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  • 2 days ago
Part- 01 क्षेत्रवाद और राष्ट्र, सरकार का नजरिया, तनाव के दायरे, आंतर (POL--स्वतंत्र भारत में राजनीति--7--क्षेत्रीय आकांक्षाएँ और संघर्ष

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00:00नमस्कार विद्यार्थियों मैं सुरेज बाटी आप सभी का आज के इस क्लास में एक बार फिर से हार्दिक स्वागत प्रभिनंदन करता हूं
00:07स्टुटेंट्स आज की एक क्लास हमारी एक नाई चेप्टर को लेकर के है और चेप्टर है शेत्रिया आकांक्षा
00:12मतलब होता है एक देश जिसमें अलग राज्य होते हैं उनी राज्यों को हम क्षेत्र कहकर पुकार सकते हैं
00:26अगर उन राज्यों में कुछ इस प्रकार की भावना उत्पन हो कि वो इस संग्य व्यवस्था के अंतरकत अधिक स्वायत्ता की मांग करने लगे
00:36या फिर वो ये मांग करने लगे क्यों है देश से अलग पुकर के अलग देश बनना है तो इस प्रकार की आकांक्षाएं जो होती है उनको हम
00:45परिजनल एस्पारेशं या फिर उत्री आपका अंशाएं के करके फूकरते हैं और आप सभी जानते हैं कि भारत एक संगात्मक्सदञाशन परणाली वाला देश है
01:07देखे, भारत में जो व्यवस्ता है वो है संगात्मक, अब ये संगात्मक व्यवस्ता को मैंने संगात्मक धाचा लिखा है, धाचा इसलिए लिखा है कि भारत वास्तों में एक संगात्मक देश नहीं है, हमारे समिधान के अंदर कहीं पर भी इंडिया को एक संगात्मक या फ
01:37लेकिन धाचा भार्त का कैसा है संगात्मक इस संगात्मक धाचे के अंदर जहां एक तरफ केंद्र है वही अलगलग राज्ये है तो है उपार पताएंगे जैसे कि यह केंद्र सरकार जिसंद्र सरकार
01:55नीचे अलग-अलग राज्ये यह सब क्या है यह है राज्ये सरकारे यह राज्ये सरकारे भारत में कितने राज्ये है 28 राज्ये है 28 इस्टेट्स है वर्तमान समय में इसी तरह से
02:149 या 8 चुबी केंद्र शासित प्रडेस हैं
02:18तो ये जो राज्य सरकारे हैं जिसकी हम बात कर रहे हैं
02:22ये केंद्र के अधीन है इक तरह से
02:24यानि की केंद्र को अधिक शक्ति साली रखा गया है
02:27और इन राज्य सरकारों को केंद्र से कम सक्टियां प्रदान की गई है
02:31हम दूसरे सब्दों में कह सकते हैं कि सक्तियों का प्रवाह केंद्र से रज्यों की और है
02:45केंद्र से रज्यों की और अर्थआत रजियों के और है कि प्रवाह जो है केंद्र से सक्तिया रज्य को मिल रहा है कि एंहत निश्चित रूप से शक्तिशालिय है और रहां
03:04और राज क्युक्त प्रैंद सब्सक्राइब मिलें पर सों इस शक्तित प्रियुम क्या यह यहां पर आप कह सकते हैं कि मुछ
03:24को समय
03:25तक और इस्पेशली 1977 तक अगर हम बात करें
03:331977 तक जब तक केंद्र में कॉंग्रेश की सरकार थी
03:37तब तक हमने देखा कि केंद्र द्वारा
03:40केंद्र द्वारा सक्तियों का
03:45केंद्र द्वारा सक्तियों का
03:48दुरुपयोग किया गया
03:51क्या किया गया?
03:53दुरुपयोग किया गया अब दुरुपयोग किया गया का मतलब यह है कि मनमाने तरीके से राज्यों पर वो अपनी इच्छाए लादने की कोशिस की जो कि राज्ये मानने को तयार नहीं थे
04:08हम यह कह सकते हैं कि हमारे समविधान के अंदर एक अनुचेद है अनुचेद 306 जिसे किसी राज्ये में समविधानिक तंत्र विफल होने की इस्तिति में लागू किया जाता है
04:24और ऐसा देखा गया कि अनुछे 356 का अनेक बार प्रयोग किया गया और यह जो प्रयोग किया गया आइटिकल 356 का यह किया गया उन राजियों में जब गैर कॉंग्रेसी सरकार इस्तापित हो गई तो उनको हटाने के लिए
04:43गयर कॉंग्रेसी सरकारों को सरकारों को गिराने के लिए ऐसी स्थिति में जब आप राजिया पार एक तरह से मनमानी थौपरे हो एक चुनिवी सरकार को आप गिरा रहे हो आप उसके उपर समयधानिक तंत्र विफल कोने का आरूप लगा रहे हो
05:11जबकि वास्तों में समयधानिक तंत्र विफल हुआ नहीं है इसका एक बहुत अच्छा एक्जामपल भी है
05:171957 में जब कैरल में गयर कॉंग्रेसी सरकार का गठर हुआ
05:23तो उसे मात्र दो ही वर्सों में
05:271969 में भंग कर दिया गया था आर्टिकल 356 अनुचे 356 को लागू करते हो एसा कहीं बात हुआ उसके बात तो यहां पर राज्यों के मन में एक भावना जगी और वो थी केंदर से अधिक स्वायत्ता प्राप्त करना
05:44इसकी वज़े से क्या हुआ स्वायत्ता की मांग स्वायत्ता की मांग हम इस प्रकार की मांग को ही क्षित्रिय आकांक्षाएं कहकर पुकारते हैं तो यहां सित्रिय आकांक्षाएं हमें दो रूपों में दिखाई देगी एक जब राज्ये यह चाहें कि हम केंदर से ज्या�
06:14हम उन शेत्रिय अकांक्षाओं की बात करेंगे
06:17जो की भारत से अलग होने तक की उठी थी
06:21जिसमें नाम आ सकता है नागालेंट का
06:24नाम आ सकता है मिजोरम का, पंजाब का, जमुकश्मीर का
06:29दक्षिन भारत में जो तुरवड आमदोलर उठा था
06:31इस प्रकार के आमदोलर यह दर्साते हैं कि
06:34भारत से अलग होने की मांग भी समय समय पर उठी है
06:38हम इसी प्रकार की मांगों को यहाँ पर पढ़ने जा रहे हैं
06:41जिसे हम चेत्रिय अकांक्षाओं कहेंगे
06:44इसमें हम सबसे पहले देखेंगे
06:45शेत्रवाद or राष्ट, यह दो शब्द है
06:48शेत्रवाद और राष्ट, क्या है जड़ा समझेगा
06:521980 के दसक में स्वायत्ता की मांग चरम पर थी
06:55देखें हम सीदे स्वायत्ता की मांग पर आ गये
06:58क्यों कि इससे पहले में ना आपको यहाँ पर यही समझाया है
07:01कि इन सब घटनाओं की वज़े से स्वायत्ता की मांग जो थी उसने जन्म लिया यह स्वायत्ता की मांग ने जन्म कब लिया
07:121977 तक जैसा कि मैंने यहां तक बताया था आपको कि 1977 तक जो है वो कॉंग्रेस की सरकार थी
07:18बाद में पहली गेर कॉंग्रेसी सरकार बनी उने 177 से 80 के बीच हूँ
07:22यहां तक कॉंग्रेस का जो 71 सासन था इस समय ऐसी सरक्ति का अनेकोबार प्रियोग किया गया
07:28जब किसी राज्य में संगधानी कंत्र विफल होने का आरोप नकाकर वहां की सरकार को गिरा दिया गया
07:34तो 1980 के दर्शक में स्वायत्ता की मान चरम पर थी
07:37प्रधानमंत्र इंद्रा गांधी के कारेकाल के दोरा अनेक गयर कॉंग्रेसी राज्यों में
07:43अरुचे 356 आर्टिकल 356 का प्रियोग किया गया तथा गयर कॉंग्रेसी सरकारों को गिरा कर
07:50वहाँ जो गैर कॉंग्रेशी सरकारे थी उन सरकारों को गिरा कर केंद्र ने ताना शाही का परीचे दिया
07:57जिससे संगात्मक धाचा डगबंगाने लगा तथा राज्यों में शित्रिया आकांक्षाओं ने हिंसक्व आधुरन कारी रूप धारा कर लिया
08:07तो किस परकार से चेत्रिया आकांक्षाओं का जन्म हुआ वो आप यहाँ पर देख पा रहे हैं
08:13केंद्र ने इस विरोध को कुचलने का प्रयास किया लेकिन विरोध बढ़ता गया
08:18आप जितना विरोध को कुचलने की कोसिस करेंगे विरोध उतना ही अधिक बढ़ीगा
08:23अता केंद्र को राज्यों के साथ बाचित के माध्यम से समविधानिक दाइरे में रहते हुए
08:28हल निकालने के लिए विवश होना पड़ा
08:32संविधानीक दाइरे में रहकर
08:34हल निकालने के लिए
08:35किसको विवश होना पड़ा
08:38केंदर को
08:39अब आता है भारत सरकार का
08:42नजरिया
08:43भारत सरकार जी से हम केंदर सरकार कहा रहे हैं
08:46रास्टरबाद के अंतरगर
08:48विविद्थता वह एकता में संपूरन
08:50स्थापिक करना चाहती थी आप सभी जानते हैं कि भारत एक ऐसा देश है जहांपन विविदता मुझूद है और विविदता कि अगर हम बात करें तो अने काधारों पर विविदता है भारत के अंदर विविदता तो आप यह कहेंगे शेत्रिय विविदता है सबसे पहली वि�
09:20फिर आप कह सकते हैं धार्मिक भाषई इतियादी तो
09:30यह वह प्रमुख विविदता है दार्मिक और भाषई विविदता जिन में एकता स्थापित करना यहां असान
09:36काम नहीं था विविन्टूरी राजनेतिक दल सम्धू इतियादी को लोगतंत्र में तो
09:46तो यहां आप देखेंगे कि भारत सरकार, यानि कि केवदर सरकार को रास्टवाद के अंतरगत विवित्ता वाइक्ता के संतुरन, एक्ता में संतुरन इस्तापित करना चाहती थी, भारत सरकार ने लोगतांतरिक दस्टिकोन अपनाने का निश्य किया, इसके लिए जो तरीका
10:16नहीं हो पाएगी, लोगतांतरिक दरस्टिकोन अर्थात शेत्रिय विरोत, शेत्रिय विरोत, शेत्रिय लोगों की भावनाओं को प्रकट करता है, ऐसे में शेत्रिय नितरत्व को इन जन भाशाओं का नितरत्व करने का अधिकार है, विभिन शेत्रिय राजनितिक दल, सम�
10:46प्रूज परकट कर सके और भारत में तो बहुदलिय व्यवस्था को अपनाया गया है बहुदलिय व्यवस्था में आप सभी जानते हैं कि जहां एक और बहुदलिय व्यवस्था बहुदलिय व्यवस्था में जहां एक और आपको राष्ट्रिय पाइटियां दिखाई देती ह
11:16जो ह השेत्रिय ंदल है कeszंद ये बंती ही इसी मुद्दे पर हैं कि वह अपनी मांग को उठाएंगे
11:25अपने सेत्र की मांग को उठाएंगे अपने सेत्र की समय स्मयाओं को उठाएंगे और यह लोकतंतर के अंदर उनको अधिकार प्राप्ट होता है».
11:32केंदर ने शेत्रे समस्याओं को राष्ट्र ये नीती निर्धारण में सामिल करने का निश्य किया
11:37यानि कि शेत्रे जो समस्याओं हैं उन समस्याओं को केंदर सरकार द्वारण निर्णे लिया गया
11:43क्योंको राष्ट्रे नीती के साथ साम्मिल करेंगे
11:45तब ही जाकर के ये जो क्षेत्र अपनी मांग उठा रहे हैं
11:49ये मांग शान्थ हो पाएगी
11:51अब दे के तनाओं के दाइरे क्या है इसको जरा समझी
11:56भारत की स्वतनत्ता के पस्चात अनेक समस्याओं ने भारत को घिर लिया
12:00भारत विभाजन, सांपरदाइक हिंसा, राजियों का पुनलगठन, देशी रियासतों का एकिकरण
12:06इत्यादी समस्याओं प्रमुक थी
12:07इसके अलावा आप कहेंगे कश्मीर विवाद, खालिस्तान की मांग, मिजोरम, नागालेंट, दक्षिन भारत में द्रविड आंदोलन, इत्यादी अलगावादी आंदोलन थे
12:16जिन्होंने देश की एकता और अखंडता को तोड़ने की कोशिश की
12:20यह तो जब भारत आजाद हुआ था, उस समय की ततकालीन समस्याओं थी, यह जो समस्याओं हम देख रहे हैं, यह समस्याओं तो कौन सी है? आजादी की ततकालीन समस्याओं
12:30आजादी के दोरान तदकालीन समस्याइ जस्ट जो उस समय उत्पन हुई थी वो समस्याइ थी तदकालीन समस्याइ
12:43और ये जो समस्याएं है ये आजादी के बाद उठी है समय के साथ
12:50आजादी के बाद जिन समस्याओं का जन्वा वो है कश्मीर विवाद, खलिस्तान की मांग, विजोरम, नागालेंग, दक्षिन भारत में, द्रविट अंदोलन, इत्यादी
13:02ऐसे आजोलगावा दिया आजोलन थे, यानि कि ये आजोलन इसलिए पनपे थे, कि यहां मांग उठी थी कि भारत से इन राज्यों को अलग किया जाए, अगर नागालेंग, पंजाब, मिजोरम, अलग राज्य बन जाए, तो सोची दो मिनिट के लिए भारत ये इतने सारे ट�
13:32करनाटक, महरास्ट, गुजराथ, पंजाब, इतियादी राज्यों को राज्यों कर दर्जा दिया गया था, ये तो आप सभी जानते हैं, कि हम्रा आजादी के बात, सबसे पहले जो लोगतांत्रिक रास्ता अपनाया, इन समस्यों से निपटने का, वो था राज्यों का पु
14:02कबिनेट जो गठित हुआ था, वो जानता था इस चीज को, कि ये कहीं न कहीं आगे चलकर के समस्या मुत्पन होगी, इसलिए हमारी कबिनेट ने उसी समय गोष्णा कर दी थी, कि हम देश में राज्यों का पुनरगठन करेंगे, तो बहसा के आधार पर करेंगे, आलांकि �
14:32इसके अध्यक्स थे, रिदेनात कुंजरु और केम पढ़िकर इसके सदस्य थे, इस आयोग ने जब 1905 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तूत की, तो उस रिपोर्ट में ये सुझाव दिया कि भारत में राज्यों का पुनरगठन, रिय ओर्गेनाइजेशन ऑफ स्ट्रेट जो
15:02इनका अधार भाषा होगी, फिर उसी के पस्चात, आपने देखा कि चौदा राजी और श्रासित प्रदेश बने और धीरे-धीरे-धीरे-धीरे कई राजियों का जन्व होता चला गया,
15:14मतलब 1956 तक जब चौदा राजी और श्रासित प्रदेश थे, फिर उसके बाद 1966 में पंजाब से अलग होकर के हर्याना को बनाया गया,
15:41फिर इसी पंजाब से अलग होकर के हिमाचल बना, तो ये जो हिमाचल और भरयाना अलग हुए, ये भी भाषा के आधार पर हुए थे,
15:49आगे चल करके इसी प्रकार से पुरोतर राज्यों का पुनवगठन हुआ, 1972 में, फिर 87 में, तो ये जो राज्यों के पुनवगठन हुए, इसमें भाषा एक बहुत बड़ा अधार रही थी,
16:01जो इस बात की और संकेत देता है, कि केंद्र ने इन समस्याओं का समधान लोकतांत्रित तरीके से डूनने की कोशिश की, अर्थात भाषा के आधार पर राज्यों बनाने की बात को स्विकार किया गया,
16:12अब देखें, जम्मुकश्मीर की भौगुलिक इस्तिति, वह संस्कृतिक इस्ति, हम यहां पर सेत्री आकांग्स हैं, जिन जिन राज्यों में उठी, उनकी चर्चा करेगे, और इन राज्यों में सबसे पहले हमारी चर्चा किस से हो रही है?
16:26जम्मु कश्मीर से हो रही है
16:28जम्मु कश्मीर जो कि भारत का एक ऐसा स्टेट कहा जा सकता है
16:33जो कि आजाधी के समय एक स्वतंत रियासत के रूप में था
16:37और भारत से अलग होका पाकिस्तान से अलग होका
16:41एक स्वतंत रियासत के रूप में ही रहना चाहता था
16:43बट लंबे समय तक जम्मू कश्मीर स्वतंत रियासत के रूप में नहीं रह सका
16:47क्यों क्या हुआ इस पर हम चर्चा करेंगे
16:50पहले हम जम्मू कश्मीर की भोगलिक और सांस्कृतिक इस्तिति को समझ लेते हैं
16:54इस बट एएमो कश्मीर तीन राजनितिक एम सामाजिक शेत्रों से सेत्रों में सांविल है
16:59एक है जम्मू एक है कश्मीर और एक है लगताग
17:03यह तीन अलग-अलग टाइप के एरियास है जिनका आधार राजनितिक सांस्कृतिक अलग-अलग है
17:09जिनकी संस्कृति अलग है जिनकी राजनिती अलग है
17:12कश्मीरी बोलने वाले ज्यादातर लोग कौन है?
17:15मुस्लिम है
17:15मतलब कश्मीर के अंदर जो कश्मीरी भाषा बोली जाती है
17:18जो वहां की main और local language है
17:21वो मुस्लिम सबसे ज्यादा बोलते है
17:23क्योंकि कश्मीर में ज्यादा मुस्लिमों की संक्या है
17:27बहु संक्यत मुस्लिम शित्र है
17:29कश्मीरी भाषी लोगों में अलव संक्यत हिंदू भी है
17:32यानि कि देखिए
17:33100% तो मुस्लिम नहीं है
17:36बहु संक्यत मुस्लिम है अलव संक्यत हिंदू है
17:39तो कश्मीरी भासा दो लोगों के दौआ बोली जाती है
17:42एक बोली जाती है मुस्रिमों के दौआ एक बोली जाती है हिंदों के दौआ
17:47अधिकतर जो कश्मीरी भासा बोलने वाले हैं वो कौन है? मुस्लिम है
17:51जम्मुक शेत्र पहाडी तलहटी एब मैदानी इलाकी का मिश्रण है
17:56यहाँ पर पहाड उसके बाद हम तलहटी की बात कर रहे हैं
18:02तलहटी मतलब जो पूरी परवत स्रंकला है कौनसी हिमाले की
18:06उसी परवत संकला से जुड़ा हुआ है जम्मु कश्मीर का तलहटी शेत्र
18:10और साथ साथ में कुछ ऐसा शेत्र है जो वैदानी भी है
18:14तीमाई प्रकार के शेत्र मौजूद है
18:16जहाँ पर हिंदू, मुस्लिम तथा सिख ये मुख्य रूप से लोग रहते हैं
18:22हालाकि यहाँ पर हिंदू, मुस्लिम, सिख और प्लस बुद्धिस्ट भी रहते हैं
18:27लदाग तो इस्पेशली बुद्धिस्ट लोगों का ही केंद्र है
18:30लदाग परवती एलाका है
18:32यहाँ पर आप देखेंगे कि जम्मु क्शेतर की बात कही है
18:35जम्मु में मुख्य रूप से आपको हिंदू, मुस्लिम और सिख दिखेंगे
18:39जबकि लदाग के अंदर आपको कौन दिखेंगे
18:41बहुत धर्म के लोग बहुत संख्यक रूप में दिखेंगे
18:44वहीं मुस्लिम आवादी आपको यहां अल्पसंखे पूर्ट में दिखाई दिएगी
18:481947 से पूर्व जम्मु कश्मीर देशी रियासत थी
18:53जहां का राजा हरी सिंग इंदू था
18:56जम्मु कश्मीर क्या थी?
18:58एक देशी रियासत थी, एक रजवाड़ा था
19:00आप सभी जानते हैं कि आजादी के समय 565 रजवाड़े थे
19:04आजादी के समय रजवाड़े कितने थे?
19:13565 रजवाड़े आजादी के समय थे
19:18उनमें से एक जम्मु और कश्मीर भी था
19:21कश्मीर आजादी से आजादी के पस्चाद स्वतंत रहना चाहता था
19:24सेख अब्दुला ने नेशनल कॉंफरेंस का गठन करके कश्मीर में राज तंतर को समाप करके लोगतंतर की स्थापना करने के लिए जन आंदोलन चलाया
19:34सेख Абдуlla नेशनल कॉनटरेंस
19:37सीधा प्रशन बनता है एक्जाम में
19:39नेशनल कॉनटरेंस का गठन किसके द्वारा किया गया
19:41तो सेख अबदूला नेशनल कॉनफरेंस के जन्मदाता थे
19:45पाउंडर थे गठन करता थे
19:47और नेशनल कॉनफरेंस जमु कश्मीर की एक
19:50मुख्य पॉलिटिकल पाइटे के रूपना अस्तित्व में रही है इसी नेस्मिल कॉन्फरेंस के नेता शेख अब्दुला ने जनांदोलन चलाया कि कश्मीर के अंदर राज तंतर को समाप्ट किया जाए और उसके इस्थान पर लोग तंतर की इस्थापना की जाए
20:09अक्टूबर 1947 में पाकिस्तान ने कश्मीर में कभाईलियों द्वारा हमला करवा दिया देखिए कभाईली जो की कश्मीर की एक जाती है कभाईली कश्मीर की एक जाती है
20:33और इसकी विशेस्था क्या है यह बड़े हिंसक प्रकरती के लोग है हिंसक है सामपरदाइग है
20:48ऐसे लोगों को हत्यार दे दिये गए पाकिस्तान के द्वारा उन्हें पैसा भी दे दिया गया हत्यार भी दे दिये गए और कहा आप जो है वो हिंसा फेलाईए यहां पर मार्पिट दीजिए खुन खरबा कीजिए और यह सब कुछ कभ हुआ अक्टूबर 1947 में
21:06काश्मीर भारत ऑख किस्तान के बीच में एक ईसा क्षेत्र एक इस पर दोनें का अधीकार नहीं था जुक्त रेया स� ini कि वहां
21:18और इसी स्थिति में भारत में बहुम्ही कश्मीर को कोई नुखसान नहीं पहँंचेए बड़ सुरुवार्थ पाकिस्तान कंबाईयों के
21:31वाना यहां पर हमला करवा दिया तब यहां के राजा हरी शिंग ने भारत से सहायता मांगी भारत ने अपनी सेना कश्मीर भेजी तथा भारतिय सेना ने कश्मीर के लगवग तीन चौथाई भाग को स्वतंत्र करवा लिया
21:49तो इसका मतलब यह है कि महतुपुर्ण हिस्सा जो था वो आजाद करवा लिया गया था बट फिर भी एक तिहाई हिस्सा बच गया था
22:07अब अगर हम यह बात करें कि यह जम्मू कश्मीर है तो इसको इस तरह से आप कर दीजिए यह होगे आपका तीन चौथाई हिस्सा और यह हिस्सा होगे आपका एक तिहाई हिस्सा अभी भी स्वतंत रह गया था जिसको हम आजाद नहीं करवा पाए और उसे पार्ट ऑक्य�
22:37जाता है तो आप नहीं कि पाकिस्तान इसे आजात कश्मीर कहकर के पुकारता है जबकि भारत इसे पाक अधिकरत कश्मीर पीयो के कहकर पुकारता है भारत ने जम्मू कश्मीर के सासक हरी सिंग के साथ एक समझोता किया तथा विले पत्रपर हरी सिंग से हस्ताक्षा करवा �
23:07जिसे Instrument of Accession कहा जाता था
23:11तो Instrument of Accession पर अस्ताक्षर किये गए हरी सिंग के द्वारा और जम्मु कश्मीर को भारत में सामिल कर दिया गया
23:18लेकिन जब सामिल किया गया तो जम्मु कश्मीर को एक विशेष अनुचेत के अंतरगत सामिल किया गया
23:23वो है अनुचेत 370 आटिकल 370 के अंतरगत और आटिकल 370 में जम्मु कश्मीर को विशेष राज्य का दल सा दिया गया
23:32Special State जिसे कहते हैं वो जम्मु कश्मीर को अधिकार मिला भारत में जम्मु कश्मीर में सांती होने पर जन्मत संग्र कराने की गोशना भी की थी
23:42क्या होता है जन्मत संग्राया सर्वेक्षन जन्मत संग्राया सर्वेक्षन का मतलब है कि जन्ता से पूछा जाएगा कि क्या चाहती है जन्ता क्या वो भारत में रहना चाहती है यह वो जन्ता आजाद होना चाहती है मतलब जम्मु कश्मीर से भारत से अलग होकर के श्वतं
24:12मार्च 1948 में कश्मीर में चुनाव करवाएगे तथा नेशनल कौनफरेंस के नेता शेक अब्दुला ने कश्मीर के प्रधानमंत्री पत को संभाला
24:39उस समय कश्मीर में प्रधानमंत्री पत हुआ करता था तो हम यह कह सकते हैं कि कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री कौन थे शेक अब्दुला थे अब कश्मीर राजतंत्र नहीं था अब कश्मीर लोगतंत्र बन चुका था और यही मांग शेक अब्दुला नेशनल कॉन्फरेंस
25:09अधिक स्वायत्ता जो दी गई थी उसमें क्या-क्या विश्यस बाते थी आप कह सकते हैं कि भारत सरकार द्वारा पारित कोई भी कानून कश्मीर में तब तक लागू नहीं होता जब तक की कश्मीर की विधानसभा द्वारा पारित ना कर दिया जाए जाए भारत के बाकी स्क
25:39सोधन करते हुए GST को पारित करते हैं GST जो कानून है वो पूरे भारत पर माननी होगा लागू होगा किसी भी स्क्रेट की विधानसभा से अलग से कूछने की आवश्यक्ता नहीं है उसे लागू होना ही होगा पूरे देश में अब यहां हम बात करें RTI कि आप सभी जानते
26:09इन्फॉर्मेशन एक्ट 2005 में 12 अक्टूपर को इसे पूरे भारत में लागू किया गया था लेकिन जम्मू कश्मीर को छोड़कर किसको छोड़कर जम्मू कश्मीर को छोड़कर
26:31क्यों कि जम्मू कश्मीर को छोड़कर क्यों कि जम्मू कश्मीर को छोड़कर क्यों कि जम्मू कश्मीर की विदान सभा ने उसे पारित नहीं किया और बिना विदान सभा के पारित हुए जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं हो सकता था तो यहां पर पूरे देश में लाग�
27:01करेगी तब तक वो मान्य नहीं होगा अनुछ एक 370 के अंतरगर जम्मु कश्मीर को विषेश अधिकार दिया गया था भारत के अन्य राज्यों के निवासी कश्मीर में इस्थाई निवास नहीं कर सकते थे यह विए विशेश बात थी 370 कि बारत के नागरिक जम्मु कश्मी
27:31आपको नहीं रोका जाएगा लेकिन जम्मुकशमीर के अंदर आप ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि जम्मुकशमीर का जो 370 और 35a है
27:47जो जम्मुकश्मीर को विशेश राज्य का दर्जा देते हैं वह आप अलाउड ही करते हैं रहा कि आप सब्सक्राइब
27:54अब देखिए जम्मु कश्मीर का यह जो इस्पेशल स्टेक्टस है वो खतम कर दिया गया दोहजार में अरुचे 370 विशेष राज्ये का दर्जा एक अकल एक अल्पकाली प्रावधान था अल्पकाली प्रावधान का मतलब जब हमारे
28:10जब हमारी सरकार ने जम्मु कश्मीर को भारत के साथ जोड़ा था तब इस्पेशली यह कह दिया गया था कि जम्मु कश्मीर जो 370 के अंतरगत भारत का अंग बना है वो हमेशा के लिए नहीं रहेगा एक अल्पकाली प्रावधान है समय के साथ इसको खतम किया जाएगा ले
28:40कि 2019 तक पहुंच गया और 2019 में इसलिए समाप्त हो गया क्योंकि भारतिय जन्ता पारटी की सरकार बन गए भारतिय जन्ता पारटी का जो एजेंडा जो उसका कारीक्रम है उसकारिक्रम में यह भी एक मुद्दा था कि जब भी उनकी सरकार बनेगी तो 370 को समाप्त करेंगे �
29:10दोहजार इने से संब्ढ़न का अनुचे 370 अटाने और राजे का विभाजन जम्मु-कश्मीर एवं वुलद्दाख के दो केंदरसासित प्रोडिशों के रूप में करने का परस्ता पारित किया
29:30तो हम यह कह सकते हैं कि 5 अगस्त 2019 के पश्चात जम्मू कश्मीर जो है वो दो हिस्सों में बट गया है विशेस राज्ये का दर्जा समाप हो गया है वर्तमान समय में यह है जम्मू कश्मीर जम्मू कश्मीर और एक है लद्दाख
29:54जम्मू कश्मीर और लद्दाख जम्मू कश्मीर लद्दाख दोना ही क्या है केंदर सासित प्रदेश है केंदर सासित प्रदेश जैसे कि आप सभी जानते हैं कि दिल्ली एक केंदर सासित प्रदेश है चंडीगड एक केंदर सासित प्रदेश है और जनरली केंदर सासित प्र
30:24उन पर केंदर अपना साशन रखना चाहता है इसे केंदर साशीत प्रदेश कहा जाता है अब देखिए जम्मु कश्मीर के अंदर ही बाहरी और आंत्रिक विवाद क्या है आप यहां पर देखेंगे कि जम्मु कश्मीर विवाद का केंदर क्यों बना तो पहले हम बाहरी विव
30:54पाकिस्तान की इच्छा क्या थी कि मुस्लिम प्रांथ है ये बहु संक्यक मुस्लिम प्रांथ इसलिए ये पाकिस्तान में आना चाहिए ये भारत में क्यों चला गया ये पाकिस्तान इसको कभी हजमी नहीं कर पाया और यही कारणे कि पाकिस्तान लगतार कोशिश की यहां पर
31:24पर इस विवाद को उठाया जैने कि उनाइटेट नेशन्स और्गेनाइजेशन इस नेशन्स और्गेनाइजेशन में पाकिस्तान ने कहीं बार इस मुद्दे को रखा
31:52कि कश्मीर भारत में अपने साथ जो जोड़ा है वो गलत जोड़ा है कश्मीर भारत का अंग नहीं होना चाहिए था कश्मीर या तो आजाद रहेगा या पाकिस्तान का हिस्सा बनेगा क्योंकि कश्मीर बहु संख्यक मुस्लिम प्रां थे यहां से तो क्या गुष्णा करके ग
32:22मिले पाकिस्तान और और शौकपिश्द भी परिशान की एकुशिस की एक्चिन में पाकिस्तान की जो राजनेती है कश्मीर मुद्य परuhannya की जितनी भी
32:47वहां की जो डिमोक्राटिक गवर्मेंट्स रही है, लोग तंत्रात्मक सरकारे रही है, वो जनता से जब वोट के अप्पील करती है, तो उसमें कश्मीर एक एहम मुद्दा होता है, हर एक political party कश्मीर मुद्य को भूनाने की कोशिश करती है अपने elections के दौरान, हम इंदुस्त
33:17बाटर ने पूछा, कि आप विशूास करते हैं कि पाकिस्तान जम्मु कश्मीर ले पायगा भारत से, तो महने क्या का, उनुछ उन नहें काकि भाई अभी तो हम घलद वाने की सिजनती में नहीं है, हम कश्मीर गैसे लेगे भारत से, तो आप पाकिस्तान की सरकार को ये कश
33:47सच्फे देखा होbas कि भारत ने जो पुलमावा कि पर पाकिस्तान की करवा
33:59भारत में जो पुल्मावा पर अटेक किया गया था आतंग की हमला जिसे हम कहते हैं पुल्मावा आतंग की हमला पुल्मावा आतंग की हमला यह हमला किस ने करवाय था पाकिस्तान ने करवाय था और इसके बंदे में भारत में क्या किया भारत में सर्जीकल स्ट्राइक की पू
34:29और जब भारत ने पूरी surgical strike की, वो कहां पर की?
34:35पीयोके में की.
34:37पीयोके में जो ये आतंक की ठिकाने थे, इन आतंक की ठिकानों को द्वस्ट किया गया.
34:43भारत की आर्मी ने, भारत की एरिपोर्ट्स ने मिल करके, ये जो प्लान किया था.
34:48इस प्लान में वहाँ जाकर के और द्वस्त करना था उन आतंकी ठीकानों को जो की दोशी थे भारत पर आतंकी हमले के जो पुर्मावा अटेक भारत पर हुआ था
34:59तो इस तरह से आप कह सकते हैं कि ये जो क्षेत्र है वो पाकिस्तान केवल और केवल किसले काम दे ले रहा है यहां पर आतंक स्थापित करें तबी तो कहते हैं कि ये क्षेत्र आतंकी स्थान है पाकिस्तान का आतंकी स्थान प्यों के बनता जा रहा है जहां पर बड़े-बड
35:29वहां काम कर रहे हैं अब देखिया आंतरिक विवाद ये तो हमने देख लिया बाहरी विवाद जम्मु कश्मीर के अंदर क्या विवाद है इसको भी जरा समझने की कोशिश कीजी कि कश्मीर के इस्थानिय निवासी तथा राजमितिक दलों ने भारत सरकार दौरा किये गए �
35:59कर वाद कियो जनमत संग्रह कर वाद किए भारत के साथ क्शमीर मिला है कि अपनी इच्छा से मिला है अपनी जब रहे हैं तो पिर अपकी बालत यो माली जाए क्यों जर्मत संग्रह की बात मानी गई?
36:27कश्मीर के लोग कभी भारत को शोड़ने को तयाब हो पाते हैं कि अगर अकेला रहता तो पाकिस्तान उसे नहीं रहने देगा पाकिस्तान नुपसान पहुचाएगा उसको और पाकिस्तान मिलता है
36:48तो पागिस्तान के हाला तो भारत से बहुत बत्तर हैं। उस देश के साथ मिलकर के उनको क्या फाइदा होना है।
36:53तो वैशे भी जम्मु कश्मीर कर भी पागिस्तान के साथ जाए नहीं पाता।
36:57तो या तो जन्मत संग्रही करवा देते हैं वो ज्यादा बैटर होता।
37:00यह समस्या रही एक मुद्दा रहा कि जन्मत संग्रही मांग समय समय पर उठी।
37:05दूसरा अनुछे 370 जिसके माध्यन से कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया।
37:12कश्मीरी लोगों की यहमान ता मिलनी चाहिए।
37:17कश्मीर के लोगों के क्या मांगी।
37:20कि अभी हम और जाना स्वाय पाचाते हैं।
37:22आप लोगों की विदान सवा जद्पत नहीं चाहेगी तब तक भारत सरकार का कोई कानूना पर लागू नहीं हो पाएगा।
37:42नहीं आपके यहां आकर के इसतर ही रुप से नहीं कर सकता।
37:50कि मांग फिर भी उठते हैं।
37:56कि अगर आप किसी को चूट दोगे तो उससे उनका पेट नहीं भरेगा वो और ज्यादा मांग करें।
38:01तो यहीं यह सब कुछ हो रहा था।
38:03है एक संहूं का मानना था कि जम्मू कश्मीर को भारत के अन्य राज्जों की तरह अधिक
38:09लोगतांत्रिक बनाये जाए अलग-अलग तरह की लोग होते हैं एक जो यह कहह रहे थे जन्मत
38:16संग्र करवानों दूसरे जो एक है रहे थे कि स्वायत तादीक देदो तीसरे इनके बिल्कुल अगेंस्ट थे जो एक है रहे थे कि अन्य राज्यों की तरह जम्मु कश्मिर भी एक लोगतांत्रिक तरीके से ही चलना चाहिए यानि कि यहां पर भी विशेस राजी की कोई आ�
38:46जम्मु कश्मिर के अंदर समय समय पर उठती रही अब आतीए बात 1948 के बाद जम्मु कश्मिर की राजनिती में आपको क्या-क्या देखने को मिला
38:55आप्टर 1948 जब जम्मु कश्मीर भारत का हिस्सा बन गया उसके बाद जम्मु कश्मीर की राजरिती में क्या-क्या उथल-फुथल मचा ये बहुत इंटरस्टिंग है ये बहुत रूची करें देखिए कश्मीर के प्रधानमंत्री शेक अग्दुला ने कश्मीर में जन कल्या
39:25जम्मु कश्मीर में प्रधानमंत्री का पत्था। यही पत आगे चलकर कि क्या बन गया? क्या मुख्य मंत्री का मुख्य मंत्री
39:33इसलिए आगे मुख्य मंतर्य पत किया तोकि मुख्य मांतरिया तो कष्मीर के प्रधान मंतर की महाइन
40:00शेख अब्दुल्हा ने कश्मीर में जन्द कल्यान की नीटियों का अनुसरन किया तता उंकी लोगप्रियता बढ़ती दिए
40:04सीधी सी बात है जन्ता के अंदर लोगप्रिये होना है आप रास्तंतर से लोगतंतर पर आयतों जन्ता के लीच में लोगप्रियतम हो गए
40:12जब आप लोगतंतर तरीके से सुधार करना चाहेंगे तो जन्त लियान की नीटियों के कारण शेख अब्दुल्हा नापिक देमस हो शेख अब्दुल्हा कर था केंदर सरकार के बीच मद्वेद भरने लगे परिनाम शुरुप उनिसों त्रेपन में केंदर सरकार दौरा से�
40:42पैसे अब्दुलहा को ने ज το ही क्यों क्यों कि यज़ेत नए वे पुस्जब्दे में केंदर सरकार के साथ के समझोधे का युद्भाण के वो अपने ही गोग कि लिएधार मुद्भ रहे थिंतर वहीं के अब वे फुन ही गयर ही
40:55ཅनूप कि जो नीति की ती उन समय कि तेहत तो
41:06कोई भी राज्य पोई भी राज्य अगर कॉंगरेस से जैने जो यह कॉंगरेस में चाश्वब
41:16कर्ति थी ऐसा तो आपने 1957 में देखा ही था के यहां ऐसा ही हुआ कि उनिज़्टो प्रेपन में केंद्र सरकार द्वारा से अब्दुल्ह की सरकार को भंग कर दिया गया उनिज़्टर प्रेपन से उनिज़्टर तक कश्मीर की राजनिती में कॉंग्रेश का प्रभाव रहा �
41:461974 शेख अब्दुला ने इंद्रा गांधी की कॉंग्रेस से समझवता कि अब शेख अब शेख अब्दुला को लग गया कि भाई ऐसे तो काम नहीं चलेगा ऐसे तो काम नहीं चलेगा कि कॉंग्रेस के अगेंस्ट जाकर कब तक काम चलाएंगे जंगल में रहना है तो फिर से�
42:16कि कि गम्रेस के साथ में क्या करें सम्झर कारी है और ciert अग इतना बढ़ा कि जो लेंसलंग ओनुक्रेंस ती उस नेच्नल कॉंफलेंस का विलह को मदिस्के अंदर कि यही चाहती थी नहीं चाहती की
42:31यही ते हुआ था कि नेशनल कॉंफेंस का विलेट कॉंग्रेस में होगा और इक बार सेख अब्दुला को मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा
42:51तो 1974 में शेख अब्दुला दुबारा कुख्यमंत्री बने उरिशु सतर्तर में कश्मीर उधान सभा के चुनाव संपन हुए तता सेख अब्दुला को पहुमत बिला
43:06शेख ने नेस्मों कॉंफरेंस का अब्दुला को लगा कि बला कब तक हम कॉंग्रेस के अदिन क्यों लगा जब हमाई पुद के पास मिजोरिटी है जब जनता हमें पसंद करती है तो बला हम क्यों नहीं वापस अपनी पारिटी को पुनवगठेद करें तो उन्होंने अप
43:36वापस अपना रूप शितापित किया लेकिन 1982 में शेख अब्दुला की क्या हो गई बरतियों
43:42शेक अब्दुल्ला की ब्रत्यों, 1982-1982 में हो गई और उनके पुत्र फारुक अब्दुल्ला ने अब नेस्नल कॉंट्रेंस की कमान संभादी तथा आगे चाथा फारुक अब्दुल्ला 1982 में क्या बन गए? जमू कश्मीर के मुख्यमंत्री बन गए यह जो शेक अब्दुल्
44:12उसके बाद इसके पुत्र आए पारुक अब्दुल्लाँ आगे चलकर आप देखेंगे उमर अब्दुलाँ
44:24उमर अब्दुल्लाँ यह सभी नेस्नल कॉंटरेंस को चला रहे हैं और फील्डी सर्फील्डी नेस्नल कॉंटरेंस एक वनसानुगत पाईटी बनी outros
44:42कि कॉंग्रेस को भी लगातार गांधी परिवारी चलाता आ रहा है।
45:12फारुक की सरकार को भंग कर दिया। जो फारुक अब्दुला की सरकार थी तो इसका मतलब केंद्र जो चाहता था वही तो किया गया।
45:35केंद्र ने पहले शेक अब्दुला की सरकार को भी इसी प्रकार से 1953 में भंग किया था।
45:41फिर शेक अब्दुला को नेजर बंद कर दिया गया। फिर 1974 में शेक अब्दुला के साथ समझोता हुआ।
45:46फिर नेशनल कॉंफरेंस का कॉंग्रेस में विलाय किया गया।
45:491977 में जब कश्मीर में एलेक्शन हुए और नेशनल कॉंफरेंस मेजॉरिटी में आई भुगमत में आई तो एक बार फिर से शेक अब्दुला ने अपनी पालिटी को पुनरगठित किया।
45:59इनकी नेशनल कॉंफरेंस कुनरगठित हुई 1982 में जब शेक अब्दुला के ब्रत्यू हो गई और फारुक अब्दुला उनकी जगर पर कमान संभाली और फिर मुक्यमंत्री बने तो फिर वही हुआ जो की पहले हुआ था यानी कि इनकी सरकार को भी यहां पर भंग कर दिय
46:29है फिर तो केंद्र ही सासन चला लें यहां का फिर भला क्यों यहां पर हम कहते हैं कि हम स्वायत हैं स्वायत हैं कहां है उन्यसोच्यासी में 1986 में नैशनल कॉंफरेंस तथा कॉंग्रेस के बीश में एक समझोता हुआ रिपीट फिर एक समझोता उन्यसोच्वाली गठना द�
46:59में केंद्र के हस्तक्षेव के आरोप लगाए गए कि यहां पर केंद्र का हस्तक्षेव जादा हो रहा है क्योंकि समझोता हुआ समझोते के बाद नैसल कॉंफरेंस की सरकार बनी मलब गडवंदन की सरकार बनी क्योंकि कॉंग्रेस लगातार चाहती थी कि यहां पर उसका प
47:291987 में कश्मीर में विधान सभा चुनाव संपन हुए इन चुनावों में नेशनल कॉंफरेंस तथा कॉंग्रेस के गठबंदन को भारी बहुमत मिला तथा फारुक अब्दुल्ला मुख्यमंत्री बने इसकी चर्चा अभी अभी जस्रम उपर कर चुके हैं इन चुनावों पर
47:59हुआ था जिस समय केंद्र में सरकार किसकी थी इस समय केंद्र में सरकार थी कॉंग्रेस की केंद्र सरकार इस समय किसकी थी कॉंग्रेस की थी कौन थे परधान मंत्री राजीव गांधी तो राजीव गांधी की सरकार थी और इनी के नित्रत्व में ये एलेक्शन हुआ था �
48:29अपनी सरकार अलूच को ने सरकार की कष्मीय की राजनिती में यह सरक्षिप की होते हैं जो बी कृटिक्स होते हैं
48:40ऐस्फ दór लुझार करते हैं उननों माना कि यह कष्मीर अंदर कोंग्रेस बार-बार हस्थचेप कर रही है यह गलत है यह ल dónde
48:49कश्मीर के खिलाफ उसके विरुद्ध है कि इसी समय कश्मीर में उगरवादी गतिविद्य प्रारंब हो गई उगरवाद हिंसक गतना एक डर का माहौल यह कश्मीर के अंदर अपनी जड़े मजबूत कर रहा था
49:01कब 1987 के बाद जब वहां पर नेशनल कॉंफरेंस और कॉंग्रेस की मिले जुली सरकार काम कर रही है उस समय वहां पर दीरे उपद्रों मच रहे हैं वहां पर अलगावादी सक्तियां मजबूत हो रही है वहां पर पाकिस्तान का हस्तक्षे बढ़ रहा है यह सब कुछ आफ्ट
49:31कि कशमीर आतंगुवाद की गिरफ्ट मैं कब आया 1989ος 1990 मेंक्क वाए उस समयं केंदर में सरकार किसकी थी केंदर आब 1989 में कर सब्सक्राइब
49:59उभी कि ऐसे तेन स्टार काति यूस समय राष्ट्री मोर्चा से ऴी सिस्टी मोर्चा कि अमस्राइब
50:14की एक नाय। यूत में Jump Charles gosh
50:21कत दे है यह एंधिया जाना कि सरकार्टी कि उसमिय कस्मेर और जयादा अंदकार में
50:28लगा दे बाइडे कश्मीर जो है वो अंधेरे की तरफ जा रहा है इन परिस्थितियों में कश्मीर में गाष्णपती सासन लागू किया गया अनुचे 356 को यहां लंबे समय तक रखा गया क्श्मीर में आतंगी घटनाय बढ़ने लगी यहां पाकिस्तान का स्थक्षे बढ�
50:58घंका रहे थे यहां उन्हें अतंगवादी बना रहे थे उन्हें गोली चलाना बंदूक उठाणा
51:05बॉम ब्लास्ट करना, ये सब कुछ का प्रसिक्षन मिलने लगा था, क्योंकि केंदर कमजोर हो रहा था, केंदर जैसे जैसे कमजोर होने लगा, जम्मू कश्मीर में इगटना है, बहुत तिवर होने लगी, कश्मीर में सेनिक सासन जैसी इस्तिती थी, अतहर जनता, सेना और �
51:351996 में कश्मीर में पुनह चुनाओ करवाएगे
51:391996
51:411996 में कश्मीर में एक बार फिर चुनाओ हुए
51:44इन चुनाओ में फारुक अब्डुला वा कॉंगरेस गटबंदन पर रादी
51:47Google की सरकार बंई
51:48वही सरकार रिपीट हुई है
51:501996 में
51:51जो की 1987 में बनी थी
51:54यानि कि वही Congress और वही पारुक अब्दुल्ला National Conference की सरकार
51:57जम्मु कश्मीर स्वायत्ता की मांग को एक बार पुनाह उठाया गया
52:01जब यह सरकार बनी कि जम्मु कश्मीर को और स्वायत्ता प्राप्त होनी चाहिए
52:05दो हजार दो में जम्मु कश्मीर में निस्पक्स चुनाओ करवाए ले
52:09और जैसे निस्पक्स चुनाओ हुए आप देखिए पार्टी बदल गए
52:13कौन आ गई अब आ गई है जम्मु कश्मीर के अंदर
52:17पी बी पी यादि के पीपल्स डिमोक्राटिक पाइटी तथा कॉंग्रेस की गठबंदन सरकार बने
52:23कॉंग्रेस तो भी गठबंदन में है लेकिन यहां अब जो शेत्रिय दल जम्मु कश्मीर के है
52:29उन में से दूसरा शेत्रिय दल अस्तिर्तों माया 2002 में और वो है पीडीप नेस्नल कॉंफरेंस और पीडीप मुख्य पाइटिया है कश्मीर की जो शेत्रिय दल है वहां के पीपल्स डेमोक्रेटिक पाइटिक
52:41अभी वर्तमान समय में आपको ध्यान होगा महबुबा मुफ्ति सईद जो है वो पीपीपी की अध्यक्स है
52:50पीपीपी महबुबा मुफ्ति सईद
53:03महबुबा मुफ्ति सईद जो है वो वर्तमान समय में इस पीपीपी ट्रिपल्पी यानिकी पीपल्स जमोक्रेटिक पाइटि के अध्यक्स है
53:15और जब 2019 में जम्मु कश्मीर का जम्मु कश्मीर का विशेत राज्य का दल्जा खतम किया गया
53:24जम्मु कश्मीर को जब दो भागों में तोड़ा गया उससे पूर्व आपको पता होगा यहां एक गठबंदन सरकार बनी थी
53:33और वो बनी थी किसकी भारतिय जनता पाइटि और इसी पीडीपी की
53:38ब्ज़ीपी प्ट्लश पीडीपी ने यहां पर अपनी सरकार एक गठबंदन सरकार बनाई थी बीच में बुझ में बीज़ीपी ने गठबंदन सरकार को तोड़ा
53:46अपना समर्सन हटाया अल्पत माई सरकार सरकार गीडी यहां राश्वति शासन लाख давно
53:52और राश्पती स्यासन के बाद यहां पर जमू कश्मीर की तश्वीर बदल नहीं इन चुनाओं को निस्पक्स वा सवतंतर चुनाओं कहा गया क्यों कि पहली बार ऐसा हुआ कि जब जमू कश्मीर के अंदर
54:05पीडीपी सरकार माईई है क्योंकि चुनाओं काफी निस्पक्षिकह और 2002 में सरकार किसकी थी । differenti et
54:13दो में केंद्र में सरकार जो है वह कॉंघ्रेश की नहीं थी किश की
54:21अब थी NDA सरकार, NDA, और यह जो NDA सरकार थी, इसमें प्रधान मंत्री थे अटल विहारी वाजपई, तो अटल विहारी वाजपई, तो अटल विहारी वाजपई के काल में निस्पक्स चुनाओ करवाए गए, इसलिए National Conference बाहर हो गई, और इन कौन हो गई, PDP हो गई, People's Democratic Party, �
54:51आ रही थी, उसे बाहर का रास्ता तभी दिखाया गया, जब निस्पक्स चुनाओ हुए, जब धांदली, हेरा-फेरी नाम की चीज़ बिल्कुल भी नहीं हुई,
54:59पर आता अलगावाद और उसके बात, अलगावाद देश से अलग, यानि कि स्वतंत रहने के मांग जोती हो, अलगावाद कहलाती है,
55:17तो 1990 के बात, क्योंकि आप सभी जानते हैं, कि 1990 1989 में जो है, वो जमू कश्मीर आतंग की गिरफ्त में आ चुका था,
55:26इसलिए 1990 के बाद, कश्मीर में पाकिस्तान समर्थन से अलगावाद की निती का जन्म हुआ,
55:34एक्जाम में कोर्शन पूछा जा सकता है. पाकिस्तान में अलगावाद की निती का जन्म कब हुआ? तो आब बताएंगे
55:421989-1990 में पाकिस्तान में अलगावाद की निती का जन्म हुआ. कुछ लोगों के समूं का मानना था कि
55:51कश्मीर को भारत से अलग स्वतंत्र देश बनाया जाए क्या मांग उठी थी कि कश्मीर को एक स्वतंत्र देश बनाया जाए कुछ का मानना था कि कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा बन जाए एक समूर का मानना था कि कश्मीर भारत संग का हिस्सा रहे लेकिन उसे अधिक स्वायत
56:21किए यहां पर अबने पढ़ा किस प्रकार से कश्मीर जो था वो
56:40कश्मीर के अंदर कॉंग्रेस का या केंद्र का लगातार हस्तक शेप रहा कि कश्मीर में अशान्ती बनी रही कश्मीर में
56:521989 के बाद पागिस्तान समर्थित अलगावादी जो संगठन थे मजबूत होने लगी और लगातार मांग उठने लगी कि कश्मीर को एक स्वतंत्र देश बनाया जाए इसी मांग को सांत किया गया कब 5 अगस्त 2019 को जिसके बारे हम स्टार्ट में पढ़ चुके हैं यह बहुत इ
57:22प्रस्ताव पारित किया संसत्ने और यह प्रस्ताव क्या था यह था जम्मू कश्मीर राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2019
57:33जम्मू कश्मीर राज्य पुनर्गठन 2019 यह अधिनियम का नाम है जम्मू कश्मीर राज्य पुनर्गठन 2019
57:55पिछ और इसके मातधयम से जम्मू कश्मीर को इसें तैन सो 70 को असनल किस्य गया है अनुचेत
58:03370 के समा। कि फुब हुई इस्से और जम्मू कश्मार कि जुता वह दो kafति साइसेय परदेशों में बदल गया है
58:12अब वर्त्मान समय में जम्मू कश्मीर जो है वो एक स्टेट नहीं है
58:16जम्मू कश्मीर तथा लग्दाग
58:24जम्मू कश्मीर तथा लग्दाग ये दोनों अब क्या है
58:28अब ये है केंदर सासित प्रदेश
58:31क्या है ये अब केंदर सासित प्रदेश है
58:34इसको union territory कहते हैं केंदर शासित प्रदेश बन चुके हैं केंदर सासित प्रदेश और अभी भी जमू कश्मीर में राश्टरपती सासन चल रहा है अभी जमू कश्मीर में राश्टरपती सासन है
58:55अभी वहाँ पर लोगतांकरी चुनाव नहीं करवाएगे
58:59अभी वहाँ पर सेना के नियंतर्ण में है सब कुछ
59:01और जल्द ही सब कुछ सांथ होते ही
59:04जम्मु किश्मीर में चुनाव संपन करवाए जाएगे
59:07तो स्टुडेंट्स आज किस क्लास को तो हम यहीं समाप्त करेंगे
59:10आज हमने इसके कोई भी MCQs नहीं किये है
59:14अगली क्लास में हम इस चैप्टर को आगे बढ़ाएंगे
59:17चैप्टर कंप्लीट होते ही हम इस चैप्टर के MCQs पर तरचा करेंगे
59:21तब तक कि लिए आप सभी स्वस्त रहें मस्त रहें जैहेंट

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