Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • yesterday
#Sher​ #DanishTaimoor​ #SarahKhan​ #PakistaniDrama​​ #DramaSerial​ #NewDrama2025​ #FamilyFeud​ #LoveStory​ #RomanticDrama​ #ZanjabeelAsim​ #AehsunTalish​ #SherZaman​ #Fajar​ #pakistanitvdrama​

Category

😹
Fun
Transcript
00:00आपको इस तरह देखके आपसे बात करके मैं बहुत खुश हुआ पूँ पूँ तुम भी नहीं जानते तुम्हे देखकर तुमसे बात करकर
00:23तुम्हारे लिए गोली खाकर मेरे दिल को कितना सखूम मिला है तेको रिष्टे तोड़ना बहुत असान है लिगा प्रिष्टे तोड़के मैं जुड़नी पाँ गाँ गाँ मुझे पर सलाम करता है ते मुझे लगता है जैसे ही मुझे कालिये दे रहा है उस लड़की के लि�
00:53असनौकरी का पहला दिन है, दुआ ही देते हैं
00:58कैसी दुआ, तुझ जैसी बेटी, जिन्दा ही है, यही गनीमत समझ
01:07शिकायत को शिकायत रहने है, शिकायत को दुष्मनी बना दीने, तो बहुत खतरनाक हो जाए लिए
01:12महत बड़ा करसे आपका मेरी जिंदेगी पर अगभा घ्टे ही ते जो यह करस उताओं की
01:18अधा मेरा और तुम्हारा तुष्मने की है, तुष्मने की है, ऊज़से चांद समार तूंगा, सुधे नहीं सोचा था
01:22मैंने भी नहीं सोचा था
01:25कि आप हमारे साधा कर सकते हैं
01:30अंदाजा है तुम क्या कर रहे हैं
01:33मुश्यूच कर लो
01:36जितना कुछ मैं कहना चाहता हूं से कमी कहूँ
01:39ताकि अपी जद बरकरार हैं
01:45तिवार में चिन्वार हैं
01:48शायद मुझे यादकार बनाना चाहते हैं
01:55तुम कैसे त्यार हो रही है त्यार नहों तोर क्या करूँ
02:25तुम कार सकता हैं
02:30तुम की तुम कार साथ
02:34अप्ट्सविक धर्दाश्ण
02:39लिए्गार में प्रफ्ट्सवाइब
02:44झाल झाल
03:14झाल
03:44झाल
04:14झाल
04:44झाल
04:53झाल
04:54झाल
04:56झाल
04:58झाल
04:59झाल झाल
05:29ये कहानी है आमना की जो लाहूर के एक मतवस्त तबक गरानी से थालू करकती है।
05:59पाल्ला के लाज के दवरान दोने के मुलाकात होती है
06:02शोरों में आमना सिर्वेक मरीजा की बेटी होती है
06:06लेकिन अस्ता पहाद इसके शखसियत से मतासिर होने लगता है
06:10आमना के आजज़ी अदब और कुर्बानी का जज़बा पहत को इसकी तरफ के अंच्चता है
06:15जब पहत अपनी मान से आमना के रिष्टी के बात करता है
06:18तो मुखालिवत के तोफ़ान उटकड़ा होता है
06:20पहत की माज एक रईस और खुदपसंद आउरत है
06:24आमना की साद़गी की कमज़ोर समझ क्यों से टकरा देती है
06:27वो चाहती है कि पहत की शादी इसकी दोस्त की बेटी आइज़ा से हो
06:31जो दौलत और असरुस रूख रखती हो
06:34पहत दौरा हो पर कड़ा हो जाता है
06:37एक तरफ उसकी माँ के खुआश दूसरी तरफ उसका दिल
06:41इदर आमना अपनी वाला की बिमारी के साथ साथ मौशरी के तानों
06:46और पहत की माँ की बेज़ती का बोज़ भी उट रही होती है
06:49लेकिन वो खामोश से सब कुछ बरदाश करती है
06:54इसी दौरान आमना की माँ का इंतिकाल हो जाता है
06:57अमना बिलकुल तनहा रह जाती है और पहत से कहती है
07:00महबत वही होती है जो इज़त दे जो तुमें माँ से दूर कर दे
07:08वो सिर्फ जिद है महबत नहीं पहत दिल शिकरता हो कर शादी से इंकार कर देता है
07:14और आइज़ा के हकिकत भी सामने आ जाती है
07:16वो सिर्फ दौलत और नाम के बूकी होती है
07:19कुछ साल बादामना के तीम बच्चों की पलाही तन्जीम चलाती नजर आती है
07:24पहद एक तक्रीब में उसे दुबारा मिलता है
07:26इस बार वो कुछ भी कहे बगए रामने के हाथों में किताब रखता है
07:30किताब का नाम होता है दिल की दिहलीज ये किताब पहद आमना की जिन्देगी से मतासिर होकर लिकी होती है
07:37और इसमें हर सपाल लबज आमना की अजमत और सबर की गवाही होती है
07:43इस रावसिल के हवाले से अपने राय के जाल आजमी कमेंट करें
07:46साथ में हमारा योटीव का चेनल सबस्राइब करना मत बूलिये इतनी स्वर वाचिंग अल्हाफिज
07:51ये कहानी है आमना की जो लाहूर के एक मतवस्थ तबके के गरानी से थालू करकती है आमना एक हसास बापकार और खुदारलग की है जो हमेशा दूसे को खुशों के ले अपनी खुशाद करवान करती आई है आमना की जिन्देगी इस वक्त बदलती है जिब उसकी मुलाकात ए
08:21जोरों में आमना सिर्व एक मरीजा की बेटी होती है लेकिन आईस्ता पहाद इसकी शखसियत से मतासर होने लगता है आमना की आजज़ी अदब और कुर्बानी का जजबा पहत को इसकी तरफ के अंच्छता है जब पहत अपनी मां से आमना की रिश्दी के बात करता है तो म�
08:51पहत दौराहों पर कड़ा हो जाता है एक तरफ उसकी मां के खुआश दूसरी तरफ उसका दिल इदर आमना अपनी वाला की बीमारी के साथ साथ मौशिर के तानों और पहत की मां की बेज़्दी का बोज भी उट रही होती है लेकिन वो खामोश से सब कुछ बरदाश करती ह
09:21होती है जो इज़द दे जो तुमें मा से दूर कर दे वो सिर्थ जिद हैं महबत नहीं पहत दिल श्करता हो कर शादी से इंकार कर देता है और आईज़ा के हक्ट बी सामने आ जाती है वो सिर्थ दौलत और नाम के बोकि होती है कुछ साल बादामने के तीम बच्चों की पल
09:51यह किताब पहादामना की जिन्दगी से मतासिर होकर लिकी होती है उसमें हर सबार लब्जामना की अजमत और सबर की गवाही होती है इस रावसिल के होले से अपने राय गजाल आजमी कमेंड करें साथ में हमरे योट्व का चेनल सबस्क्राइब करना मत बुलिए इतनी स्वर �
10:21हमेशा दूसे को खुशों के लिए अपनी खुशाद करुबान करती आई है आमना की जिन्देगी इस वक्त बदलती है जिब उसकी मुलाकात एक नव जवान डाक्टर पहाद से होती है पहाद एक परेयव फ्रैवेट हस्पिताल में काम करता है और हमना की बिमार वाला के इ
10:51इसकी तरफ के इंचता है जब पहाद अपनी मां से आमना करिश्दी के बात करता है तो मुखालिवत के तोफ़ान उटकड़ा होता है पहाद की माज एक रईस और खुशन आउरत है आमना की साद़गी की कमज़ोर समझ क्यों से टकरा देती है वो चाहती है कि पहाद की शा�
11:21चुमारे के साहत है क्या सation का ना नहीं मारे के साथ-साहत मौशेरी को आठ और अइन ऑ्रकार आर पहाद की मां अगहीं होती है लेकिन वो खाबश से सबकुछ अबर दाश करती है इसी दोराना की मा करिंतिकल हो जाक्रशुन को अए इसमतरान आमना की मां इस और मांग ठीन ह
11:51कर देता है और आइज़ा के हकिकत भी सामने आ जाती है वो सिर्फ दौलत और नाम के बूकी होती है कुछ साल बादामना के तीम बच्चों की पलाही तन्जीम चलाती नजर आती है पहद एक तक्रीब में उसे दुबारा मिलता है इस बार वो कुछ भी कहें बगेर आमने के हा�
12:21सब्सक्राइब करें साथ में हमरा यूट्व का चैनल सबस्क्राइब करना मत बूलिए इतनी स्वर वाचिंग अल्हाफिज हेलो वीवर्ज ये कहानी है आमना की जो लाहूर के मतवस्त तबके के गरानी से थालू करकती है आमना एक हसास बापकार और खुदार लगकी है जो
12:51रेया फ्रैवेट हस्पिताल में काम करता है और आमना की बिमार वाला के लाच की दवरान दोने की मुलाकात होती है शोरू में आमना सिर्व एक मरीज़ा की बेटी होती है लेकिन अस्ता पहाद इसके शखसियत से मतासर होने लगता है आमना की आजज़ी अदब और कुर्ब
13:21क्यों कमजोर समझ की इसे टकरा देती है वो चाहती है कि पहाद की शादी इसकी दोस्त की बेटी आज़ा से हो जो दौलत और असरुसरूख रखती हो पहाद दोराहों पर कड़ा हो जाता है एक तरफ उसकी मा की खुआश दुसी तरफ उसका दिल इदर आमना अपनी वाला क
13:51आमना की मा का इंतिकाल हो जाता है आमना बिलकुल तनहा रह जाती है और पहाद से कहती है महबत वही होती है जो इज़त दे जो तुमें मा से दूर कर दे वो सिर्फ जिद है महबत नहीं पहाद दिल शिकरता हो कर शादी से इंकार कर देता है और आज़ा के हाकिकत भी सामने
14:21तक्रीब में उसे दुबारा मिलता है इस बार वो कुछ भी कहें बगेर आमने के हाथों में किताब रखता है
14:27किताब का नाम होता है दिल की देहलीज ये किताब पहादामना की जिन्देगी से मतासिर होकर लिकी होती है
14:33और इसमें हर सबार लब्जामना की अजमत और सबर की गवाही होती है
14:39इस रावसिल के हवाले से अपने राये के जाल आजमी कमेंट करें
14:43साथ में हमरे योटीव का चेनल सबस्क्राइब करना
14:45मत बुलिए इतनी स्वर वाचिंग अल्हाफिज
14:48हेलो वीवर्ज ये कहानी है आमना की जो लाहूर के एक मतवस्त तबके के गरानी से थालू करकती है
14:55आमना एक हसास बापकार और एक खुदारलग की है जो हमेशा दूसे को खुशों के ले अपनी खुशाद करुबान करती आई है
15:03आमना की जिन्देगी इस वक्त बदलती है जब उसकी मुलाकात एक नव जवान डाक्टर पहाद से होती है
15:09पहाद एक परेयव फ्रैवेट हस्पिताल में काम करता है और आमना की बिमार वाला के लाज़ की दवरान दोनों की मुलाकात होती है
15:17शौरों में आमना सिर्वेक मरीजा की बेटी होती है लेकिन आईस्ता पहाद इसकी शख्सियत से मतासिर होने लगता है
15:25आमना की आज़जी अदब और कुर्बानी का जज़बा पहद को इसकी तरफ के अंच्चता है
15:30जब पहद अपनी मान से आमना करिश्टी के बात करता है
15:33तो मुखालिवत के तोफ़ान उट कड़ा होता है
15:36पहद की माज एक रईस और खुद पसंद आउरत है
15:39आमना की साध़गी की कमजोर समझ क्यों से टकरा देती है
15:42वो चाहती है कि पहद की शादी इसकी दोस्त की बेटी आइज़ा से हो
15:46जो दौलत और असरुसरूख रखती हो पहद दौराहों पर कड़ा हो जाता है
15:52एक तरब उसकी माँ के खुआश दूसरी तरब उसका दिल
15:56इदर आमना अपनी वाला की बीमारी के साथ साथ मौशिर के तानों
16:01और पहद की मा की बेज़दी का बोज भी उट रही होती है
16:05लेकिन वो खामोश से सब कुछ बरदाश करती है
16:09इसी दोरान आमना की मा का इंतिकाल हो जाता है
16:12आमना बिलकुल तनहा रह जाती है
16:14यार पहद से कहती है
16:15महबत वही होती है
16:19जो इज़द दे जो तुमें मा से दूर कर दे
16:23वो सिर्फ जिद ही है
16:25महबत नहीं
16:27पहद दिल शिकरता हो कर शादी से इंकार कर देता है
16:29और आइज़दा के हकिकत भी सामने आ जाती है
16:32वो सिर्प दोलत और नाम के बोकी होती है
16:35कुछ साल बादामना के तीम बच्चों की पलाही तन्जीम चलाती नजराती है
16:39पहद एक तक्रीब में उसे दुबारा मिलता है
16:42इस बार वो कुछ भी कहें बगेर आमने के हाथों में किताब रखता है
16:45किताब का नाम होता है दिल की देहलीज ये किताब पहद आमना की जिन्देगी से मतासिर होकर लिकी होती है
16:52और इसमें हर सबार लबज आमना की अजमत और सबर की गवाही होती है
16:58इस दोनावसिल के हुआले से अपने राय के जहाल आजमी कमेंट करें
17:01साथ में हमारा योट्व का चेनल सबस्क्राइब करना मत भूलिये इतनी स्वर वाचिंग अल्हाफिज
17:06हेलो वीवाइज ये कहानी है आमना की जो लाहूर के एक मतवस्त तबके के गरानी से थालू करकती है
17:14आमना एक हसास बापकार और एक खुदारलग की है जो हमेशा दूसे को खुशों के ले अपनी खुशों के लिए अपनी खुशाद करुबान करती आई है
17:22आमना की जिन्देगी इस वक बदलती है जिब उसकी मुलाकात एक नव जवान डाक्टर पहाद से होती है
17:28पहाद एक परएव फ्रैवेट हस्पिटाल में काम करता है
17:31और आमना की बिमार वाला के और गलाज की दवरान दोनकी मुलाकात होती है
17:36शोरुमें आमना सिर्वे एक मरिज़ा की बेटी होती है
17:40लेकariesता यस्ता पहाद इसकी शफ्चियत से मतासर होने लगता है
17:44आमना के आजज़ी अदब और कुर्बानी का जजबा पहत को इसकी तरफ के अंचता है
17:49जब पहत अपनी माँ से आमना के रिश्टी के बात करता है
17:52तो मुखालिबत के तुपान उट कड़ा होता है
17:54पहत की माँ जेक रईस और खुद पसंद आउरत है
17:58आमना की साद़गी की कमज़ की उसे टकरा देती है
18:01वो चाहती है कि पहत की शाद़ी इसकी दोस्त की बेटी आज़ा से हो
18:05जो दौलत और असरुस रूख रखती हो
18:08पहत दौरा हो पर कड़ा हो जाता है
18:11एक तरफ उसकी माँ के खुआश दूसरी तरफ उसका दिल
18:15इदर आमना अपनी वाला की बीमारी के साथ साथ मौशिर के तानों
18:20और पहत की माँ की बेज़ती का बोज भी उट रही होती है
18:23लेकिन वो खामोश से सब कुछ बरदाश करती है
18:28इसी दौरान आमना की माँ के इंतिकाल हो जाता है
18:31अबना बिल्कुल तनहा रह जाती है और पहत से कहती है
18:34मौबत वही होती है जो एजसत ते जो तुमें माँ से दूर करते है
18:46पहत दलशिकेसा हो करशाधी से इंकार करतीधा है
18:48और आइज़गे हकिकत भी सामने आ जाती है
18:51वो सिर्भ दोलत और नाम के बोकर होती है
18:53कुछ साल बाद आमने के तीम बच्चों की पलाही तन्जीम चलाती नजराती है
18:58पहद एक तक्रीब में उसे दुबारा मिलता है
19:00इस बार वो कुछ भी कहें बगएर आमने के हाथों में किताब रखता है
19:04किताब का नाम होता है दिल की दिहलीज
19:07ये किताब पहाद आमना की जिन्देगी से मतासिर होकर लिकी होती है
19:11और इसमें हर सबार लबज आमना की अजमत और सबर की गवाही होती है
19:17इस रावसिल के हुआले से अपने राय के जाल आजमी कमेंट करें
19:20साथ में हमरे योटूब का चेनल सबस्क्राइब करना
19:23मत बुलिए इतनी स्पर वाचिंग अल्हाफिज
19:25हेलो वीवर्स ये कहानी है आमना की जो लाहूर के एक मतफ़स्ट तबके के गरानी से थालू करकती है
19:33आमना एक हसास बापकार और एक खुदारलग की है जो हमेशा दुसे को खुशो के ले अपनी खुशाद करुबान करती है
19:41आमना की जिन्देगी इस वक बदलती है जब उसकी मुलाकात एक नव जबान डाक्टर पहाद से होती है
19:47पहाद एक परेयव फ्रैवेट हस्पिताल में काम करता है और आमना की बिमार वाला के इलाज की दवरान दोनों की मुलाकात होती है
19:55शोरों में आमना सिर्वेक मरीज़ा की बेटी होती है लेकिन इस्ता इस्ता पहाद इसकी शखसियत से मतासर होने लगता है
20:03आमना के आजज़ी अदब और कुर्बानी का जजबा पहत को इसकी तरफ के अंचता है
20:08जब पहत अपनी माँ से आमना के रिज़ती के बात करता है
20:11तो मुखालिबत के तोफ़ान उट कड़ा होता है
20:13पहत की माँ जेक रईस और खुद पसंद आउरत है
20:16आमना की साद़गी की कमज़ की उसे टकरा देती है
20:20वो चाहती है कि पहत की शाद़ी इसकी दोस्त की बेटी आज़ा से हो
20:24जो दौलत और असरुसरूख रखती हो
20:27पहत दोराहो पर कड़ा हो जाता है
20:30एक तरफ उसकी माँ के खुआश दुसरी तरफ उसका दिल
20:34इदर आमना अपनी वाला की बिमारी के साथ साथ मौशिर के तानों
20:38और पहत की मा की बेज़दी का बोज भी उट रही होती है
20:42लेकिन वो खामोश से सब कुछ बरदाश करती है
20:46इसी दोरान आमना की मा का इंतिकाल हो जाता है
20:50आमना बिल्कुल तनहा रह जाती है
20:52यार पहत से कहती है
20:53महबत वही होती है
20:56जो इज़द दे जो तुमें मा से दूर कर दे
21:01वो सिर्फ जिद ही है
21:03महबत नहीं
21:04पहत दिल शिकरता हो कर शादी से इंकार कर देता है
21:07और आइज़दा के हकिकत भी सामने आ जाती है
21:09वो सिर्फ दौलत और नाम के बोकी होती है
21:12कुछ साल बादामना के तीम बच्चों की पलाही तन्जीम चलाती नजर आती है
21:17पहद एक तक्रीब में उसे दुबारा मिलता है
21:19इस बार वो कुछ भी कहें बगेर आमने के हादों में किताब रखता है
21:23किताब का नाम होता है दिल की देहलीज ये किताब पहद आमना की जिन्देगी से मतासिर होकर लिकी होती है
21:30और इसमें हर सबार लबज आमना की अजमत और सबर की गवाही होती है
21:35इस दो आवासिल के हवाले से अपने राय के जहाल आजमी कमेंट करें
21:39साथ में हमारा योट्व का चेनल सबस्क्राइब करना मत बुलिए इतनी स्वर वाचिंग अल्हाफिज
21:44हेलो वीवाइज ये कहानी है आमना की जो लाहूर के एक मतवस्थ तबके के गरानी से थालू करकती है
21:52आमना एक हसास बापकार और एक खुदारलग की है जो हमेशा दूसे को खुश्यों के ले अपनी खुश्यों के लेपनी खुश्यों करती आई है
22:00आमना की जिन्देगी इस वक बदलती है जिब उसकी मुलाकात एक नव जवान डाक्टर पहाद से होती है
22:05पहाद एक परेयव फ्रेवیट हस्पिटाल में काम करता है
22:09आमना की बिमार वाल準 के लाज़ की दौरान दून की मुलाकात होती है
22:14शोरों में आमना सेर लेकर एक मरीज़ा की बेटी होती है
22:17लकिन अस्तों पहाद इसकी शखश्यत से मतासिर होने लगता है
22:21आमना के आजज़ी अदब और कुर्बानी का जजबा पहत को इसकी तरफ के अंचता है
22:26जब पहत अपनी मान से आमना के रिज़ती के बात करता है
22:30तो मुखालिबत के तोफ़ान उटकड़ा होता है
22:32पहत की माज़ एक रईस और खुदपसंद आउरत है
22:35आमना की साद़गी की कमज़ की उसे टकरा देती है
22:39वो चाहती है कि पहत की शाद़ी इसकी दोस्त की बेटी आज़ा से हो
22:43जो दौलत और असरुस रूख रखती हो
22:46पहत दौरा हो पर कड़ा हो जाता है
22:49एक तरफ उसकी माँ के खुआश दूसरी तरफ उसका दिल
22:53इदर आमना अपनी वाला की बीमारी के साथ साथ मौशरी के तानों
22:57और पहत की माँ की बेज़ती का बोज भी उट रही होती है
23:01लेकिन वो खामोश से सब कुछ बरदाश करती है
23:05इसी दौरान आमना की माँ के इंतिकाल हो जाता है
23:09आमना बिल्कुल तनहा रह जाती है और पहत से कहती है
23:12महबत वही होती है जो इज़त दे जो तुमें माँ से दूर कर दे
23:19वो सिर्फ जिद है महबत नहीं पहत दिल शिकरता हो कर शादी से इंकार कर देता है
23:26और आइज़ा के हकिकत भी सामने आ जाती है
23:28वो सिर्फ दौलत और नाम के बूकी होती है
23:31कुछ साल बादामना के तीम बच्चों की पलाही तन्जीम चलाती नजर आती है
23:35पहद एक तक्रीब में उसे दुबारा मिलता है
23:38इस बार वो कुछ भी कहें बगेर आमने के हादों में किताब रखता है
23:42किताब का नाम होता है दिल की देहलीज ये किताब पहद आमना की जिन्देगी से मतासिर होकर लिकी होती है
23:49और इसमें हर सबार लबज आमना की अजमत और सबर की गवाही होती है
23:54इस रावसिल के हवाले से अपने राय के जहाल आजमी किमेंट करें
23:58साथ में हमरा यूटिव का चेनल सबस्राइब करना मत बूलिये इतनी स्पर वाचिंग अल्हाफिज
24:03हेलो वीवार्ज ये कहानी है आमना की जो लाहूर के एक मतवस्त तबके के गरानी से थालू करकती है
24:10आमना एक हसास बापकार और एक खुदारलग की है जो हमेशा दूसे को खुश्यों के लिए अपनी खुश्यों के लिए अपनी खुश्याद करुवान करती आई है
24:18आमना की जिन्देगी इस वक्त बदलती है जिब इसकी मुलाकात एक नव जवान डाक्टर पहाद से होती है
24:24पहाद एक परेयव फ्रैवेट हस्पिताल में काम करता है और आमना की बिमार वाला के लाज़ की दवरान दोने की मुलाकात होती है
24:32शोरों में आमना सिर्वेक मरीज़ा की बेटी होती है
24:36लेकन आस्ता पहध इसकी शखसीयत से मतासर होने लगता है
24:40आमना की आजज़ी, अदब और क�ुर्बानी का जज़बा पहध को इसकी तरफ के अच्छता है
24:45जब पहध अपनी मां से आमना करीश्थी के बात करता है
25:02औरा सरुसरूख रखती हो
25:05पहद दो राहों पर कड़ा हो जाता है
25:08एक तरब उसकी माँ के खुआश
25:10दूसरी तरब उसका दिल
25:11इदर आमना अपनी वाला की बिमारी के साथ-साथ
25:15मौश्चरी के तानों और पहद की माँ की बेज़ती का बोज भी उट रही होती है
25:20लेकिन वो खामोश से सब कुछ बरदाश करती है
25:24इसी दोरान आमना की मा के इंतिकाल हो जाता है
25:28आमना बिलकुल तनहा रह जाती है
25:29और पहद से कहती है
25:31महबत वही होती है
25:34जो इज़त दे जो तुमें मा से दूर कर दे
25:38वो सिर्फ जिद ही है
25:40महबत नहीं
25:42पहद दिल शिकरता होकर शादी से इंकार कर देता है
25:45और आइज़ा के हकिकत भी सामने आ जाती है
25:47वो सिर्फ दोलत और नाम के बूकी होती है
25:50कुछ साल बादामना के तीम बच्चों की पलाही तन्जीम चलाती नज़र आती है
25:54पहद एक तक्रीब में उसे दुबारा मिलता है
25:57इस बार वो कुछ भी कहें
25:58बगेर आमने के हादों में किताब रखता है
26:01किताब का नाम होता है
26:02दिल की दहलीज
26:04ये किताब पहद आमना की जिन्देगी से मतासिर होकर लिकी होती है
26:08और इसमें हर सबार लबज आमना की अजमत और सबर की गवाही होती है
26:13इस रावसिल के हवाले से अपने राये के जाल आजमी कमेंट करें
26:17साथ में हमरा योट्व का चेनल सबस्क्राइब करना
26:19मत बुलिए इतनी स्वर वाचिंग
26:21अल्हाफिस
26:22ये कहानी है आमना की जो लाहोर के एक मतवस्त तबके के गरानी से थालू करकती है
26:29आमना एक हसास बापकार और एक खुदारलग की है
26:33जो हमेशा दूसे को खुशों के ले अपनी खुशाद करुबान करती आई है
26:37आमना की जिन्देगी इस वक बदलती है
26:39जिब उसकी मलाकात एक नव जवान डाक्टर पहाथ से होती है
26:43पहाथ एक परेयव फ्राइवेट हस्पिताल में काम करता है
26:47और आमना की बिमार वालिदा के लाज की दवरान दोने की मलाकात होती है
26:51शोरों में आमना सिर्व एक मरीज़ा की बेटी होती है
26:55लेकिन आएस्ता पहाथ इसकी शथियत से मतासिर होने लगता है
26:59आमना की आज़जी अदब और कुर्बानी का जजबा पहाथ को इसकी तरफ के अंच्छता है
27:04जब पहाथ अपनी मान से आमना करिश्दी के बात करता है
27:07तो मुखालिबत के तोफ़ान उटकड़ा होता है
27:10पहाथ की माज एक रईस और खुदपसंद आउरत है
27:13आमना की साद़गी की कमज़ोर समझ की उसे टकरा देती है
27:16वो चाहती है कि पहाथ की शाद़ए इसकी दोस्त की बेटी आज़ा से हो
27:20जो दौलत और असरुस रूख रखती हो
27:24पहाथ दोराहों पर कड़ा हो जाता है
27:26एक तरब उसकी माँ के खुआश दूसरी तरब उसका दिल
27:30इदर आमना अपनी वाला की बीमारी के साथ साथ मौशरी के तानों
27:35और पहाथ की माँ की बीज़ती का बोज भी उट रही होती है
27:39लेकिन वो खामोश से सब कुछ बरदाश करती है
27:43इसी दौरान आमना की माँ के इंतिकाल हो जाता है
27:46आमना बिल्कुल तनहा रह जाती है
27:48और पहाथ से कहती है
27:49महबत वही होती है
27:53जो इज़त दे जो तुमें मा से दूर कर दे वो सिर्फ जिद ही है
27:59महबत नहीं पहद दिल शिकरता हो कर शादी से इंकार कर देता है
28:03और आईज़ा के हकीकत भी सामने आ जाती है
28:06वो सिर्फ दौलत और नाम के बूकि होती है
28:09कुछ साल बाद आमने के तीम बचों की पलाही तन्दीम चलाती नजर आती है
28:13पहद एक तक्रीब में उसे दुबारा मिलता है
28:16इस बार भो कुछ भी कहे बगैरामने के हाथों में किताब रखता है
28:19किताब का नाम होता है दिल की दिहलीज
28:35आलाजमी कमेंट करें साथ में हमरा योटीव का चेनल सबस्राइब करना मत बूलिए इतनी स्पर वाचिंग अल्हाफिज हेलो वीवर्ज ये कहानी है आमना की जो लाहूर के
28:45एक मतवस्त तबके के गरानी से थालू करकती है आमना एक हसास बापकार और एक खुदार लगकी है जो हमेशा दूसे को खुश्यों के लिए अपनी खुश्याद करवान करती आई है आमना की जिन्देगी इस वक्त बदलती है जिब उसकी मुलाकात एक नव जवान डाक्टर �
29:15पहद इसके शखसियत से मतासिर होने लगता है आमना की आजज़ी अदब और कुर्बानी का जजबा पहद को इसकी तरफ के अंच्छता है जब पहद अपनी मान से आमना के रिश्दी के बात करता है तो मुखालिवत के तोफ़ान उटकड़ा होता है पहद की माज़ एक र�
29:45है एक तरफ उसकी मा के खुआश दूसरी तरफ उसका दिल इदर आमना अपनी वाला की बिमारी के साथ साथ मौशिर के तानों और पहद की मा की बेज़ती का बोज़ भी उट रही होती है लेकिन वो खामोश से सब कुछ बरदाश करती है इसी दोरान आमना की मा का इंतिकाल
30:15से दूर कर दे वो सिर्फ जिद है महबत नहीं पहद दिल शिकर्षता होकर शादी से इंकार कर देता है और आइज़ा के खिकत भी सामने आ जाती है वो सिर्फ दौलत और नाम के बोकि होती है कुछ साल बादामना के तीम बच्चों की पलाही तन्जीम चलाती नजर आती है �
30:45होती है और इसमें हर सपाल लबजामना की अजमत और सबर की गवाही होती है इस दौन वसिल के हवाले से अपने राय के जाल आजमी कमेंट करें साथ में हमरा योट्व का चेनल सबस्क्राइब करना मत बुलिए इतनी स्वर वाचिंग अल्हाफिज हैलो वीवर्स ये कहानी ह
31:15आमना की जिन्देगी इस वक्त बदलती है जब उसकी मुलाकात एक नव जवान डाक्टर पहाथ से होती है पहाथ एक परेयर फ्रैवेट हस्पिताल में काम करता है और आमना की बिमार वाला के इलाज की दवरान दोने की मुलाकात होती है शोरु में आमना सिर्व एक मरीज�
31:45तो मुखालिवत के तोफ़ान उटकड़ा होता है पहाथ की माज एक रईस और खुदपसंद आउरत है आमना की सादगी की कमजोर समझ क्यों से टकरा देती है वो चाहती है कि पहाथ की शादगी इसकी दोस्त की बेटी आज़ा से हो जो दौलत और असरु सुरुख रखती ह
32:15उट रही होती है लेकिन वो खामोश से सब कुछ बरदाश करती है इसी दोरान आमना की मा का इंतिकाल हो जाता है आमना बिलकुल तनहा रह जाती है और पहाथ से कहती है महबत वही होती है जो इज़त दे जो तुमें मा से दूर कर दे वो सिर्फ जिद ही है महबत नहीं पहा
32:45राम के बूकी होती है कुछ साल बादामना के तीम बच्चों की पलाही तंजीम चलाती नजर आती है
32:51पहद एक तक्रीब में उसे दुबारा मिलता है इस बार वो कुछ भी कहें बगए रामने के हाथों में किताब रखता है
32:57किताब का नाम होता है दिल की दहलिस ये किताब पहाद आमना की जिन्देगी से मुतासर होकर लिकी होती है
33:04और इस में हर सबाल लबज आमना की अजमत और सबर की गभा ही होती है
33:09इस दरांवसल्ख के ह Philippines के अपने राये जालाजमी किमिन करें
33:13साथ में हमारा योट्व का चेनल सबस्क्राइब करना मत बूलिए इतनी स्वर वाचिंग अल्हाफिज
33:18हलो विवर्ज ये कहानी है आमना की जो लाहूर के एक मतवस्त तबके के गरानी से थालू करकती है आमना एक हसास बावचार और एक खुदारलगी है जो हमेशा दूस्ते को खुश्यों के लिए अपनी खुशाद कुरबान करती आई है आमना की जिंदेगी इस वक्त बदलती ह
33:48यूरूमे आमना सिर्व एक मरीजा की बेटी होती है लेकिन आइस्ता पहाद इसकी शखसियत से मतासिर होने लगता है।
33:56आमना की आजज़ी अदब और कुर्बानी का जजबा पहत को इसकी तरफ के अंच्छता है।
34:01जब पहत अपनी मां से आमना करिश्दी के बात करता है तो मुखालिबत के तोफ़ान उटकड़ा होता है।
34:07पहत की माज़ एक रईस और खुदपसंद आउरत है।
34:10आमना की साद़गी की कमज़ोर समझ की इसे टकरा देती है।
34:13वो चाहती है कि पहत की शादी इसकी दोस्त की बेटी आइज़ा से हो जो दौलत और असरुसरूख रखती हो पहत दौराहों पर कड़ा हो जाता है।
34:23एक तरफ उसकी मां की खुआश दूसरी तरफ उसका दिल।
34:27इदर आमना अपनी वाला की बीमारी के साथ साथ मौशिर के तानों और पहत की मां की बेज़ती का बोज भी उट रही होती है।
34:35लेकिल वो खामोश से सब कुछ बरदाश करती है।
34:39इसी दौरान आमना की मां का इंतिकाल हो जाता है।
34:43बिलुकल तन्हा रह जाती है।
34:44यारपाद से कहती है।
34:45भी मौखत वही होती है जो अजज़त दे जो तुम्हे मां से दूर कर दें वो सिर्फ जिए है।
34:56मौखबत नहीं पहत दिलशिकरस ताहो कर शादिस का लो करती है।
35:00और आईज़ा कि अकित भी वहती है।
35:03वो सिर्ब दौलत और नाम के बूकी होती है, कुछ साल बादामना के तीम बच्चों की पलाही तन्जीम चलाती नजराती है, पहद एक तक्रीब में उसे दुबारा मिलता है, इस बार वो कुछ भी कहें बगेर आमने के हादों में किताब रखता है, किताब का नाम होता है, दि
35:33चैनल सबस्क्राइब करना, मत बुलिए इतनी स्वर वाचिंग, अल्हाफिज, ये कहानी है, आमना की जो लाहूर के एक मतवस्त तबके के गरानी से थालू करकती है, आमना एक हसास, बापकार और एक खुदारलग की है, जो हमेशा दुसे को खुश्यों के लिए अपनी ख�
36:03मारवाला के लाच के दवरान दोनों की मुलाकात होती है, शोरों में आमना सिर्वेक मरीजा की बेटी होती है, लेकिन आइस्ता पहाद इसकी शखसियत से मतासिर होने लगता है, आमना की आजज़ी, अदब और कुर्बानी का जजबा पहत को इसकी तरफ के अंच्छता है, �
36:33पहत की शादी, इसकी दोस्त की बेटी आज़ा से हो, जो दौलत और असरुसरूख रखती हो, पहत दोराहों पर कड़ा हो जाता है, एक तरफ उसकी मा के खुआश, दुस्सी तरफ उसका दिल, इधर आमना अपनी वाला की बीमारी के साथ-साथ मौश्यर के तानों और पहत
37:03जाती है, और पहत से कहती है, महबत वही होती है, जो इज़त दे, जो तुमें मा से दूर कर दे, वो सिर्फ जिद है, महबत नहीं, पहत दिल शिकरता हो कर शादी से इंकार कर देता है, और आज़ा के हकिकत भी सामने आ जाती है, वो सिर्फ दौलत और नाम के बोकी होती है,
37:33किताब का नाम होता है दिल की दिहलीज ये किताब पहादामना की जिन्देगी से मुतासिर होकर लिकी होती है और इसमें हर सबार लबजामना की अजमत और सबर की गवाही होती है इसना वसिल के हवाले से अपने राए

Recommended