Eid Al Adha 2025: आज यानी 7 जून को बकरीद (Bakrid 2025) का त्योहार पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. लेकिन क्या आपको मालूम है कि बकरीद आखिर मनाई क्यों (Why Celebrate Bakrid) जाती है....अल्लाह और उनके प्यारे बंदे से जुड़ी इसकी क्या कहानी है...आखिर अल्लाह ने अपने प्यारे बंदे हजरत इब्राहीम (hazrat ibrahim) की कैसी परीक्षा ली थी और क्या हजरत इब्राहीम अपनी परीक्षा में पास हुए थे...इस्लाम धर्म में कुर्बानी का त्योहार (Festival of Sacrifice) कहे जाने वाले इस पर्व की क्या है पूरी कहानी चलिए जानते हैं.
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00:01बक्रीद पर क्यों दी जाती है कुर्वानी?
00:05बक्रीद पर कुर्वानी देनी की क्या है कहानी?
00:09बक्रीद को क्यों कहते हैं कुर्वानी का त्योहार?
00:13पूरी दुनिया में आज यानि की साथ जून को इदुल अजहा बकरीद का त्योहार पड़े की धूबधाम से मनाय जा रहा है
00:33इसलाम धर्म में बकरीद का महत्वक काफी ज्यादा है
00:36इसके साथ ही बकरीद को कुर्वानी का त्योहार भी कहते हैं
00:40बकरीद मनाने के पीछे एक बड़ी वजह ये है जो अल्ला और खुदा के प्यारे हज़द इबराहिम असलाम से जुड़ा है
00:48कहते हैं कि प्यारे हर्जद इब्राहिम से जब खुदा ने उनकी सबसे प्यारी चीज़ की कुरबानी मांगी उसी कहानी से बगरीद त्योहार का नाता जोड़ा
00:58तो चलिए जान लेते हैं कि क्यों मनाई जाती है बगरीद और इससे जुड़ी कहानी क्या है
01:05कुर्बानी की कहानी जानने से पहले ये चान लेते हैं कि बगरीद का मकसद और उसका धार्मिक महत्व क्या है
01:17बगरीद का मकसद है अल्ला के हुकम का आदेशों का अमल करना
01:22अल्ला की राह में सब कुछ कुर्बान कर देना, अपनी प्यारी सी प्यारी वस्तू त्याग देना और उसमें जरा संग पूछना होना
01:31इदूल अज़ा हजड़ इबराहिम की उस घटना की याद में मनाया जाता है
01:35जब उन्होंने अल्ला के हुकम पर अपने बेटे हज़द स्माइल की कुर्बानी देने का इरादा कर लिया
01:42लेकिन इस कहानी में एक ऐसा टार्णिंग पॉइंट है जिससे हज़द इबराहिम के बेटी की चान बच गई
01:48और हज़द इबराहिम के बेटी की चगए एक दुम्बा को अल्ला के पास बेजा गया
01:53बकरीद हर साल इस्लामी कलंडर के बारवे महीने जिलहिज्जा की दसवी तारीख को मनाई जाती है
01:59जिसमें सुभह सवेरे नमाज अदा कर कुरवानी की प्रथा निभाई जाती है और सभी एक दूसरे के घर दावत करते हैं
02:09कहा जाता है कि कुरवानी की कहानी पूरी तरह से अल्ला और उनके प्यारे हज़द इबराहिम की परीक्षा से जुड़ी है
02:19हज़द इबराहिम एक बहुत ही नेक और इमानदार इंसान थे उनके वहवार की चर्चा तूर दूर तक थी अल्ला ने हज़द इबराहिम की परीक्षा लेनी चाही
02:28एक बार अल्ला इबराहिम की सपने में आय और आदेश दिया कि तुम अपने एकलाते बेटे हज़द इस्माइल को उनके रास्ते यानि की खुदा के रास्ते में कुरवान कर दो
02:37मुश्किल बात थी
02:38इबराहिम की बेटे एकलोते थे
02:40ऐसे में उनको पुर्बान कर देना बेहत कठिन काम था
02:43ये बात हज़त इबराहिम की पत्मी बीवी हाजरा तक पहाँची
02:47इसलाम के जानकारों के मताबिक हज़त हाजरा ने अपने शोहर इबराहिम से मजबूती से कहा
02:52अल्लह की हुकम को टाला नहीं जाएगा
02:54उन्होंने खुद अपने बेटे इसमाईल को नहला कर साफ सुथरे कपड़े पहना कर शोहर के हवाले किया
03:01वहीं बेटे इसमाईल ने भी खुद अपने पिता के होसले को बढ़ाया
03:05इसलाम के जानकारों के मताबिक हज़त इबराहिम जब अपने बेटे की कुरवानी देने जंगल जा रहे थे
03:14तब उनको रास्ते में एक शैतान मिला जिसने हज़त को भटकाने के लिए कहा
03:19कि इस उम्र में अपने इकलोते बेटे को कुरवान करने क्यों जा रहे हो
03:23यहां हज़त का मन थोड़ा डग मगाया
03:26लेकिन अल्हा को वादा निभाने वाली बात याद आई और अपने रास्ते पर वो चल पड़े
03:30लेकिन चमतकार तो तब हुआ जब वे अपने बेटे की कुरवानी दे रहे थे
03:35अपने बेटे की कुरवानी देते वक्त उन्होंने अपने आँखों पर पट्टी बांद ली
03:39जाहिर है कि बिता अपने बेटे की मौत वो भी खुद के हाथों से कैसे देख पाते
03:44इसके साथ ही कुर्बानी देते वक्त कहीं उनका बेटे के प्रती प्रेम भारी ना पढ़ जाए
03:49पट्टी इसलिए बांधी हज़त इब्राहीम ने जब कुर्बानी दी और उन्होंने अपने हाथों से पट्टी हटाई
03:54तो देखा कि उनका बेटा तो जिन्दा है क्योंकि अल्ला ने चमतकार किया
03:59अल्ला ने हज़त के बेटी के जगहे दुम्बा को लिटा दिया
04:02ऐसे में उनके बेटी की जान भी बच गई और हज़त अपनी परीक्षा में पास हो गए
04:06उसी वक्त से कुर्बानी का रिवाद चल रहा है
04:09बता दें कि इस वीडियो में कही गई पाते भी
04:11मीडिया रिपोर्ट्स और बकरीद पर लिखे गई लेखों पर आथारित है
04:14बहराल रसकवर में इतना ही तमान बड़ी जानकारी और अपडेट्स के लिए
04:18आप मने रहें वन इंडिया हिंदी के साथ