने वाले आपको मेरा नमस्कार है
04:54हे विश्वमूर्ते मैं कृता अपराधी हूं मेरी रक्षा कीजिए
05:01सर्वान्त रस्थाय विसुद्ध धामने नमोस्तु ते दूष्ट कुलान्त काये
05:15समस्त ते जो निदये नमस्ते कृताग सम्मामव वीश्वमूर्ते
05:26सभी में आत्म रूप में स्थित विसुद्ध तेज से युक्त दुष्ट कुलों का नास करने वाले आपको नमस्कार है
05:37समस्त तेजों के निधी आपको नमस्कार है
05:42हे विश्वमूर्ते मैं कृताफराध अपराधी हूँ मेरी रक्षा कीजिए
05:48यज्याय यज्यादी फल प्रदात्रे यज्य स्वरूपाय नमो नमस्ते
06:01नमो महानन्द मयायनित्यम कृताग सम्मामव विश्वमूर्ते
06:13यज्य तथा यज्य आदि का फल प्रदान करने वाले एवं यज्य स्वरूप आपको बारंबार नमस्कार है
06:22परमानन्द स्वरूप आपको नित्य नमस्कार है
06:26हे विश्वमूर्थे मैं कृता पराधे अपराधी हूँ मेरी रक्षा कीजिए
06:32इतीस्तुतो महादेवो दक्षम प्राहे कृतान जैलिम
06:40यत्ते अभिला सितम दक्षे तत्ते दास्या में हम ध्रुवम
06:48हाथ जोडे हुए दक्ष के द्वारा इस प्रकार इस्तुति किये जाने पर भगवान सिव ने कहा
06:57हे दक्ष तुम्हारा जो अभिष्ट है उसे मैं अवस्य ही दूँगा
07:02अन्यचे स्रिनू भोदक्षे यच्चे किंचित ब्रवी मेहम
07:10यत्कृतम हीमम इस्तोत्रम त्वया भक्त्या प्रजापते
07:16ये स्रध्धया पठिशंती मानवह प्रत्यहम सुभम
07:24निश्कल्म साभविशंती सापराधा अपिद्रुवम
07:30हे दक्स और भी जो मैं कह रहा हूँ उसे तुम सुनो
07:37हे प्रजापते तुमने जो मेरी इस्तोती की है
07:41उस सुभ इस्तोती को जो लोग स्रध्धा से प्रति दिन पढ़ेंगे
07:46वे अपराध करने पर भी सर्वथा पाप से रहित और निश्कल्मस हो जाएंगे
07:52ओम नमसिवाएंगे

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