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  • 4/17/2024
मसूरी का माहौल देखकर मन में ठाना कि मुझे अब पढाना नहीं है, बल्कि खुद पढना है और आइएएस बनना है। नौकरी बीच में छोड़कर घर झुंझुनूं आ गया। लगभग तीन साल घर पर जमकर पढाई की। अब मंगलवार को परिणाम आया तो पूरा घर खुशियों से झूम उठा।

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