रैणी के प्राचीन चतुर्भुज मंदिर के नाम से यह प्रसिद्ध है। लोग कहते हैं कि इस मदिंर का निर्माण जिन्दो द्वारा एक ही रात में करवाया गया था लेकिन भोर होने से पहले ही किसी महिला द्वारा गेहूं पिसने की चाकी चला देने से जींद मदिंर को अधूरा ही छोड़ गए। मदिंरों की दीवारों व स्तंभों
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