00:00नकसल हिंजा के लिए कुखियात दंतेवारा अब उभर रहा है एक नई पहचान के साथ और ये पहचान है थाई केक बॉक्सिंग में दमदार प्रदर्शन की
00:1136 गड के इस आदिवासी बहुल जिले के युवा आज अंतराश्ट्रे और राश्ट्रे स्तर पर थाई केक बॉक्सिंग में मेडल जीत कर देश का नाम रोशन कर रहे हैं
00:25कलेक्टर कुनाल डुडावत बताते हैं कि दंतेवाडा के बच्चों ने हाली में थाई बॉक्सिंग में कोल्ड और सिल्वर मेडल हांसिल किये हैं
00:35जिला प्रसाशन खेल की सुविदाओं में जिले में बड़ोतरी करने के लिए हर छेतर में हम लगातार कायर कर रहे हैं
00:42इसमें हमारा सचिन तेंदुलकर फाउंदेशन और मांदेशी फाउंदेशन के साथ में मैदान कप इनिशेटिव चल रहा है जिसमें सभी पंचायतों में हम मैदान निर्मान कर रहे हैं
00:52और अच्छी स्पोर्स की सुविदाओं को विर्दी कर रहे हैं
00:54इसी तार्थम में गीदम में बचों को रेजिडेंशियल स्पोर्ट की सुविदा भी प्रदान कर रहे हैं।
01:00स्पोर्ट सिटी का निर्मान भी बरतमान में प्रकिरिया दीन है।
01:03अभी थाई बॉक्सिंग चेंपियंशिप के अंतरगत जिले के तीन बच्चे दो गॉल्ड मेडल और एक सिल्वर मेडल जीत के आए हैं।
01:09थाई बॉक्सिंग के लिए उनको सभी को रेजिडेंशिल ट्रेनिंग प्रोवाइड कराई जा रही है।
01:13साथ की साथ किट्स एवं अन्य सभी आवश्यक सुविदाएं दी जा रही है।
01:17आने वाले समय में हमें पूरी उम्मीद है कि ओलम्पिक्स के सभी स्पोर्ट्स जिले के बच्चों के अंतरगत पॉपुलर होंगे उनको प्रोफेशनल ट्रेनिंग हम उपलब्द कराएंगे।
01:26एवं आने वाले समय में स्पोर्ट्स के छेत में दंतेवाडा की अच्छी पैचान बनेगी।
01:56इन युवाओं की काम्याबी के पीछे सिर्फ उनका जोश नहीं बलकि सरकार के मजबूत पहल भी है।
02:0636 गड़ सरकार ने इन्हें प्रशिक्षन, किट और यहां तक की रहने की सुविधा तक उपलब्द कराई है।
02:13कोच संदीब शाह बताते हैं कि थाई बॉक्सिंग की क्लासेस तो कई सालों से चल रही हैं।
02:19लेकिन पिछले साल से इसे आधिकारिक तोर पर प्रशासनिक सहयोग मिला। तभी से चात्रों को सरकारी फंडिन और ट्रेनिंग का पूरा लाब मिल रहा है।
02:30थाई बॉक्सिंग क्लासेस लगबर यहां पास सालों से चलती आ रही है।
02:34मैं यहां पास सालों से क्लासेस ले रहा हूं।
02:36हम इंडोर स्टेटे में लगबर सर धाई सल पहले आये हैं।
02:39और जब से अभी हाली में इस साल पर 2025 में मैंने गवर्मेंट में हमारे थाई बॉक्सिंग को दंतियोड जीलर प्रसेशन में अटेच किया है।
02:48अटेच किया तब से बच्चों को पूरा फंडिंग वागेरा मैस्वागेरा एकुमेंट सारे चीज़ मिल रहे हैं सर बच्चों को
02:56कुते बच्चे हैं जो आभी मेटल लेखा है।
02:59एर �च के लिए इसमें से लग वहांसे नवंबर में मारा ए Leonardo 6 लग अचई
03:29तुगेंद्र देशमुक की कहानी प्रेड़ना दायक है उन्होंने राइपूर में स्टेट लेवल पर गोल्ड जीता फिर आगरा में नैशनल्स में डबल गोल्ड लेकर लोटे अब वो इंटरनेशनल इवेंट्स की तयारी कर रहे हैं
03:46गौर्मेंट जब से इसको अलाव किया है तब से सरा हमनों को बहुत सबोर्ट मिला है जैसे कि किट्स जो हमनों को प्रॉपर अवेलिबल करा दिया जाते हैं टाइम टाइम पे जो हमनों को ट्रेनिंग भी दिया जाता है एंड उसके सांसा जो हमारे कोज भी है अच्छे-अच
04:16पौर्च में अज़िये में गउर्चक वेड़र से अनुव गांट सुनागे इंटर्शनल भी हैं ?
04:31इंटर्शनल में इसके सब्सक्राइल एक्जांब पहला है और
04:42और अच्छा होता और बाकी सब तो कुछेस तो हैं या बस थोड़ा फंडिंग का और करा देते तो ठीक हो जाता आनंद ठाकुर और नीको ठाकुर जैसे एथलेट बताते हैं कि पहले ना तो मैट्स थे ना सुरक्षा के साधन लेकिन अब इंडॉर सिस्टम की सुविधा और �
05:12और वोग धुररेवर्मेंट मेंन फूरेवर्मेंट अभी चेंब कर दो अफ्र लिय्क मेलों फडला था तो फिर घ्र घ्रित शुर्मेय अफ्रक्रा आशने अटरे क्या लियाए और ती अवान से ओन्वर्मेंट को
05:42आगे मतलब एक प्रोफेशनल फाइटर बनना है में को गवर्मेंट मतलब पूरा मदद कर रहा है प्लस मेरे कोच संदीप सर्थ उन्होंने में को सिखाया और मेरे घर वाले मतलब घर वाले जब बोले कि हाँ ठीक है मतलब जॉइन करवाने के लिए हाँ बोल दिया तो मैं करन
06:12कुछ था नहीं और एक्विमेंट भी नहीं था जैसे शिन गाड नहीं था चेस गार्ड भी नहीं था हैड़ नहीं था तो हम लोग अच्छे से फाइट का प्रैक्टिस करनी पाते थे क्यूंकि अगर उसके बिना करेंगे तो हम लोग को इंजरी हो सकता है मतलब टूनामें�
06:42को संदीप शासर वो पहले अपने घर के पास एक छोटा सा काइंडर रूम टाइप सा था उसमें पहले करवाते थे और गवर्ण में के हल्प से हम लोग अभी इंडो स्टेडियम में सिफ्ट हो गया है
06:54मैं अभी रिसेंटली तेलैंगाना हैदराबाद में हुआ था खैरिता बाद में हुआ था नैशनल हुआ था उसमें मैंने गोल्ड अचीफ किया है
07:06और इससे पहले जो भी मैं हैदराबाद गई थी उसमें मुझे टिकेश्वरी शाहू मैं गो लेके गई थी इससे पहले जो मैंने इंटरनेश्वरी एशेन चेंपेंशिप खेलागा है जो कि पिछले साल नवंबर में हुआ था गोवा में जो कि संदीप सा लेके गई थे जिस
07:36सीखने के लिए उत्साहित हैं
08:06अबी फिर हाल में तो 19-22 जो टोनामेंट हुए थे हैदराबाद ते लंगाना में वहां से अभी तीन मैडल आए तीन बच्चे गए थे जिसमें से दो गोल्ड और एक सिल्वर मैडल आए
08:20साथ ही मैं भी उनके साथ गए थी एक रेफरी के रूप में और मुझे भी रेफरी के रूप में मुझे बेस रेफरी का ओवर्ड भी दिया गया था
08:30आज दंतेवाडा नकसली घटनाओं का जिक्र नहीं कर रहा बलकि ये जिला अब थाइक एक बॉक्सिंग की धर्टी के रूप में भी जाना जाने लगा है
08:39जल्धी स्टेडियम में रिंग लगानी की योजना है जिससे खिलाडियों को और बहतरीन प्रशिक्षन मिलेगा
08:46साथी पंचायत इस्तर पर मैदानों का विकास भी हो रहा है
08:50सचिन तेंदूलकर फाउंडेशन और मान देशी फाउंडेशन के सही योग से
08:55ये कहानी है नए भारत के उस हिसे की जो अपनी पहचान खुद बना रहा है
09:01संघर्ष से सीख रहा है और पूरे आत्म विश्वास के साथ दुनिया के सामने खड़ा है