तुम्हारा स्वागत है (सुन्दर कहानी)
- 23 days ago
घर में पोते के जनम के साथ ही एक नयी प्रकार की ख़ुशी चारों तरफ छा गयी थी. शर्मा जी पहली बार दादा बने थे.
सुबह सुबह का समय था और शर्मा जी एक हाथ से अखबार पकडे खिड़की से अंदर प्रवेश करती सूरज की पहली किरण को बहुत ही ध्यान से देख रहे थे. उसी खिड़की से ताज़ा हवा भी कमरे के अंदर प्रवेश कर रही थी..........................
सुबह सुबह का समय था और शर्मा जी एक हाथ से अखबार पकडे खिड़की से अंदर प्रवेश करती सूरज की पहली किरण को बहुत ही ध्यान से देख रहे थे. उसी खिड़की से ताज़ा हवा भी कमरे के अंदर प्रवेश कर रही थी..........................