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  • 7/15/2025
जन सुराज (Jan Suraaj) के संस्थापक (Founder) प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) का कहना है कि बिहार में पिछले कई सालों से कोई राजनीतिक विकल्प नहीं है। इसकी वजह से बीजेपी (BJP)और नीतीश (Nitish kumar) के डर से लालू यादव (Lalu Yadav) को वोट और लालू यादव (Lalu Yadav) के डर से बीजेपी-जेडीयू (bjp-jdu) को वोट देने की परिपाटी चली आ रही है। जनसुराज (Jan Suraaj) के आने से लोगों को दशकों बाद एक रास्ता दिख रहा है। एक विकल्प दिख रहा है जिस पर चलकर एक अच्छी व्यवस्था बनाई जा सकती है। अपने बच्चों के लिए शिक्षा,रोजगार का जुगाड़ हो सकता है। सबसे बड़ी बात ये है कि बिहार (Bihar) से पलायन को रोका जा सकता है। प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने कहा कि जो बिहार को आगे ले जाने की बात कह रहे हैं उन्हें बिहार के जिलों के नाम भी पता नहीं हैं, उन्होंने कहा कि जो दल पिछड़ों,दलित और मुसलमानों के रहनुमा बनते हैं,वो उनका भला नहीं कर रहे हैं। आज भी बिहार (Bihar) में 35 साल से इनके शासन के बाद भी 5 फीसदी से कम दलित,अति पिछड़े और मुस्लिम समाज के बच्चे 12 वीं पास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार (Bihar) में 60% से ज्यादा लोग बदलाव चाहते हैं।

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~CO.360~HT.408~ED.108~GR.125~

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00:00कि बिहार में पिछले कई वर्सों से लोग इन लोगों को देख चुके हैं, परक्ष चुके हैं, लेकिन राजनितिक विकल्प नो होने की वज़े से लालू जी के डर से भाजपा नितीस और भाजपा के डर से लालू जी को भोट देने की एक परिपाटी बन गई है।
00:17जन्द सुराज के आने के बाद से पहली बार पिछले कई दसकों में जन्ता के सामने एक रास्ता उनको दिख रहा है।
00:47नहीं मालूम है, वो बिहार के लोगों को आगे का रास्ता बता रहा है।
00:51हमात तो इसका नहीं है कि प्रधानमंतरी टेली प्राम्टर देखकर बोल रहे हैं कि कागज लिखावा पढ़ रहे हैं।
00:57वो बिहार की बात कर रहे हैं कि नहीं इसका बात है
01:00वो निश्चित तोर पर मोदी जी बिहार की बात नहीं कर रहे है
01:03यहां तो हर कोई अपने आपको किसी का रहनुमा बताता है
01:07लेकिन सच्चाई यह है कि इन सारे सो कॉल्ड स्वैम्भू रहनुमाओं के बावजूद
01:27समाजिक नयाय और समाजवाद की दुहाई देने वाले लोग, जिनकी सरकार यहां 35 साल से हैं, जो लोग अपने आपको दलितों का, अर्तिपिछडों का, मौसलमानों का रहनुमा बताते हैं, मैं रोज एक आकड़ा बताता हूं, कि बिहार में जातिये जनगन्ना जो इन लोग
01:57समाज के बच्चे 12 पास कर रहे हैं, आगे की पढ़ाई की छोड़ दीजिए, नौकरी, रोजगार की बात छोड़ दीजिए, 12 पास करने वालों की संख्या 5 प्रतिसत से कम है, और अगर उसके बावजूद कोई किसी को अपना रहनुमा बताता है, कोई अपने आपको किसी स
02:27हैं, परक्ष चुके हैं, लेकिन राजनितिक विकल्प नो होने की वज़े से लालू जी के डर से भाजपा नितीस और भाजपा के डर से लालू जी को भोट देने की एक परिपाटी बन गई है, पिछले 30-35 साल में ज्यादा तर लोग जो इन दलों को भोट करते हैं, वो प�
02:57भोट देता है, क्योंकि वो भाजपा को भोट दे नहीं सकता है, इसी तरीके से बहुत सारे लोग जो नितीस और भाजपा को भोट देते हैं, उनको नितीस से कोई लगाओ प्रेम नहीं है, उनको मालूम है कि नितीस की सरकार कैसे चल रही है, उन्हें मालूम है कि गुजरा
03:27पहली बार पिछले कई दसकों में जन्ता के सामने एक रास्ता उनको दिख रहा है उनको वो बिकल्प दिख रहा है जिस पर चलकर वो समझते हैं कि एक बहतर बेवस्था बनाई जा सकती है अपने बच्चों के लिए सिक्षा रोजगार का जुगार हो सकता है और सबसे बढ़
03:57बदलाओ चाहता है कि जो मानिलिटी बूटर्स हैं खासकर वो कॉंग्रेस माइम अभी सिवांचल में फ्रिव हुई है कि पान सालों से और आर्जडी उसके पक्स में बूट करती है जिस तरीके से भीर आपके रेल्यों में उम्रा है वो देखिए भीर सिर बात नहीं है जब
04:27जार चाहते हैं एक नई बेवस्था चाहते हैं पलायन बंदो ऐसी बात वो चाहते हैं जहां तक आपने कहा दलो की बात मैंने पहले एक्स्प्लेंड कर दिया कि राजड को यहां भोट इसलिए पड़ता है क्योंकि लोग भाजपा को मुसल्मान भोट नहीं दे सकता है कॉं
04:57पाटी बनाई थे उनके तीन एंपी जीत गए शीट तो कभी मांजी जी की भी पाटी कोई जीत जाती है वो तो समिकलन है विवस्था है कोई एक समय है M.I.M. राज्य के अस्तर पर समाज के लिए या मुसल्मानों के लिए कुछ कर सकने की स्थिति में ऐसी बात नहीं है पा
05:27गडबंदन जो है वो नितीस भाजपा का गडबंदन है बाकी उसमें जो लोग है वो सब छोटे बड़े पिछलक गुदल है इसी तरीके से दूसरे साइड राजत का गडबंदन है कॉंग्रेस का कोई बिहार में वजूद नहीं है 5% से कम भोटाया है तो बिहार के पास बि
05:57राज था बिहार में भष्टाचार अपराद जमीन की दखल करने वाले लोग मडर बदमासी वाला राज चाहते हैं उसको वापस लाइए या आपके पास बिकल्प है एक नई बिवस्था बनी है जो बिहार के एक करोड़ से जादा लोगों ने मिलकर एक दल बनाया है एक इ
06:27देखे राहुल गांदी ने ट्वीट किया आपने अच्छा का है क्योंकि ये लोग ट्वीट से ही बिहार का भविस्थे बनाना बिगाड़ना चाहते हैं मैं रोज कहता हूं राहुल गांदी देश में इतने बड़े नेता हैं विपक्ष के नेता हैं 55 साल से ज्यादा उनकी
06:57साल के अपने उम्र होने के बाद भी करीब 25-30 साल से राजनीत में सक्रिय होने के बाद भी राहुल गांदी ने आज तक बिहार में चुनाओ के बाहर एक रात नहीं बिताया है बाई साहब इंगलेंड गए होंगे जर्मनी गए होंगे इटली गए होंगे अमेरिका गए हों
07:27वो बिहार के लोगों को आगे का रास्ता बता रहा है तो इनको कौन भरोसा करेगा
07:32कॉंग्रेस का यहां कोई वजूद नहीं है कॉंग्रेस को ना कोई सुनता है ना कोई बात करता है
07:37लोग यहाँ पर राजनीत राजद करती है
07:41कॉंग्रेस उसका जोलाड होने वाली पाटी है जोलाड होते हैं
07:44देखे ऐसा है कि टेली प्रॉम्टर से बात करते हों
08:00या कागज पर लिखा हुआ पढ़ते हों
08:01महत्व इसका नहीं है कि प्रधानमंत्री टेली प्रॉम्टर देखकर बोल रहे हैं कि कागज लिखावा पढ़ रहे हैं
08:07वो बिहार की बात कर रहे हैं कि नहीं इसका बात है
08:10वो निश्चित तोर पर मोदी जी बिहार की बात नहीं कर रहे हैं
08:14बिहार में शिक्षा कैसे सुद्रेगी ये नहीं बता रहे हैं, बिहार से पलायन कैसे खतम होगा, आज तक उस पर नहीं कुछ बात कही, बिहार में बाढ़ की समस्या कैसे खतम होई, उस पर कोई पहल, कोई प्रयास नहीं किया, अगर टेली प्रॉम्टर से देखकर ही मोदी ज
08:44अरे भाई तुम कागज पर लिखा हुआ नहीं पढ़ोगे तो अत्मूरेठा बांदोगे लोगों को समाज में गाली गलोज की बात करोगे आप भी कुछ नहीं कह सकते हैं
08:52पेपर से पढ़कर बोले या टेली प्रम्टर से बोले या खुद से बोले उनको ये बताना है कि बिहार में शिक्षा बेवस्था कब सुधरेगी उनको ये बताना है कि बिहार में बच्चों को रोजगार कब मिलेगा उनको ये बताना है कि बिहार से पलायन कैसे दूर होगा क
09:22नितिष कुमार मुख्यमंत्री हैं बीस बरस में कम से कम दस्यों हजार बार
09:31क्यबिनेट बैठी होगी हजारों निर्णळै लिए होंगे बीस बरस में उनको ध्यान
09:37नहीं आया कि बिहार के लोगों को रोजगार देना है आज जब एक महीने के बाद
09:42और केबिनेट का अब कारेकाल मुश्किल से तीन महीने बचा है तब आपको ध्यान आ रहा है और अगर ध्यान आ रहा है तो अभी दो पांच बरस के बाद क्यों इसलिए कि फिर एक बार भोट दे दो अभी ये सब लूट पाट मचाएगा फिर पांच बरस और विहार को लू�
10:12मतलब है कि साथ महीने में एक करोड एक करोड को साथ से भागा दे लिजिए तीन महीने बाकिये हैं उतने ही नौकरी हर महीने देने लगो भाई हम लोग मान लेंगे कि हर महीने आप दे रहे हैं तो अगले पांच बरस भी दे देंगे
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