Jamai Sasthi 2025 Date: जमाई षष्ठी को पुनर्मिलन और खुशी के दिन के रूप में मनाया जाता है। यह वह दिन है जब सास, देवी षष्ठी को खुश करने के लिए षष्ठी पूजा करती हैं और अपनी बेटियों और दामादों के सौभाग्य और समृद्धि के लिए उनका आशीर्वाद लेती हैं।Jamai Sasthi 2025 Date: Jamai Sasthi Kab Hai 2025,Sahi Tarikh,Kya Hoti Hai ?
00:00जमाई शोष्टी का त्योहार पारंपरिक हिंदू कैलंडर के जेश्ट महीने के छटे दिन मनाते हैं
00:08जमाई का अर्थ है दामार और पारंपरिक हिंदू कैलंडर में पक्षटी छटे दिन को कहते हैं
00:15जमाई शष्टी उत्सव दामाद और उनकी सास की बीच की बंधन को मजबूत करने के लिए समर्पित है।
00:21वैसे दो जमाई शष्टी को पुनर्मिलन और खुशी के दिन के रूप में मनाते हैं।
00:25ये वो दिन है जब सास देवी शष्टी को खुश करने के लिए शष्टी पूजा करती है और अपने बेटवों और दामादों के सौभागे और समरुद्धी के लिए उनका आश्रवाद लेती है।
00:55और पांश दरह के फल चड़ाय जाते हैं। दामाद के माथे पर दही की एक छोटी बूंद डाली जाती है और उनकी कलाई पर पीला धागा बानते है। धागे को हलदी से पीले रंग में रंगा जाता है और असे सश्टी सूतों कहते हैं जोस परमा सश्टी का आशरवाद होत
01:25उने के बाद सास दौरा दामाद को बहुत प्यार से खिलाय जाता है और उन्हें उपहार भी दिया जाता है इस दोरान दामाद भी अपनी सास को इच्छानुसा उपहार भीट करते हैं
01:37जमाई शर्ष्टी दामाद को समर्पित बिन है ये तेवहार मुखे रूप से पश्रमंगाल में मनाते हैं इस दिन को शुब माना गया है और अधिकांच परिवार दामाद को समर्पित एक पार्टी का आयोजन भी करते हैं
01:48फिलहाल से वीडियो में इतना ही वीडियो को लाइक और शेयर करें साथी चानल को सब्सक्राइब करना ना भूलें