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  • 7/3/2025
चीन ने मच्छर के आकार का एक ड्रोन पेश किया है जिसे खास तौर पर स्टील्थ मिशन के लिए बनाया गया है। यह इतना छोटा और शांत है कि यह बिना किसी की नजर में आए किसी भी जगह पर घुस सकता है। लेकिन इस छोटी मशीन को दूसरे ड्रोन से क्या अलग बनाता है? और विशेषज्ञ जासूसी और जैव युद्ध में इसके इस्तेमाल के बारे में चेतावनी क्यों दे रहे हैं? जानने के लिए पूरा वीडियो देखें। एशियानेट न्यूज़ से जुड़े रहें।
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00:00नए जमाने की टेक्नलोजी के एक आश्चरे जनक प्रदर्शन में चीन के रास्टिय रच्छा प्रवध्योगी की विश्विद्याल है एन्यू डीटी ने देश के सैने चैनल सिसी टीवी सैवन पर मच्छर के आकार का ड्रोन दिखाया
00:15विशेश रूप से गुप्त मिश्णों के लिए बनाई गई दस छोटी मशीन ने इस पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है जरा सोचिए यह मुश्पिल से 0.6 cm से 2 cm लंबी है इसका वजन आधे ग्राम से भी कम है और यहां वास्ताव में मच्छर की तरह दिखती है जिसके प
00:45पहचानना बहुत मुश्किल है इसलिए कई विशेश के चिंतित हैं कि इसका इस्तेमाल जासू सी है कि यहां तक की जैविक हमलों के लिए भी किया जा सकता है चीन का छोटा ड्रोन जो मच्छर जैसा है दिखता
00:59सामाने ड्रोन जो प्रोपेलर क्या उप्योग करते हैं और भिनमिनाने की आवाज करते
01:08हैं इसके व्यप्रीत यहां ड्रोन अपने पंख फ़फटाता है यहां आवाज बिलकुल असली मच्छर की तरह होती है यहां आसानी से तंग जगहों में गौम सकता है और कैमरे
01:20या रडार से दूशरे शहरों या जंगलों में चिपा रह सकता है।
01:25इसके अलावा यह ड्रोन सिर्फ उड़ने के लिए नहीं इसके छोटे कैमरे, माइक्रोफोन और सेंसर तक ले जा सकता है।
01:33इसका मतलब है कि यहाँ चुपके से तस्वीरे क्लिक कर सकता है, बाचीत रिकॉर्ड कर सकता है और इलेक्ट्रोनिक सिगनल पकड़ सकता है जिससे यहाँ खुफिया जानकारी जुटाने के लिए एक दम सही है।
01:46पिशेशग्यों का कहना है कि यहाँ उच्च सुरक्षा वाले इस्थानों में घुश सकता है, प्रतिबंधित छेत्रों पर नजर रख सकता है, शहरी लड़ाई के दौरान विशेश काम कर सकता है और अगर इन में से कई ड्रोन को एक साथ जुन्ड की रूप में भेजा जाए
02:16हिस्सा है, जिसमें तोप खाने से लांच किये जा सकने वाले छोटे ड्रोन से लेकर हिमनाइड रोबोट तक शामिल है, भले ही इस मच्छट ड्रोन के बारे में पूरी जानकारी अभी गुपत है, लेकिन चीन द्वारा इसे सरकारी टेलिवीजन पर दिखाये जाने का यहा
02:46इस मच्छट ड्रोन की खबर ने नाकिवल रच्छा विशेशग्यों बलकि सरकारों और आम लोगों को भी चिंता में डाल दिया है, इसका छोटा आकार और छिपे रहने की छमता का मतलब है कि इसका कई तरह से दुरूपियों किया जा सकता है, उधारन के लिए या किसी के �
03:16नेटवर्क को हैक करने यहां मॉल्वेर लगाने जैसे कामों में भी मदद कर सकता है, इलेक्ट्रोनिक सिगनल को उठा कर या बदल कर या पावर ग्रेड या फोन नेटवर्क जैसे महतुपूर्ण प्रणालियों को भी नुक्सान पहुंचा सकता है, और उन पर हमला कर सकता
03:46किटान या विशाक पदार्त ले जा सकता है, हाला कि अभी तक इसका कोई सबूत नहीं है, लेकिन इसको लेकर डर लोगों को परिशान कर रहा है, इन में से एक या दो ड्रोन शायद ज्यादा कुछ ना करें, लेकिन अगर दरजनों या सैंक्रों को एक साथ भेजा जाए, �
04:16लिए अंतर रास्टिय नियम होने चाहिए, सिर्फ चीन में ही नहीं है ऐसा, चीन ही इन छोटे ड्रोन पर काम करने वाला अकेला देश नहीं है, अमेरिका, नार्वे, इजराइल और अन्य देशों ने सेना यहां तक की नागरिक इस्तिमाल के लिए अपने खुद के संसक्र
04:46बनाए हैं, उधारन के लिए नार्वे का ब्लैक हारनेट ड्रोन जो लगबग एक इनसान की हथेली के आकार का है, पहले से ही नाटो सैनिको पर युद्ध के दोरान मैदान में निगरानी के लिए इस्तिमाल किया जा रहा है, अमेरिका में हावर्ड के रोबो भी वो शांति
05:16का मतलब है, अगर ये ड्रोन वास्तों में दावे के नुसार काम करते हैं, तो वे पूरी तरह से बदल सकते हैं कि देश खूफिया जानकारी कैसे खटा करते हैं, और युद्ध कैसे लड़ते हैं, ना किवल युद्ध के मैदान बलकि हमारे शहरों और घरों में भी, चीन क
05:46के लिए नई तकनीकों का अविशकार करना होगा, जैसे विशे सेंसार या एई सिस्टम, जिने अभी भी विक्सित किया जा रहा है, एक और समस्या भी है, चुकी यह ड्रोन का इस्तमाल सहन और शांतिपूर काम दोनों के लिए किया जा सकता है, इसलिए उन्हें नियंतरित
06:16दूर तक जा सकता है, यहाँ वास्तों में क्या ले जा सकता है, छोटे ड्रोन में अक्सर सीमित बैटरी लाइफ और हवा से प्रभावित होने जैसी समस्याएं भी होती है, चुकी चीन ऐसी परियोजना को बहुत गुप्त रखता है, इसलिए बाहर के किसी भी व्यक्ति के �
06:46बने रहें

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