जन सुराज (Jan Suraaj) के संस्थापक (Founder) प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) का कहना है कि बिहार में पिछले कई सालों से कोई राजनीतिक विकल्प नहीं है। इसकी वजह से बीजेपी (BJP)और नीतीश (Nitish kumar) के डर से लालू यादव (Lalu Yadav) को वोट और लालू यादव (Lalu Yadav) के डर से बीजेपी-जेडीयू (bjp-jdu) को वोट देने की परिपाटी चली आ रही है। उन्होंने कहा कि जनसुराज (Jan Suraaj) के आने से लोगों को दशकों बाद एक रास्ता दिख रहा है। एक विकल्प दिख रहा है जिस पर चलकर एक अच्छी व्यवस्था बनाई जा सकती है। अपने बच्चों के लिए शिक्षा,रोजगार का जुगाड़ हो सकता है। सबसे बड़ी बात ये है कि बिहार (Bihar) से पलायन को रोका जा सकता है।
00:00कि बिहार में पिछले कई वर्सों से लोग इन लोगों को देख चुके हैं, परक्ष चुके हैं, लेकिन राजनितिक बिकल्प नो होने की वज़े से लालू जी के डर से भाजपा नितीश और भाजपा के डर से लालू जी को भोट देने की एक परिपाटी बन गई है।
00:17जन्द सुराज के आने के बाद से पहली बार पिछले कई दसकों में जन्दा के सामने एक रास्ता उनको दिख रहा है, उनको वो बिकल्प दिख रहा है जिस पर चलकर वो समझते हैं कि एक बहतर बेवस्ता बनाई जा सकती है, अपने बच्चों के लिए सिक्षा रोजगार का
00:47नहीं मालूम है, वो बिहार के लोगों को आगे का रास्ता बता रहा है, हमात वो इसका नहीं है कि प्रधानमंत्री टेली प्रोम्टर देखकर बोल रहे हैं कि कागज लिखावा पढ़ रहे हैं, वो बिहार की बात कर रहे हैं कि नहीं इसका बात है, वो निश्चित तोर पर
01:17हो चाहे वो हिंदू हो वो अगड़ा हो या पिछड़ा हो बिहार में तो हर व्यक्ति सफर कर रहा है हर व्यक्ति परिशान है भई यहां पर समाजिक नयाय और समाजवाद की दुहाई देने वाले लोग जिनकी सरकार यहां 35 साल से हैं जो लोग अपने आपको दलितों का अर्�
01:47में यह दिखा कि आज भी 35 वरस से इनके शाषन के बाद भी पांच परतिसत से कम दलित अति पिछड़े और मुस्लिम समाज के बच्चे बारहमी पास कर रहे हैं आगे की पढ़ाई की छोड़ दीजिए नौकरी रोजगार की बाद छोड़ दीजिए बारहमी पास करने वाल
02:17लगती है तो कोई किसी का रहनुमा नहीं है सचाई यह है कि बिहार में पिछले कई वरसों से लोग इन लोगों को देख चुके हैं परक्ष चुके हैं लेकिन राजनितिक विकल्प नह होने की वजह से लालू जी के डर से भाजपा नितीश और भाजपा के डर से लालू जी