00:00पहलगाम हमले के बाद लगातार भारत और पाकिसान में टेंशन थी और बॉर्डर पे कई तरह की रिस्टिक्शन लगाई गई थी
00:05और खास करके जिन किसानों की जमीन जो है उस फैंस के आगे थी उस पर रोक लगा दीगी थी
00:10कि वो किसान जो है आगे नहीं जा सकते थे बॉर्डर गेट्स बंद कर दे के लेकिन अब जैसे जैसे सीस फायर हुआ, डी एसकलेशन हुई, अब किसानों को रहत है कि वो आगे जाके, जो फेंस के आगे उनकी जमीन है, उस पर जाके किसानी कर सकते हैं, ये शुरू हुआ है �
00:40वहाँ खेती बारी के लिए नहीं जाने दिये गया था, तो अब खोल दिया गया आप लिए?
01:10जानना ही खोलने चाहीं, सारे ही खोलने चाहिए, जिस तरह उनकी गेड़ खोल रहा है, आज साठे पेंड़ा के गेड़ तैना आगे नहीं हो ऑगी पहले बताये कि किसानों के लिए गेड़ खोल दिया गया है, अब किसानी आगे जाके कर सकते हैं?
01:31किसानों को थोड़ी रहत हुई है हाँ जी रात मिली है पर रात उन्हीं नहीं नहीं नहीं नहीं चाहिए दिसी आप चाहते हैं
01:57कि ह हर गाऊं में फॉर हो आफ फॉर क हुट लेकी दिन से जो बंथ आप खूल ठाई है तो आपका क्या नाम है
02:14रजी दी प्लकुल जो खेती बारी के फेंस के आगे थी वा बंथी लेकिन अब खुल गई है हाँ
02:21तो इससे किसान जो है खुश है भी चलो थोड़ी अपने काम कर सकते हैं तो और कोई आप डिमांड करना चाहते हैं क्योंकि जैसे बोल रहे हैं कि बाकी गेट भी खुलने चाहिए हैं बिलकुल चाहिए जी होते सारे आनों चाहिए हैं अब कौन जी फसल लगा रहे हैं आगे �
02:51गाउं में कई बार तीन चार गेट हैं तो सभी गेट खुलने चाहिए ताकि और रहत इनको मिल सके गाउं महावा से कैमरापसन गरीश के साथ असीम बसी आज तक
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