Hamari Adhuri Kahani | new song 2025 पास थे तुम मगर… फासले ना कभी मिट सके एक अधूरी सी दास्तां हम दोनों की ही लिखी रही ज़मीन और आसमां… ज़रूरी नहीं कि मिल ही जाएँ प्यार वही सच्चा है जिसे मंज़िलें भी अक्सर छू नहीं पातीं…
रंग थे, रौशनी थी जब तुम मेरे करीब थे हर दिशा में मानो जन्नत बसी थी वक़्त की धूल पर कुछ मेरे नाम-सा लिख के तुम जाने कहाँ खो गए…
Hamari Adhuri Kahani… (x4)
तेरी खुशबू से यूँ रास्तों पर टकरा गए चलते-चलते जाने कब तेरी यादों में हम खो गए
जन्नतें अगर यहीं तो तुम नज़र क्यों नहीं आते? चाँद–तारे सभी तो हैं यहाँ तुम्हारी आहट का सदियों से इंतज़ार है सूनी आँखें आज भी राहों में हैं…
Hamari Adhuri Kahani… (x4)
प्यास का ये सफ़र कभी तो थमेगा जो अधूरा था कल एक दिन पूरा हो जाएगा
झुक गया आसमां मिल गए दो जहाँ हर तरफ़ है मिलन की दास्तां सज गई हैं राहें, महक हर तरफ़ बिखरी है आज खुदा भी ये कहानी पढ़ने आया है…
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