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  • 5/26/2025
सनी देओल ने पुलिस स्टेशन में घुसकर पोलिसवाले को काट डाला | Sunny Deol Best Dialogues #action #scenes
Transcript
00:00:00रोटे हो मगी बचाने दो मगी
00:00:08और प्रहाँ मगी बचाने दो
00:00:12रोटे हो, बचाने दो
00:00:30परिशान शर्मा को गिरप्तार करवा शिच लिये
00:00:32संगीता, तुम वेक्रम मत करो, मैं अभी थाने जाता हूँ
00:00:33अभी जाता हूँ, हा?
00:00:43इंस्पेक्टर साथ, संगीता चोपडा मेरी चात्र है
00:00:46संगीता शर्मा ने उसके साथ बललत कार किया
00:00:48मेरी आखों के सामने, आप रिपोर्ट लिखिये ना
00:00:53एक मिनट, इंस्पेक्टर साथ, आप एक मिनट बैठिये
00:01:00हलो, मैं इंस्पेक्टर मिश्रा बोल रहा हूँ
00:01:05मामला बहुत सीरियस है
00:01:07हाँ, मैं संगीता चोपडा के रेप केस की ही बात कर रहा हूँ
00:01:09उसके आई विटनस मेरे सामने बैठे हैं, प्रोफेसर दिख्षित
00:01:13जी, जी बहुत अच्छा
00:01:16प्रोफेसर दिख्षित, मैं आपकी रिपोर्ट भी लिखूँगा
00:01:19और सक्स सक्स कारवाई भी करूँगा
00:01:22लेकिन, पहले आप अपने घर जाएए
00:01:40चाची, क्या हुआ?
00:01:41चाची, आपके हाँ चाय तो बहुत बड़िया बंसी है
00:01:43चाची बाबु, आप यहाँ क्या कर रहे हैं?
00:01:46जैसे ही ठानेदार साहब ने मुझे सूषना दी
00:01:48कि आप रिपोर्ट लिखवाने ठाने गए हैं
00:01:50तो मैं अपने आपको रोप नहीं पाए
00:01:52क्योंकि मेरे खिलाफ रिपोर्ट लिखवाकर
00:01:54आप अपना एक कर्तवे पूरा करते हैं
00:01:56तो यहाँ घर पर आपका दूसरा धर्म अधूरा रह जाना
00:02:01क्या मतलब?
00:02:03ये लीजे चाकू
00:02:05और इससे सबसे पहले अपनी बेहन शिल्पा को काट डाली
00:02:09संचे बाबू?
00:02:10क्या है मासाँब जब आप रिपोर्ट लिखवाएंगे
00:02:12तो यकीनां पूलिस मुझे गिरफ़तार करलेगी
00:02:14पर एक दो दिन में मेरी जमानत हो ही जाएगा
00:02:17उसके बाद आपकी ज़वान बेहन के साथ जो कुछ होगा
00:02:21उससे देखकर आपको अफसोस होगा
00:02:23कि मैने अपनी बेहन को पहले ही क्यों नहीं माता रहा
00:02:47अरे मासाँब इतना सोचिये मत
00:02:50वो कहावत तो आपने सुनी होगी
00:02:52के काल करे सो आज कर और आज करे सो आप
00:02:56नेक काम में दिली दिली चाहिए
00:02:58ये लीजिये
00:03:00और मैं तुबारा सबचाने नहीं आओंगा
00:03:03अच्छा चाची चलता हूँ
00:03:06प्रणाम
00:03:08अरे ठानेदार साहब भला मैं इसका बलतकार क्यों करूँगा
00:03:17ये राज़े दाई छूट मोला है
00:03:18बलतकार करने का सवाल ही नहीं उठता है
00:03:20ये साली तो खुद मेरे आगे पीछे कुंगती है
00:03:21इसने मेरे साल जबरदस्ति की है
00:03:23इसने जवानी का एसास भी मैंने ही कराए
00:03:25आईए दिवान जी दिवान जी आईए बैच
00:03:27मुझे नयाई चाहिए मुझे इनताई चाहिए
00:03:29संगीता मेरी जान इतने पुराने तालुकात को इस तरह बदनाम करना अच्छी बात नहीं है
00:03:33चाला आप
00:03:34इंस्पेक्टर साब आप मेरी कमप्लेइन लिख लीजिये
00:03:36आप हीराज रख लीए
00:03:37आजकल वैसे भी औरतों के लिए कानून बहुत मज़बूत हो गया है
00:03:41मैं दिवान जी को अरेस्ट करके
00:03:43अभी हवालात के बीचे धखेल दूँगा
00:03:45बस प्रोफेसर दिक्षित आकर गवाई दे दे
00:03:48प्रोफेसर साब, प्रोफेसर साब
00:03:50आपने तो सब कुछ अपनी आँखोल से देखा था
00:03:52किस तरह संजे शर्माने मुझे जानवरों की तरह नोच जाला था
00:03:56आप भी बताये इंस्टेक्टर साब को कि मेरे साथ क्या हुआ था
00:04:00किसी से डरने की कोई जुरूत नहीं है
00:04:02प्रोफेसर दिक्षित, आप बताये कि आपने क्या देखा था
00:04:06हाँ मास साब, आपको भगवान की सोगन दे
00:04:09भाई बता दीचे कि आपने क्या देखा था
00:04:11मुझे प्रोफेसर साब
00:04:26मैंने कुछ नहीं देखा
00:04:30प्रोफेसर साब, आप तो तब थें वापर
00:04:38बताएएए न!
00:04:39प्रोफेसर जीदी सहाब!
00:04:41प्रऋफेसर जीदी सहाब!
00:04:42बताएए न उने पिर क्या हो आदा?
00:04:43चाक बहुत 26 में!
00:04:44प्रोफेसर जीदी सहाब!
00:04:46दिजिने दो ती महीलों के मेंरे फिली के फिली इये..
00:04:48अच्छा पाड़ी बढ़ा दो.
00:04:50मैंने से सबचाया महङगाई है बात.
00:04:52पहलां बचा दिया इसके.
00:04:54लाली, चल जा.
00:04:56बढ़ा दूँगा तेरे पैसे.
00:04:58दीदी, आज पूरी दुनिया मुझे चरितरहीन समझती है.
00:05:02प्रोफेसर दिक्षित यदि चाहते तो मुझे नयाई मिल सकता था.
00:05:05लेकिन चुप रहकर उन्होंने जो मेरे साथ अन्याई किया है,
00:05:09उसके लिए मैं उन्हें कभी शमाँ नहीं करूँगी.
00:05:11और ना ही कभी तुम उन्हें शमाँ करना.
00:05:31संजय शर्मा के मडर केस में,
00:05:33निशा चोप्रा की गवाई से साभीत होता है,
00:05:36कि खुन आर्चुन दिक्षित ने किया है.
00:05:38इसलिए ये आदालत तफा 302 ताजिराते हिंद के तहट,
00:05:42मुझरें मुझे तुम को प्रतिया करता है.
00:05:45कि यह नहीं प्रतिया करता है,
00:05:47निशा जी, बहुत भुत धन्यवाद,
00:05:49कि आप गवाई देने के लिए यहां लूती हैं.
00:05:51इसमें धन्यवाद की क्या बात है,
00:05:53ये मेरा फर्ष था.
00:05:54निशा, निशा.
00:05:56अर्चुन, फुटु जाए.
00:05:59मेरी बात सुनो निशा, मेरी बात सुनो.
00:06:01निशा जी, बहुत भुत धन्यवाद,
00:06:03कि आप गवाई देने के लिए यहां लूती हैं.
00:06:05इसमें धन्यवाद की क्या बात है,
00:06:06ये मेरा फर्ष था.
00:06:08निशा, निशा.
00:06:10अर्चुन, फुटु जाए.
00:06:12मेरी बात सुनो निशा, मेरी बात सुनो.
00:06:15मेरी बात सुनो निशा, मेरी बात सुनो.
00:06:18मैं भूल खुट ख़ल करता हूं, निशा.
00:06:20तो मैं ज़गीता वो नहीं दिवा पाया.
00:06:22तो इसलिए भी भी मेरी कोई लोचन नहीं थी, निशा.
00:06:24मेरे परिवार पर ख़ल की तलवा ढांग दी थी, सक्र शर्मा ने.
00:06:28यही मुझे नहीं छलल देंगे, वह भी अंगे है.
00:06:30मेरी बात सुनो निशा.
00:06:32मैं तो विश्वास करें, निशा.
00:06:34निशा चोगा, मेरी बात सुनो निशा.
00:06:39मुझे जाने दहू, जाने दहू.
00:06:41निशा थला, अंजुं.
00:06:43हथो भी हतु लौग थइ ही मुझे जानद करे थी
00:07:08महित दॉनली जानते हैं
00:07:13आप जो बाद करते हैं.
00:07:16अपने बाद करते हैं.
00:07:41निशा, मुझे माफ कर दो, निशा.
00:07:43मैं तुमसे प्यार करता है, मुझे माफ कर दो, निशा.
00:08:02आर्जुन, तुमसे मिलने MLA आयी है.
00:08:07कोड़ का टाइम हो गया है, खैदी को बिठाओ कोड़.
00:08:11यह पेपर प्रोसिस करवा दीजे.
00:08:12मैं चाहती हूँ, यह काम आज ही हो जाए.
00:08:14जी अच्छा.
00:08:16नमस्ते, रोहिनी जी.
00:08:18आर्जुन, पिछले देड़ साल से मैंने सुप्रीम कोड में तुम्हारे पक्ष में अपील दायर की थी.
00:08:23उसका फैसला आ गया है, तुम चेल से रिहा हो.
00:08:27आपने मेरी अपील दायर की थी.
00:08:30जबकि आप जानती हैं कि मैंने आपके बेटे की आत्या की.
00:08:35मेरे बेटे ने तो आत्मात्या उससे दिन कर ली थी.
00:08:38जिस दिन वो पाप के रास्ते पर चल पड़ा था.
00:08:42तुमने तो सिर्फ उसे शमशान तक पहुचाया है.
00:08:44मैं तुम्हारे और संजय के बारे में सारी सच्चाय जानती हूँ.
00:08:48इसलिए जो मेरी आत्मा ने कहा, मैंने वही किया.
00:08:57अर्जुन, तुम्हारे घरवाले ये शेहर छोड़कर ना जाने कहाँ चले गये.
00:09:01तुम चाहो, तो मैं तुम्हें कोई रोजगार दिलवा सकती हूँ.
00:09:06नौकरी तो मैं नहीं करूँगा, और नहीं ये शेहर में रहूँगा.
00:09:11फिर कहाँ जाओगे?
00:09:13मुंबई.
00:09:17पर कमाल है यार, रोहिनी देवी ने तुम्हें जेल से छुड़वाया.
00:09:21वो उनका बड़ापन है.
00:09:23पर उस लड़की ने तेरे साथ बड़ी आहा किया.
00:09:25शिवा.
00:09:29मैं निशा के विरोदेक शब भी नहीं सुनना चाहता.
00:09:32छल ठीक है यार, माफ कर दे, गलती हो गई, बस.
00:09:34यार शिवा.
00:09:36हलदी भाई, आये.
00:09:38यह कौन है?
00:09:39यह रिशी केश में योगा का अचारी है.
00:09:41बड़ा ग्यानी पंडित है.
00:09:43अच्छा.
00:09:45और अर्जुन, यह हलदी भाई है.
00:09:47यूझो समझो कि मुंबई में इनका कोई मंदिर नहीं है.
00:09:49लेकिन पूजा सभी करते हैं.
00:09:51नमस्ते.
00:09:53क्या भाई, हीरो बनने आया आपर?
00:10:09बहुत खतरमाक होते हैं.
00:10:12बहुत खतरमाद.
00:10:14यह decide भी he decided
00:10:16वपना था, है बहुत खतरमाद.
00:10:17है, बोला है.
00:10:17क्या है, उस पर?
00:10:19Michael.
00:10:20hates whole his life.
00:10:21है, nahin he should support depend on Michael.
00:10:25js
00:10:29I should expect that Michael is nothing..
00:10:32..but an ambassador.
00:10:35Go hard, go hard, do hard.
00:10:38बहुत खतरनाग!
00:10:39आर्जुन, यार मैं देख रहा हूँ कि..
00:10:43..जब से तुम मुंबई आया है, रोज शामको यहाँ आता है.
00:10:46चक्कर क्या है यह?
00:10:47निशा ने कहा था कि वो हर रोज शामको..
00:10:50..यहाँ जुहु बीच पर घुमने आती है.
00:10:53और अगर वो जिन्दगी बर नहीं आयी..
00:10:55..तो क्या समाधी लगा के बैठ जाएगा यहाँ?
00:10:59आर्जुन, क्या कर रहा है यार यह?
00:11:01शिवा!
00:11:08किशा मिल गई!
00:11:12अर्जुन, क्या जा रहा है तो?
00:11:13मुझे निशा चोपड़ा से मिलना है.
00:11:14भाई, उपर जाने की पर्मिशन नहीं है.
00:11:16पर वो है ना भीज़े.
00:11:17मैं, मैं उससे मिलना चाहता हूँ.
00:11:18चल, उठरो, उठरो, उठरो.
00:11:19आर्जुन, चल यहाँ से.
00:11:20पर मैं, मैं निशा से मिलना हूँ.
00:11:21तुमको बाला नहीं जा सकते हैं.
00:11:23चल. देख. इतरे मिमल काले हैं, बैटा है.
00:11:25फालतों में लबडा हो गाए.
00:11:26इसका भाई, रमान काले, यहां का लागा.
00:11:27चल दे, काड़ी नहीं का.
00:11:28मुझे कुछ नहीं बता, निशा से मिलना है.
00:11:30ओफटी लिशा छोपडा को मेरे होटल के कामिले में लगिया
00:11:35आईगी कसी नहीं, साली
00:11:37पहत है
00:11:39बातुल
00:11:47बातुल, फेट नहीं भांगव, छोड नहीं सकते
00:11:52बातुल, बातुल दू
00:11:55मेरी लिशा को काली देखा तू
00:11:57तमारे दोस्त ने विमलकालिया को पीट पीट कर..
00:12:00..अस्पताल पोचा दिया. रमनकालिया के भाई को.
00:12:03हाल दी भाई. अब रमनकालिया उसको जिन्दा नहीं छोड़ेगा.
00:12:07कुछ करना पड़ेगा. नहीं तो भला आदिं बेकार में मारा जायेगा.
00:12:12चंदर, विमलकालिया सेहर के जस किसी भी..
00:12:15..नर्सिंग हॉम यहाँ आस्पितल में है, उसे पोस्ट माड़ं..
00:12:19..के लिए भेज़वाता हूँ.
00:12:20तो यह आप क्या करें हलदी भाई?
00:12:21रमनकालिया को पीट कर तो विमलकालिया के भाई को.
00:12:24तो विमलकालिया के लिए भेज़वाता हूँ.
00:12:26तो यह आप क्या करें हलदी भाई?
00:12:28रमनकालिया के साथ तो हम लोगों का..
00:12:29..पहले से 36 कागड़ा हैं.
00:12:31और उसका भाई मारा गया, तो गैंगवार..
00:12:32..खुले आम सड़कों पे होगी.
00:12:34जब हमरे आदमी न मरडर नहीं किया..
00:12:36..तो गैंगवार किस बात का?
00:12:38जा बेटा, फिनिस कर दे उसे.
00:12:42विमलकालिया के लिए भेज़वाता हूँ.
00:12:44तो यह आप क्या करें हलदी भाई?
00:12:46रमनकालिया के साथ तो हम लोगों का..
00:12:47..पहले से 36 कागड़ा हैं.
00:12:49विमलकालिया के लिए भेज़वाता हूँ.
00:12:51तो यह आप क्या करें हलदी भाई?
00:12:53विमलकालिया के साथ तो हम लोगों का..
00:12:55..फिनिस कर दे उसे.
00:12:56यह अदमी न मरडर नहीं किया..
00:12:59..तो गैंगवार किस बात का?
00:13:01जा बेटा, फिनिस कर दे उसे.
00:13:03ओ..
00:13:06कितना पाՇसा लिया नरने बेरी?
00:13:09मैं हुषी कोई हंट्या नहीं के.
00:13:15बोल. इसने बोला उस देखा?
00:13:17मैं उसों नहीं के.
00:13:23ब॓ल.
00:13:24समिलते देंना मेरा भाई को माननी के le ty.
00:13:27मैं हुषी कोई हंट्या नहीं की.
00:13:29यह छूट बोलता है, साला.
00:13:30हाँ. अगर यह अलदी राम का आतमे नहीं है..
00:13:33..तो सारी पर नासने वाली के लिए मरा भारी..
00:14:00अलदी भाई..
00:14:02हवालाथ में रमं कालिया माड डालेगा आर्जुन को.
00:14:05अरे अबने भाई की मोध का बदला तो ले गाई.
00:14:07शिवा.
00:14:08शिवा. शिवा.
00:14:10अर्जुन, तू हवालाथ से कैसे आया?
00:14:13मैं हवालाथ से भाग कर आया हूँ.
00:14:14शिवा!
00:14:15शिवा! शिवा!
00:14:17आजुन, तु हवालाद से कैसे आया?
00:14:19मैं हवालाद से भाग कर आया हूँ.
00:14:21मुझे अभी इसी बग निशा से मिलना है.
00:14:23पागन हो गया है तु?
00:14:24देख, तु इसी बग यहां से रिशीकर चला जा.
00:14:27लिए तो पुलिस और रमन काले दोनों मेंसे..
00:14:28..कोई तुम्हें माड़ा डालेंगे.
00:14:29मुझे अन्दर से मिलता है शिवा.
00:14:32मैं यहाँ निशा से मिलना आया हूँ.
00:14:33और उससे मिलते रहूंगा.
00:14:34हल्डि भाई, यह निशा है.
00:14:38आप इसका पाता ढूंढ दिजीए.
00:14:40दोड़ता हूँ. लेकिन तो बाहर मत दिकलना.
00:14:43बाहर पुलिस की बहुत नागा बंदी होगी.
00:14:46शिवा, तु इसे अन्दर ले जा. चाँ.
00:14:48धन्यवाद.
00:14:51चंदर, मुझे रमन का यमराज मिल गया है.
00:14:56अब इस बारूत के ढहर को चिंगारी कैसे देनी है..
00:14:58..मैं अच्छी तरह जानता हूँ.
00:15:06अर्जुन. शिवा, ये..
00:15:07मैंने पता लगा लिया. मुझे ही के लोगों ने मताया.
00:15:09कुछ लोग जीप में बैट कर आय थे.
00:15:11घरवालों को बाहर निकाला, आग लगा कर चले गए.
00:15:13पर नीशा कहाँ है?
00:15:14नीशा कहाँ है? नीशा याँ नहीं है.
00:15:16उसके रिष्टदार आय थी. उसे उठा कर ले गए.
00:15:18कहाँ ले गए?
00:15:19अब ये मुझे नहीं पता.
00:15:20अब तू चल, पता कर दे.
00:15:22अभी पता कर दे.
00:15:23शिवा.
00:15:26हम पता लगा लिया हूँ.
00:15:28रमन कालिया और उसके आज़वियों ने ही आग लगा.
00:15:32ससुरा कालिया कसंब खा लिया.
00:15:34कि जैसे तू उसके भाई को बेरहिमी से कतल किया.
00:15:37वैसे ही तुम्हारी नीशा को तडबा तडबा के मारेगा.
00:15:42मैं रमन कालिया को समाप्त करतूंगा.
00:15:43अरे तू उसको कुछ नहीं बिगार सकता.
00:15:46पुलिस फोर्स में उसकी तूती बोलती है.
00:15:48बड़े बड़े पॉल्टीसन उसके तलवे चाटते हैं.
00:15:51अरे उसका बहुत बड़ा गैंग है.
00:15:53उसकी जड़े बहुत मजबूत है.
00:15:54उसकी जड़े जाहे जितनी भी मजबूत हो,
00:15:57मैं एक एक करके सबको उखार दूँगा.
00:15:59पागल हो गया अरजुन.
00:16:01ये तेरे अकेले के बस के बात नहीं है.
00:16:03अरे सीवा, हलदी राम की आँख में क्या सुवर का बाल है,
00:16:06जो इसको अकेला लडने को छोड़ देगा.
00:16:24ये अकतर, सिगरेट लाना जी.
00:16:55मारता गया,
00:16:58हलदी राम के चंगुल में आकर,
00:17:01वो गुनाक एक ऐसे चकरवेह में फ़प्प.
00:17:09इसको तरह सुवर गया.
00:17:11एक तरह सुवर गया.
00:17:12एक पंडित रमहन्कालिया के आद्बियों को मारता गया।
00:17:16मारता गया।
00:17:18हल्दी राम के चंगुल में आकर,
00:17:21वो गुनाक एक ऐसे चक्रवियों में फस गया।
00:17:25जहांसे वो..
00:17:28वो..
00:17:29शिवा! शिवा!
00:17:30डॉक्टर!
00:17:35दिवारी!
00:17:36ये सार्फ!
00:17:37शिवा का अंतिम संसकार पुलिस कस्टेडी में होगा.
00:17:40मीडिया को इसकी खबर नहीं होनी चाहिए.
00:17:42होके सार्फ!
00:17:43जहांसे, अब..
00:17:44मेरा ख्याद है,
00:17:45शिवा के डाइन स्टेट्मिंट के बेसिस पर,
00:17:47हम हल्दी राम को फैनल ए आरेस कर सकते हैं।
00:17:49यह बखील आया की नहीं?
00:18:13यह बखील आया की नहीं?
00:18:15प्रेज, नहीं पारा!
00:18:18वाल पर पैसों के पीछे चिफ़ते तेने बुना नहीं चिफेंगे!
00:18:20हदलत में तेरा दूद का दूद.
00:18:22और पानी का पानी हो जायेगा!
00:18:23अरे गलट भैवी हो गया हाँ!
00:18:24हद पिछे!
00:18:25मेरा दिया रहे दिया!
00:18:26हलदी राम हमारे पास तुम्हारे खिलाब बहुत सभूत है.
00:18:28अब तू नहीं बच़ेगा.
00:18:29हलदी राम, तेरे गयां कहेगा आदमी शिवा..
00:18:31..जो हमारी कस्टेडी में है, उस ते हमें सब कुछ बता दिया.
00:18:33शिवा? कौन शिवा? हम किसी शिवा को नहीं जानते.
00:18:36हम तो सिवधी का भगत है.
00:18:37है कोई लंदेर नगरी में हमरी बात सुनने वाला?
00:18:39इस गोतवाल जबर्दस्ति हम देहादी अनपड़ गवार को..
00:18:42Excuse me, sir.
00:18:43ये हैं श्री हलदी राम के anti-civility bail के orders.
00:18:49Sir.
00:18:56Really, sir.
00:18:58तुम पुलसीया अपने आपको क्या समझते हो?
00:19:00हमरा नाम हलदी राम है.
00:19:02चलो.
00:19:03हम कल भी पुलिस दिपार्टमेंट के लिए सरदर्थ हैं.
00:19:05और हम ऐसा रहेंगे.
00:19:06पुलिस दिपार्टमेंट का मज़ाक मनार कहा इन नगरी.
00:19:09एक ही तरीका है.
00:19:10हलदी राम की गैंग का कोई आदमे सरकारी गाव बन जाए.
00:19:12उनकी गैंग का आदमे हमारा परभर क्यों बनेगा?
00:19:14मुझे एक रास्ता नजार आ रहा है.
00:19:16वो क्या?
00:19:17शिवा ने जिस लड़की का सिक्र किया उनिशा चोपड़ा.
00:19:19उसे हेड़ पार्टर बुलवाई है.
00:19:21अब समाल ले.
00:19:22ग़रुग मैं तो जरगार बंदा चूटका हो गया.
00:19:23इसलिए मेरे पांटर से खिला लाग नहीNGiyaहा है
00:19:24तो इसे किसे जरगार लाग रहा हैं, बाई ऎ!
00:19:26दीज�ा दीज़ा.
00:19:27अब ठाल जाू
00:19:49लाइफ!
00:19:50बस खाली आँखे बाद रहा हूँ, आपकी और..
00:19:52..कुछ नहीं कर रहा है, मैड़म, बस.
00:19:54बहु!
00:20:24बस खाली आँखे बाद रहा हूँ, आपकी और..
00:20:26..कुछ नहीं कर रहा हूँ, आपकी और..
00:20:28..कुछ नहीं कर रहा हूँ, आपकी और..
00:20:30..कुछ नहीं कर रहा हूँ, आपकी और..
00:20:32..कुछ नहीं कर रहा हूँ, आपकी और..
00:20:34स्वाह.
00:20:39ओम् रादिभदे नमः स्वाह.
00:20:48ओम् शान्ति शान्ति शान्ति ओम्.
00:21:04नहीं, नहीं.
00:21:35या, कौन हो तों, कौन हो तों?
00:21:38मुझे, मुझे यहां क्यों लाया हो?
00:21:40प्लीस लैट्मि गो, फ्लीस मुझे जाने देजी.
00:21:44नहीं, नहीं, नहीं.
00:21:48हा, नहीं, नहीं, हा, नहीं.
00:21:56नहीं, नहीं, नहीं, नहीं, नहीं, नहीं, नहीं
00:22:12अर्जुन दिक्षित
00:22:15मैं अपना नाम तो खुद ही भूल गया था
00:22:20आज बहुत दिनों बाद किसी के मुझे सुना है
00:22:22तो तुम ही? पंडित?
00:22:26हाँ निशा, बच्पन में प्यार से मुझे उपनाम नहीं मिला
00:22:31पर पिछले एक वर्ष में मेरा नया नाम करन जरूर हो गया है
00:22:36पंडित
00:22:42इस साल भर के दोरान मैंने तुम्हें बहुत ढूंडा
00:22:44पर जब तुम्हें टीवी पर देखा, अच्छा लगा
00:22:48बहुत अच्छा लगा
00:22:50मुझे यहाँ जबर्टस्ती उठाकर क्यों लाया गया है?
00:22:53तुम्हारा जनम जन मनाने के लिए
00:22:55मेरा तुम्हारे यहाँ आना उच्छित नहीं था
00:22:58इसलिए मेरे सारे वेवस्ता यहाँ ही कर ली है
00:23:01चॉनी, अथितियों को बिलाओ
00:23:04चलो
00:23:24काटो, तुम्हारा जनम जन मनाने के लिए
00:23:27नहीं
00:23:31गाओ
00:23:35जोर से गाओ
00:23:57काटो, तुम्हारा जन मनाने के लिए
00:24:02अरे, हाँ चलाती है
00:24:10सापिस, मर जाएगा यह
00:24:18इन्हें धन्यवादो
00:24:20आज अपने जनम दिन के अफसर पर
00:24:22इन्होंने जीवन दान दिया है तुम्हे
00:24:28अरे, पंड़े दीखा तुम
00:24:32हाफीस, नीशा को इनके घर छोड़ा
00:24:35आये
00:24:37एक बिनेट
00:24:44हाफीस, नीशा को इनके घर छोड़ा
00:24:47आये
00:24:49एक बिनेट
00:24:58चलो रे चलो, आओ
00:25:01पंड़े दी वही लड़की है ना
00:25:03क्यों, कोई कश्ट है आपको
00:25:05हम पर कोई कश्ट ना पड़े इसलिए पूछ रहा हूँ
00:25:08एक तो आग में कूद कर चिता जलाने के पहले ही बुरी आदर पड़ गई है
00:25:12एक और पुलिस है
00:25:13जिसने दीमक की तरह तुझे चारूं ओर से घिर रखा है
00:25:17और फिर भगवान की दिया से तेरे दुसमनों की भी कोई कमी नहीं है
00:25:20अगर ये अपना पन है, तो मैं अपनों से पहले ही तख चुका हूँ
00:25:23आप फल खाये, पेड़ करने का दुख मत कीजिये
00:25:26केक को हाथ नहीं लगाना
00:25:28देखो पंडित, ऐसे में दिन धाड़े, इस तरह लड़की को यहां लागा
00:25:31लड़की के बारे में अब अपने मूँसे कुछ मत दिकालना
00:25:34मैं आपकी रोटी पर पलने वाला कुंडा नहीं हूँ
00:25:36जो आपके इशारे से बिल में दुपक कर बैठा रहा हूँ
00:25:41नीशा मेरा जीवन है और यही मतियों हूँ
00:25:45शिवा का डाइंग स्टेट्मेंट दर्ज करने के बावजूद भी
00:25:49वो हलदीराम जमानत लेने में काम्यब हो गया
00:25:54तुम उसको बेवकुब समझता है
00:25:57अगर पुलीस दिपार्टमेंट में मरा आदमी है
00:26:00तो उसका भी पुलीस वालों के साथ गुस पैठ है
00:26:04अब जो करना मेरे को करना
00:26:07मैं जब जेल के बाहर जाएगा
00:26:09तो सबसे पहले हलदीराम की रीट की हड़ी तोड़ेगा
00:26:13और वो रीट का हड़ी है पंडित
00:26:16मैंने आपको इसलिए बुलाया है
00:26:19कि मैं चाहता हूँ कि आप पुलीस की मदद करें
00:26:21मुझसे कैसे मदद चाहते हैं आप?
00:26:23डिपार्टमेंट चाहता है
00:26:25कि पंडित हलदीराम के खिलाफ सरकारी गवाह बने
00:26:26और इस काम के लिए आप पंडित को कन्विंस कर सकते हैं
00:26:32मैं सोरी सर आपके पास कोई गलत इंफुमेशन है
00:26:35मेरे कहने से पंडित सरकारी गवाह क्यों बनेगा?
00:26:38क्यों? तुम्हारे कहने से पहली बार वो हत्यार उठा सकता है
00:26:42तुम्हारे कहने से पहली बार जुर्म कर सकता है
00:26:45तुम्हारे कहने से पहली बार कानून तोड़ सकता है
00:26:47तो क्या तुम्हारे कहने से एक बार सरकारी गवाह नहीं बन सकता?
00:26:52तो आप कहना चाहते हैं कि पंडित की गुनेगार मैं हूँ?
00:26:55गुनेगार तो तुम होई निशा चुम्डा
00:26:57क्योंकि तुमने ऐसे हालात पैदा किये है
00:26:59जिसे एक सीधा साधा भोला इनसान गुनेगारों का पंडित दन गया है
00:27:03मेरा बस चले तो पंडित से पहले मैं तुम्हीं गरफतार कर दो सदा दिलवाओ
00:27:06I've had enough.
00:27:07पुलीस दिपार्टमेंट का काम ये नहीn
00:27:09कि एक सिटिजन को धंकी दे उसकी इंसाल्ट करे
00:27:11पलके आपका काम है क्रिमिनल को रैस्ट करे उसे सदा दिलवाओ
00:27:14फैनली पंडित हर क्रिमिनल की तरह पकड़ा जाएगा उसे फासी भी हो जाएगे
00:27:19और शायद उस दिन तुम यहाँ एहसास होगा कि उसकी माँद की जिम्मेदार तुम हो
00:27:35पंडित की जिंदिगी तुमने तबाह कर ही थी
00:27:37उसे सरकारी गवाओ बना कर
00:27:39कम से कम एक बार दो उसका भला कर दो
00:27:42क्या हो गया है निशा? चीर अपनाओ
00:27:44तुम्हारा पॉस्चर, बॉडी, लेंग्वेश, सब डिस्बैलन्स हो रहा है
00:27:47इम्रान, मेरी तबय ठीक नहीं है
00:27:50निशा, मैं तुम्हें आज से नहीं, बरसों से जानता हूँ
00:27:53इम्रान, मेरी तबय ठीक नहीं है
00:27:56निशा, मैं तुम्हें आज से नहीं, बरसों से जानता हूँ
00:27:59डिफिनिटली कोई बात तुम उससे छुपा रही हो
00:28:01इम्रान, ये जो आय दिन न्यूज में क्रिमिनल पंडट का नाम सुनते हो
00:28:05वो आर्जुन दिक्षित है
00:28:08वो ही आर्जुन दिक्षित है
00:28:10गुज़रा हुआ कल आज एक मसीबत का पहार बनकर मेरे सामने करहा है
00:28:15नेवर माइन, लेस ट्राइए दे गें
00:28:18ये वी गो, ये वी गो
00:28:29इशा, ये क्या हो रहा है?
00:28:31तुम यहाँ क्या कर रहे हो?
00:28:33इस दंग के कपड़े पहे हुआ उसमें?
00:28:35लजा नहीं आजी तुम्हें!
00:28:36ये कपड़ों के बारे में राय देने वाले तुम कौन हो?
00:28:38आज के बात तुम यह कपड़े नहीं पहेनों गी!
00:28:40ये क्या रहो हो तुम?
00:28:41क्या रहो मुझे?
00:28:42लीव मिंगी!
00:28:43अनिया, दिखे उन्हें.
00:28:44छोड़तों मुझे. मैं तुम्हारे हथ कह नहीं जाओंगी.
00:28:46मुझे तुम आसत कह नहीं जाना है. दिखे उन्हें.
00:28:48छोड़ों मुझे.
00:28:57गाशिन के नाम पर बेडी कॉंग पर दर्शन करने की..
00:28:59..ाज्या देने वाले पापद बनो.
00:29:00बेड़ी जवान होने से पहले ही दुनिया को दिख जाती है।
00:29:02उसे उच्छाल उच्छाल के पूरे संसार में..
00:29:04..बताने की आवर्शिक्ता नहीं. समझे?
00:29:07मगर? तुम हो कौन?
00:29:10पंडित.
00:29:11तुम्हारे नाम से गुन्डे डरते होंगे.
00:29:13पुलीस खोप खाती होगी.
00:29:14पर मुझे अपने नाम का देशनत मत देखाओ.
00:29:16तुम हो कौन जो सबरतती मेरा लाइफ स्टायल..
00:29:18..बदलने चले आए?
00:29:19नीशा, तुम्हें अपने जीने का रांग थंग..
00:29:21..बदलना होगा.
00:29:22तुम सिर्फ मेरे कपड़े पहनने का ढंग..
00:29:24जीना मण तब बहत दूरकी बात है.
00:29:26मेरा ज्यो जीच़ाईग़्ा ये पहनूंगी,
00:29:29मैं ये पहनुंगी, मैं ये पहनैंगी,
00:29:33मैं ये ह़ी पहनेंगी ज्यू अपनी किसा कहती नहीं खोgary,
00:29:35जो सिर्फ पहन करोगा है
00:29:49ही ysical थकते हैं..
00:29:51निशा! आएँदा ढंके कपडे पहनना! समझी?
00:30:04नीशा बीटी वीसा!
00:30:05पापा! मैं सिधार्थ से शादी करूँगी!
00:30:11पाफीस! निशा के लिए कुछ ढंके करूँगी!
00:30:14एक वो बायर नहीं देखे!
00:30:17नहीं देखे!
00:30:18आज नहीं देखे!
00:30:20अफीस, निशा के लिए कुछ धंके कपड़े ले कर रहा हूँ.
00:30:22निशा, तुम्हें ऐसा नहीं लगता कि तुम अपनी शादी का..
00:30:24..फैसला जल्दबाजी में ले रही हो?
00:30:26बिलकुल नहीं. सिधार्थ को मैं बच्पन से जानती हूँ.
00:30:29तुम सिधार्थ को बच्पन तक जानती थी.
00:30:31पर आज की तारीख में ना तुम उसे अच्छी तरह से..
00:30:33..पहचानती हो, ना ही तुम्हारे दिल में उसकी कोई जगा है.
00:30:38कहीं ऐसा तो नहीं कि आर्जुन दिक्षित से..
00:30:40..से दूर जाने के लिए तुम्हीं शादी कर रही है.
00:30:41स्टॉप या लेक्शा, इम्रान. मैं सिधार्थ से शादी करूँगी.
00:30:45तुम्हें बुरा लग रहा है, तो शादी में मत आना.
00:30:51क्या हुआ? नीशा को ये कपड़े पसंद नहीं है?
00:30:54ना ताला लाग रहा है उसके घरपे.
00:30:56आसपास के लोगों ने बताया, उसकी शादी होने वाली है.
00:31:01शादी?
00:31:08शादी?
00:31:24पता करो धर्ती के किस हिस्से में उसका मंड़े पना है?
00:31:55तुमने ये सोचा भी कैसे कि किसी और के साथ फेले लोगी?
00:32:09तुम्हारी हिम्मत कैसे हो ये सब करने की?
00:32:12ऐसे काम के लिए हिम्मत की ज़रूरत नहीं होती.
00:32:14सिर्फ रादा होना चाहिए.
00:32:19मैं कहती हूँ, काड़ी रूपो.
00:32:20मैं कहती हूँ, काड़ी रूपो.
00:32:22पीछा, तुम्हें मुझे इतना क्रोस क्यों है?
00:32:24काड़ी रूपो.
00:32:25इसलिए कि मैंने तुम्हारे कपड़े जला दिये ता?
00:32:39हाथ मतला राद.
00:32:45पीछा, तुम्हें कुछ नहीं होगा.
00:32:46मेरा प्रेम तुम्हारी रकषा करेंगे.
00:32:51यहाँ चारों सरफ गोलिया चल रहे हैं.
00:32:53और तुम अपनी प्रेम कहानी सुना रहे हो.
00:32:55अब पंड़ा कन्या का हरन करेंगा,
00:32:57तो गोलिया नहीं चल रहेंगी,
00:32:58तो क्या फूल वरसेंगे?
00:33:07कौम अतिशा, अगर तुम्हें मिर्ति आयेगी,
00:33:10तो उसे मैं अपने के लिए लगा रहा हूँगा.
00:33:31वही रुख जा, इंस्पेक्टर.
00:33:36अपने अपने शास्त्र नीचे फेक दो,
00:33:39वरना ये निर्दोश लड़की मारी जाएगी.
00:33:41तुम कानुन से बहुत खिलवार कर जीगे हूँ, पंडित.
00:33:43हतियाल डाल दो, और अपने आपको कानुन के हवाले कर दो.
00:33:46वेब्कुफी की बाते छोड़ा, इंस्पेक्टर.
00:33:49अपने शास्त फेक दो.
00:33:50आप गोली चलाएँ, गोली चलाएँ, इंस्पेक्टर साहब.
00:33:54ये चाह कर भी मुझे गोली नहीं मारेगा.
00:33:58यदि इस लड़की की बात का विश्वास है, इंस्पेक्टर,
00:34:01तो गोली चलाओ.
00:34:03और साथ में उसका परिणाम भी देख लो.
00:34:06गोली चलाओ, इंस्पेक्टर.
00:34:09मेरी बात मानो, गोली चलाओ.
00:34:13ये मुझे नहीं मारेगा.
00:34:17ये मुझे कभी नहीं मारेगा, इंस्पेक्टर साहब.
00:34:26अपीज.
00:34:36इंस्पेक्टर, नीशा को उसके घर पहुँचा देना.
00:34:41नीशा, मैं चलता हूँ.
00:34:42तुम्हें विवा करने की जल्दी है,
00:34:44तो मुझे भी विवा की द्यारी में थोड़ा वक्त लगेगा.
00:34:50माफ करना, इंस्पेक्टर.
00:34:52हम तुम्हारी गाड़ी ले जा रहे हैं.
00:34:53इंस्पेक्टर साब, यह ठीक कह रही थी.
00:34:56मैं चाहकर भी नीशा पर गोली नहीं चला सकता.
00:35:01साब, यह तो अपनी गाड़ी ले के बाग गया.
00:35:02मुझे गाड़ी की पढ़ी है.
00:35:04अब यह गाड़ी तो वापस आ जाएगी.
00:35:06यह पंडित हमारे हाथ से निकल गया.
00:35:07पंडित.
00:35:12नीशा.
00:35:17कैसी है तुम?
00:35:18तांग आ गयी हूँ मैं.
00:35:20तुम्हारी वाज़ा से आज मेरी ये दुरगती हो गयी है.
00:35:23कि इस शेर की सड़कों पर डर-डर के चलना पड़ता है मुझे.
00:35:25अपनी घट में दैशत और ख़ाँफ में जी रही हूँ मैं.
00:35:28तुम्हारी वाज़ा से आज मेरी ये दुरगती हो गयी है.
00:35:30कि इस शेर की सड़कों पर डर-डर के चलना पड़ता है मुझे.
00:35:33अपनी घट में दैशत और खाँफ में जी रही हूँ मैं.
00:35:35और अब तो पुलीस वाले भी मेरे पीछे पड़ गये हैं.
00:35:37नल्क बना दियें तुमने मेरी जिन्दगी.
00:35:39नीशा, मैं आज तुम्हारी सारी समस्याओं का समाधान लेकर आया हूँ.
00:35:43मैंने पंचांग से मुहुरत निकाला है.
00:35:45इस मेने की 27 तारीक को हमारे विभा की तित्थी निकली है.
00:35:49समय बहुत कम है.
00:35:51इसलिए इन काड़ों में सो कोई बेकार पसंद कर लो.
00:35:53आज ही चपवान ही है.
00:36:01तुमने यह सोचा कैसे कि मैं तुम्हारे साथ शादी करूँगी?
00:36:04अगर तुम्हें एक गलत पह्मी है कि मैं तुमसे प्यार करती हूँ..
00:36:06...तब भूल जा इसे.
00:36:07क्योंकि मेरे दिल में तुम्हारे लिए सिर्फ नफ़रत है, नफ़रत.
00:36:10एक गुनेगार के साथ शादी करने से तो बैठर होगा..
00:36:12..कि मैं भी अपनी बेहन की तरह आत्मस्य करूँगी.
00:36:14बहुत हो गया.
00:36:16अब मैंने तुम्हारे मुझे एक शब भी नहीं सुना, नीशा.
00:36:20मैं अपरादी बना क्योंकि मैंने तुमसे प्रेम किया.
00:36:24और अगर तुम्हारा प्रेम सचा नहीं था..
00:36:26..बलकि तुमने मेरे साथ शड़े अंतर रचाया था..
00:36:28तो तुमने बहुत बड़ा पाप किया, नीशा.
00:36:31और तुम्हारे इस पाप का प्राश्चित यही है..
00:36:34..कि तुम मुझसे विवा करोगी.
00:36:36बन करो अब नहीं यह बकवास.
00:36:38मैं अभी पुलीस कमिशनर को फोन कर रही हूँ..
00:36:40पुलीस कमिशनर को फोन कर रही हूँ..
00:36:42..और वो यही तुम्हारा इंकाउंटर करेंगे.
00:36:44रुख जाओ, नीशा.
00:36:46क्यों? मात का नाम सुनते ही दर गए?
00:36:49नहीं. जब कोई नमास पढ़ रहा होता..
00:36:51..तो उसके सामने से नहीं गुजरते. समझी?
00:36:53नीशा, जब तुम पुलीस कमिशनर से बात करोगी..
00:36:57..तो उन्हें 27 तारिक को हमारे विवाह का निवतर ज़रूर देना.
00:37:01तुम्हारा ज़िन्बाग खराब हो गया है.
00:37:03तुम समझते क्या हो अपने आपको?
00:37:05मैं तुमसे जादी करूँगी?
00:37:06I'll have you arrested, Arjun Dixit.
00:37:09नीशा, आप सभी हैं?
00:37:12मैं अर्जुन को किसी सुनसान जगा पर बुलाकर..
00:37:15..पुलीस को इंफॉर्म कर दूँगी.
00:37:17फिर ये किसा हमेशा के लिए खातम हो जाएगा.
00:37:19बेवकुफों की तरह बात मत करो, नीशा.
00:37:21मैं अर्जुन को किसी सुनसान जगा पर बुलाकर..
00:37:25..पुलीस को इंफॉर्म कर दूँगी.
00:37:27फिर ये किसा हमेशा के लिए खातम हो जाएगा.
00:37:29बेवकुफों की तरह बात मत करो, नीशा.
00:37:31पुलीस आज तक खुद पंडित को गिरक्तार नहीं कर पाई है.
00:37:33मैं तुम्हारे कंदे के उपर बंदूख रख चलाना चाहती हूँ.
00:37:36तुम्हारा और पंडित का जाती जगडा है.
00:37:38अबसिलूटली परस्नल.
00:37:40तुम्हारा अपना मसला है, तुम्हें खुद ही सुलचाना पड़ेगा.
00:37:43पर इम्रान मैं क्या करूँ, कैसे करूँ?
00:37:47He has made my life miserable.
00:37:49और पुलीस समझती है कि अरजुन दिक्षित को पंडित बनानी की ज़िमयदार मैं हूँ.
00:37:52वो तो तुम हो.
00:37:53Shut up.
00:38:05ये सब क्या है, पापा?
00:38:07शगुल.
00:38:08किसका शगुल?
00:38:09पंडित और उसके आदमी.
00:38:12पंडित ने तेरी बेहन की तस्वीर पर फूल माला चड़ाई.
00:38:17भूग दिया दिखा कर माफ़ी माँगी.
00:38:21और अपनी तरफ से, अपनी तरफ से आज तेरे साथ सगाई पक्की करके गया.
00:38:29ये अंगूठी भी रख कर गया.
00:38:30बस करिये.
00:38:41पंडित को फोन देना.
00:38:42अच्छा, जरह होल्ड करना.
00:38:47आपका फोन है.
00:38:48मुझे किसी से बात नहीं करना.
00:38:50आपकी निशा का फोन है.
00:38:51निशा.
00:38:53हलो, निशा.
00:38:56निशा का फोन है.
00:38:57देखना भी फिर पगल हो जाये.
00:39:00वारेश का भूत.
00:39:03माशुँ, मिले तो खोमार.
00:39:04नहां मिले तो बुखार.
00:39:19पास दे, अपने बात टरदा फया?
00:39:21मुझे किसी से बात नहीं करना.
00:39:23आपके निशा का फोन है.
00:39:25निशा.
00:39:26यहाँ पल ने, इस दूरी में हमें परिक्यों में ख़त्म गया
00:39:30निशा, तुम्हें मुझे यहां क्या बुलाया?
00:39:34तुम्हारे मेरे बीच की इस दूरी को में हमेसां के लिए ख़तम गया
00:39:38तुम लोग यहीं ही रुको।
00:39:49नीशा, तुमने मुझे यहाँ क्यों बुलाया?
00:39:53तुम्हारे मेरे बीच की इस दूरी को..
00:39:54..मैं हमेशां के लिए खतम कर देना चाहती हूँ.
00:39:58क्या तुम मेरे जीवन साथी बनोगे?
00:40:01मेरे साथ घहर बसाओगे?
00:40:03मेरी अंतम इच्छा तो यही है, नीशा.
00:40:06पर तुमसे सुनकर बिश्वास नहीं हो रहा.
00:40:09पर इस इच्छा का कल बहुत भयानक है, अर्जुन.
00:40:13तुम सामने रहोगे, तो मैं सुहागन रहूँगी.
00:40:17आँखों से ओजल होते ही, विद्वा होने का डर रहेगा.
00:40:20विद्वा होने का डर रहेगा.
00:40:22और कौन सा गुनेगार अपने बच्चों को भविश्व दे पाया है..
00:40:24..जो तुम दे पाओगे?
00:40:26बेटा हुआ, तो बिना कोशिश गुंडे उसे अपना मुख्या मान लेंगे.
00:40:30बेटी हुई, तो कोई भला लड़का उसके साथ घर नहीं बसाएगा.
00:40:34जिस गुंडे के पले बान तोगे, उम्र काट देगी.
00:40:37ना हम शान्ती से जी पाएंगे, ना हमारा परिवार.
00:40:40क्या यही सपना है तुम्हारा?
00:40:42क्या यही जिन्दगी होगी मेरी?
00:40:45आज पंडित के जीवन का अंध्यम दिल है.
00:40:50मैं तुमिसे नफ़रत नहीं मिंचु कुछ.
00:40:52कुछ मैं चुने चहूँगा.
00:40:54हमारे पन्डमे दैवा धेख नहीं चूने,
00:40:56इसलिए मै मैं यहī फरिवार के विणदी चु�ו रहा मुछींगा.
00:40:59मैं तुमसे नफ्रत करती हूँ आर्छन दिक्षित
00:41:03नफ्रत करती हूँ
00:41:05आपो दोना हूँ
00:41:29पपा! पपा!
00:41:31निशा बीटी! निशा बीटी!
00:41:33पपा! चलो ये घर छोड़ के चलते हैं!
00:41:35और हुआ क्या बीटी?
00:41:36मैंने, मैंने पंडित को जान से माने की कोशिस की!
00:41:39ये सब क्या किया तूने? जो किया?
00:41:41और मैं क्या करती पपा?
00:41:43उसने मेरा साथ लेना मुश्किल कर दिया था!
00:41:45मेरा जीना आराम कर दिया था!
00:41:47इसी गुटन में रहने से तो अच्छा था,
00:41:49मैं उसे, उसे खसम कर देती!
00:41:51पर वो बच गया!
00:41:52दिदी! क्या बात है?
00:41:53अब समझने, समझने का वक्त नहीं है!
00:41:55अब समझने, समझने का वक्त नहीं है!
00:41:57हमें अभी इसी वक्त ये घर छोड़ना है!
00:42:25मैं तुमसे प्यार करता हूँ!
00:42:27मैं तुमसे प्यार करता हूँ!
00:42:29मैं तुमसे प्यार करता हूँ!
00:42:31मैं तुमसे प्यार करता हूँ!
00:42:33मैं तुमसे प्यार करता हूँ!
00:42:35मैं तुमसे प्यार करता हूँ!
00:42:37मैं तुमसे प्यार करता हूँ!
00:42:39मैं तुमसे प्यार करता हूँ!
00:42:41मैं तुमसे प्यार करता हूँ!
00:42:43मैं तुमसे प्यार करता हूँ!
00:42:45मैं तुमसे प्यार करता हूँ!
00:42:47मैं तुमसे प्यार करता हूँ!
00:42:49मैं तुमसे प्यार करता हूँ!
00:42:51मैं तुमसे प्यार करता हूँ!
00:42:53मैं तुमसे प्यार करता हूँ!
00:42:55मैं तुमसे प्यार करता हूँ!
00:42:57मैं तुमसे प्यार करता हूँ!
00:42:59मैं तुमसे प्यार करता हूँ!
00:43:01मैं तुमसे प्यार करता हूँ!
00:43:03मैं तुमसे प्यार करता हूँ!
00:43:05मैं तुमसे प्यार करता हूँ!
00:43:08म艾, मा, महाओ !
00:43:09वोूल्स!
00:43:10!
00:43:11!
00:43:12!
00:43:13!
00:43:14!
00:43:15!
00:43:16!
00:43:17!
00:43:18!
00:43:19!
00:43:20!
00:43:21!
00:43:22!
00:43:23!
00:43:24!
00:43:25!
00:43:26!
00:43:27!
00:43:28!
00:43:29!
00:43:30!
00:43:31!
00:43:32!
00:43:33!
00:43:34!
00:43:35!
00:43:36मेरे साथ विवा होगा.
00:43:39ये शादी का जोड़ा नहीं, कफन है मेरे लिए.
00:43:42नीशा जोड़ा उठाओ, मैं विदिवत विवा की त्यारी करता हूँ.
00:43:46विवा, कौन करेगा मुझे विवा?
00:43:49अर्चुन दिक्षत, जिसकी बाजा से मेरी मासूम बहन को..
00:43:52जिसकी जिन्दी को गवानी पड़ी.
00:43:54वो कार जो पचासो मंद्र तो पड़ सकता है,
00:43:56पर एक सची गवानी नहीं दे पाया.
00:43:59यह फिर मेरे साथ साथ फेरेलेगा पण्डित,
00:44:02जिसका हाथ किसी ना किसी के खुन से रङ्गा है.
00:44:05मैं मरना पसंद करूँगी अर्चुन पंडित, पर तुमसे शादी हर किस नहीं करूँगी.
00:44:21मेरे बिट्टू को मत मारना.
00:44:23लिए मेरे बिट्टू को मत मारना.
00:44:35हर किस नहीं करूँगी.
00:44:57देखो ये कैसा संजोग है, नीशा.
00:45:00उस दिन मैं संज़े शर्मा के खिलाब कवाई नहीं दे पाया.
00:45:04क्योंकि मेरे पुरे परिवार का जीवन दाव पर लगा था.
00:45:07और आज इस अगनी को साक्षी मान कर,
00:45:09तुने मुझे अपना पती मान लिया,
00:45:10क्योंकि तुम्हारे एकलोते भाई की जान दाव पर लगी थी.
00:45:15नीशा, अपनों की मृत्यू का भै होता है इनसान को.
00:45:20वरना अपनी मौत की दर से कोई नहीं दूरता.
00:45:23सिर्फ अपने रिष्टों का कर्स चुकाने के लिए,
00:45:25उससे मजबूर होना पड़ता है.
00:45:27जैसे उस दिन मैं हुआ था,
00:45:29और जैसे आज तुम्हें होना पड़ा.
00:45:32अगर उस दिन मेरी बेबसी को समझ कर तुम्हें मुझे शमा कर दिया होता,
00:45:37तो आज इस पंड़त का जन्म नहीं होता.
00:45:52मुझे माफ करना पित्तु.
00:45:54जाओ.
00:46:02क्या? पंड़त ने मेरी बेटी से शादी कर ली?
00:46:05हरम मुझारको आपकी बेटी का घर बस गया, पापा.
00:46:08पापा? कौन पापा? किस का पापा?
00:46:10इस शहर में सब का पापा.
00:46:12पंड़त का ससुर, यानि की शहर का पापा.
00:46:14मैं उस पंड़त का खून कर दूँगा.
00:46:16पापा, पंड़त इस देश का भाविश्य है.
00:46:19आप देखने, एकने एक दिन वो प्रदान्मंतरी जरूर बनेगा.
00:46:22लो जी, आप बैटे बिटाए प्रदान्मंतरी का ससुर.
00:46:25और यो प्रदान्मंतरी का साला, मिटाई का ओगे.
00:46:27शुक्षाब.
00:46:45प्रदान्मंतरी का ससुर.
00:47:16आज मेरा ब्रहम तूट किया निशा.
00:47:21तुम तो एक उदेश लेकर आय थी मेरे जीवन में.
00:47:25जिससे मैं प्यार समझ पैटा.
00:47:28इसमें मेरा कसूर है, तुम्हारा नहीं.
00:47:32यह सब कुछ सहसकता हुँ नहीं है.
00:47:35तुम प्रदान्मंतरी का ससुर.
00:47:36जिससे मैं प्यार समझ पैटा.
00:47:39इसमें मेरा कसूर है, तुम्हारा नहीं.
00:47:43यह सब कुछ सहसकता हुँ नहीं है.
00:47:46अगर तुम आत्मत्या करो.
00:47:49यह मुझसे परताश नहीं हो पाएगा.
00:47:52अगर तुम्हें कुछ हो गया.
00:47:55तो मेरा सब कुछ समाप्त हो जाएगा.
00:47:58भूज़ो इस विवह को.
00:48:01विवह दो दो आत्माओं का मिलन होता है.
00:48:05मांग में संधूर भरना.
00:48:08साथ भेरे लेना.
00:48:10यह सब एक रीती रिवाज है.
00:48:12और इस रीती रिवाज की पंदन में..
00:48:14मैंने तुम्हें जब्रदस्ति बादा.
00:48:17आज..
00:48:18मैं तुम्हें इस पंदन से..
00:48:20स्वदंत्र करता हूँ.
00:48:38नहीं, वो सब तो ठीक है.
00:48:39लेकिन यह तुमको भी समझना चाहिए ना.
00:48:41क्या मैं.. क्या..
00:48:43अरे.. अरे पंदित.
00:48:45हम तुम्हें ही ढूट रहे थे.
00:48:46अरे जिस आदमी ने तुम्हारी जंदगी को नरक बना दिया.
00:48:49वो रमन कालिया.
00:48:51कल जेसर यहाँ हो रहा है.
00:48:53हमें लगता है कि तुम कल ही उसे फिनिश कर दो.
00:48:56अब मेरा किसी के साथ कोई बैर नहीं हाल्डी भाई.
00:48:59मैं शहर में नीशा के लिए आया था.
00:49:01मैं शहर में नीशा के लिए आया था.
00:49:04आज जब वो मेरी सिंदगी में नहीं,
00:49:07तो मेरा इस जुनिया के साथ क्या वास्ता?
00:49:10मैंने फैसला कर लिया हाल्डी भाई.
00:49:13मैं यह शहर हमेशा के लिए छोड़तूंगा.
00:49:16हमारे धन्दे में जो अपने मर्ज से छोड़कर जाता है,
00:49:20वो हम लोगों के लिए बहुत बड़ा खत्रा बन सकता है हाल्डी भाई.
00:49:24हाल्डी बहुत ही काम की जीज़ होती है बेटा.
00:49:27दूद में मिला कर पी जाओ, तो सरीर का पूरा तर्थ खतम हो जाता है.
00:49:31और चूने में मिला कर चखम पर लगाओ, धाव भर जाता है.
00:49:38हाल्डी राम के पास इस पंड़िप का भी इलाज है.
00:49:52रवन भाई, हाल्डी राम आया है.
00:49:54क्या बोला तू, कौन आया?
00:49:56हाल्डी राम.
00:49:58स्वागत है, स्वागत है, स्वागत है.
00:50:01विजयी हो रवन भाई हमारे, बरसो भाद घर में पढ़ारे.
00:50:12हाल्डी राम, मैं जानता तू गिरगट.
00:50:17लेकिन आज मेरे होटल में, बिना घोड़े के, बिना सिक्योरिटी के,
00:50:21तू मेरे साथ कौन सा खेल, खेलने आया?
00:50:24खेलने नहीं आया हूँ, रवन भाई.
00:50:26सोधा करने आया हूँ.
00:50:28तुम्हें सोधा करना चाहती थे ना,
00:50:30कि तुम्हारे फिरावती का धन्दा मैं ले लूँ.
00:50:33मंजूर है?
00:50:38पंडित किदर?
00:50:39देखो रवन भाई, अगर तुम पंडित को मरवा दोगे,
00:50:42तो तुम्हारे भाई की मौत का बदला अधूरा रह जाएगा.
00:50:45अरे कैसे तरपा तरपा के मारा था बेचारे?
00:50:48पंडित को भी वैसे ही तरपा तरपा के मारा था.
00:50:52वो कैसे है?
00:50:54वो पुरानी कहानी तो सुनी होगी,
00:50:56इसमें राक्षस की जान एक तोते में रहती है,
00:50:58वैसे ही पंडित की जान भी एक कभूतरी में अट्की है.
00:51:01अरे वही लड़की जो नाच रही थी जब तुम्हारा भाई मारा गया था,
00:51:05नीसा.
00:51:07पंडित अपनी जान से भी ज़्यादा प्यार करता है उसे.
00:51:10अगर तुम उसे फिनिस करता हो, तो पंडित तो पागल हो जाएगा,
00:51:14और सर पटक पटक कर खुछ भी फिनिस.
00:51:18वह लड़की किदर?
00:51:19अल्लाह का शुक्र है नीसा के तुम्हारी जान बच गई,
00:51:21और तुम्हें तो खुश होना चाहिए कि तुम्हारी रिष्ता भी तूटा,
00:51:24और शादी भी तूटी शादी होने के बाद.
00:51:32एक बात का चवाप दो, तुमने खुदकुशी क्यों कर?
00:51:36क्या इसलिए कि पंडित ने तुमसे शादी जबरदस्ती की,
00:51:39या तुम्हें इस बात का एहसास हो गया,
00:51:41कि तुमने जो कुछ भी अर्जुन दीक्षित के साथ किया,
00:51:44वो तुम्हारी बहुत बड़ी करती है?
00:51:55मीशा, मैं यह शहर छोड़कर जा रहा हूँ.
00:51:58आज मैं सद्धेय को हमेशा के लिए समाप्त कर देना चाहता हूँ.
00:52:02विदा लेने से पहले, मैं तुम्हें आखरी बार मिलने आया हूँ.
00:52:08जाने-जाने में मैंने तुम्हें बहुत दुख दिये,
00:52:10बहुत तकलीफे दिये.
00:52:14मुझे माफ़ करतो, मीशा.
00:52:15अर्जुन, यह क्या कर रहे हो?
00:52:17बंद करो यह नाटक.
00:52:18तुम्हें मेरी बेटी का जीना हराम कर दिया है.
00:52:20उसकी खुशिया शील लिये है.
00:52:22वरना आज उसकी शादी हो गयी होती.
00:52:24और वो सुख, चैन की जिन्दिकी जी रही होती.
00:52:27तुम्हारी वज़े से उसका सब कुछ खत्म हो गया.
00:52:30तुम्हें उसे कहीं का नहीं छोडा.
00:52:35मैंने तुम्हारी जिंदिकी परबात की है.
00:52:37मैं ही ठीक करूँगा.
00:52:40तुमसे निवेदन है, निशा.
00:52:42आखरी बार मेरे साथ चलो.
00:52:48तुम अर्जुन पर भरोसा कर सकती हो, निशा.
00:52:51जाओ उसके साथ.
00:53:00जाओ उसके साथ.
00:53:01जाओ उसके साथ.
00:53:02जाओ उसके साथ.
00:53:03जाओ उसके साथ.
00:53:04जाओ उसके साथ.
00:53:05जाओ उसके साथ.
00:53:06जाओ उसके साथ.
00:53:07जाओ उसके साथ.
00:53:08जाओ उसके साथ.
00:53:09जाओ उसके साथ.
00:53:10जाओ उसके साथ.
00:53:11जाओ उसके साथ.
00:53:12जाओ उसके साथ.
00:53:14उसके साथ.
00:53:15हविस, तुम लोग चाल लो, मैं हाँ रुखता हूँ.
00:53:45ये तो सिद्धार्ट का घर है?
00:53:47सिद्धार्ट का घर?
00:53:51नीशा, यहीं से तुम्हारे नए जीवन का आराम्ब होगा.
00:54:05सिद्धार्ट बाबो.
00:54:07तुम, तुम यहाँ क्या कर रहो?
00:54:08आप घप्राओ मन, देखो.
00:54:09मैं नीशा को अपने साथ लाया हूँ.
00:54:10नीशा?
00:54:11मेरे यखिन मानो, मेरा नीशा के साथ कोई सम्मन नहीं है.
00:54:13कोई सम्मन नहीं है.
00:54:14जिस दिन से तुम उसे मंडब से उठा कर ले गाओ,
00:54:16मैंने नीशा को मिलने तकी कोशिस नहीं की.
00:54:18नीशा को मंडब से उठा कर ले जाना ही,
00:54:20मेरी सबसे बड़ी भूल थी.
00:54:24जिसे आज मैं सुधारने आया हूँ.
00:54:27मैं आज के बाद आपके और नीशा के बीच में,
00:54:29कभी नहीं आओंगा.
00:54:30मगर, तो मुझसे चाहते क्या हो?
00:54:33मैं अपनी चाहत नहीं,
00:54:35मिरी आपसे बिंती है,
00:54:37कि आप नीशा से विभाँ कर लिजी.
00:54:41क्या कहा तुमने?
00:54:43मैं नीशा से शादि करना हूँ?
00:54:46हाँ सिदाग पाभू.
00:54:48आप नीशा से विभाँ कर लीजिये.
00:54:49नहीं.
00:54:50देखिये मेरी बात मैं ढुकराईए,
00:54:51तुम्हे नहीं कर सकता!
00:54:52आपको निशा से विवा करना ही पड़ेगा!
00:54:54नहीं करूँगा!
00:54:58तुम अजीब आदमी हूँ!
00:55:00जब मैं निशा से शादी करने जारा था..
00:55:02..तुम उससे मंडब से उठा करलेगा और मुझे मार।
00:55:04नहीं करूँगा!
00:55:10तुम अजीब आदमी हूँ.
00:55:11जब मैं नीशा से शादी करने जा रहा था..
00:55:13...तुम उसे मंडब से उठा कर लेगा और मुझे मार.
00:55:17अब मैं शादी से इंकार कर रहा हूँ..
00:55:18...तुम मुझे जान से मारने चल रहा हूँ.
00:55:20शमक करना सिदार्ट बाबू.
00:55:23करोध में आकर मैंने ये रिबॉल्बर उठा लिया था.
00:55:27नीशा जैसी पत्नी मिलना..
00:55:30..बड़े सुभाग्य की बात है.
00:55:34आप नीशा को इतना सुख देना..
00:55:38..कि दुख उसके जीवन को चूक कर भी ना कुजरे.
00:55:50मेरी बात मां जाये सिदार्ट बाबू.
00:56:21जहां आपकी इच्छा थे..
00:56:23..वहीं आपकी बेटी का घर बस रहा है.
00:56:32चोपड़ा सहाँ, ये सब.. मैं सब समझा.
00:56:35आएं, अंदर ले. आओ, बेटी.
00:56:38ये जानी कहांचे लाएगी है? जानी.
00:56:42जानी.
00:56:47जानी.
00:56:50जानी.
00:56:54जानी.
00:57:07अंदर, जानी कहीं नहीं दिखाई पड़ा, लेकिन उसकी गं.
00:57:13यहीं कहीं होगा.
00:57:17अंदर, अंदर.
00:57:24उधर से जाना, जाओ.
00:57:29इनलिल्ला, वा इनलिल्ला, या जानी.
00:57:37जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी
00:58:07जानी, यही उकिसी एरा, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी, जानी found अगर उसे परिवी चाळ मलना
00:58:12लगता है, अपने काह लेकते है, आगुक्ली थी तो धून कर दे है
00:58:16हूँ बचा, कोСमी को
00:58:30जानी गनस,
00:58:32लगता है याड में कहा है.
00:58:33चलो. चलो अगर है.
00:58:56हाँ, अलदी भाई. हाँ, चंदर बोल रहा हूँ मैं.
00:59:02चंदर.
00:59:10चंदर.
00:59:11हाँ, पंडित.
00:59:13पंडित, या अलदी भाई ने मुझे बेजा है.
00:59:16या रमन कले तुझे मारने के लिए दून था.
00:59:18चंदर, पंडित तई को दिखा क्या?
00:59:32चंदर.
00:59:52इस पतुरीय के लिए हमको छोड़के चल रहा हैं.
00:59:54आज़न.
00:59:55आज़न.
00:59:57सालइट.
00:59:58जब तो इस सहर में आया.
00:59:59नहीं.
01:00:00तुठा एक..
01:00:02हम बनाये तुझे एक चीज़ परकेट.
01:00:04हमने तुझे अपने पास रखने के लिए..
01:00:06हमने क्या क्या नहीं किया?
01:00:09रमजवाल्या के भाई को नरे पे पहुँचाए.
01:00:12इस मतुर्या का घर चला.
01:00:18अर्चुन!
01:00:24अर्चुन!
01:00:33आ गया!
01:00:38अर्चुन! इसनी जान मत लेना.
01:00:41पुलीस को हलदी राम के खिलाब एक गवा चाहिए.
01:00:43और वो सरकारी के बाद तुम बनोगे अर्चुन.
01:00:45अर्चुन, अगर ये मर गया तो तुमें पास ही उठाएगे अर्चुन.
01:00:47और मुझे सारी जिनगी तुमारी विदवा बनकर खिलाब पड़ेगा.
01:00:54अर्चुन, चलो.
01:01:02अर्चुन, जो कुछ भी हुआ, उसके लिए मुझे माफ कर दो.
01:01:06मुझे माफ कर दो.
01:01:10मैं सोरी प्रोफेस अर्चुन दिक्षे.
01:01:17है राम.

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