Heart Attack In Children: 6 से 14 साल के बच्चों की हार्ट अटैक से अचानक मौत की खबरें बढ़ रही हैं. पिछले 7 महीनों में जो घटनाएं घटी हैं, वो चिंता बढ़ाने वाली हैं. आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? क्या है इसके पीछे की वजह? जानिए कौन सी सावधानियां बरती जानी चाहिए.Heart Attack In Children: Why are heart attacks increasing in small children, Causes, Symptoms,Prevention |
00:00जो दिल कल तक सिर्फ मम्मी पापा कहने पर धड़कता था आज उस दिल पर स्ट्रेस, स्क्रीन डाइम और सौफ ड्रेंग का अटेक हो रहा है
00:11बच्चे स्कूल में किताब से कम, टैबलेट से ज़्यादा जूट रहे हैं
00:16खेल के मैदान अब मोबाइल स्क्रीन में समा गई है
00:19जियां, दो साल से लेकर 14-15 साल के बच्चों में भी अब हार्ट अटेक आ रहा है
00:24हाला कि ये अभी बहुती रेयर है
00:27लेकिन फिर भी हर एक लाख बच्चों में से एक से तीन बच्चों को हार्ट अटेक और काडेक अरेस्ट होता है
00:33आखिर इसके पीछे की वज़ा क्या है? चलिए आपको बताते हैं इस वीडियो में
00:37दरसल बच्चों में हार्ट डिजेज बहुती रेयर होता है
00:40फिर भी इन मामलों में अचानक काडेक अरेस्ट हो रहा है
00:44इसके पीछे कई सारी वज़ा है
00:47जैसे की जन्मजात हार्ट डिजीज
00:50कुछ बच्चों को जन्म से ही हार्ट डिफेक्ट प्रॉब्लम होती है
01:07इससे दिल की मानसपेशियां कमजोर हो जाती हैं जिससे हार्ट अटेक का खत्रा बढ़ जाता है।
01:37चीनी और ट्रांस फैट खाते हैं फिजिकल एक्टिविटी कम हो गई है क्योंकि स्क्रीन टाइम बढ़ गया है। ये बच्पन से ही मोटापे, ब्लड प्रेशर और केलिस्ट्रोल को बढ़ाता है। इसके लावा स्कूल का दबाव, मुबाईल की लद, नींद की कमी ये सब मा
02:07हार्ट अटैक के लक्षन जैसे सीने में दर्द, सांस लेने में कटनाई, ठकान और तोचा का नीला पढ़ना। इसके लावा बेहोशी और उल्टी जैसे लक्षन भी शामिल है। ये तो रही लक्षन की बात, वहीं से बचने के लिए आप प्रॉपर और अच्छी डाइट �
02:37अग्डा बेहोशी जैसे से लेचे के लेचे के लावावा है।