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  • 10/6/2022
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जानिए बाल्मीकि रामायण एवम तुलसीदास कृत रामचरितमानस में क्या है मुख्य अंतर ?
जानिए रामायण एवम रामचरितमानस के प्रसंगों में भिन्नता कहाँ कहाँ है ?
Difference between Balmiki and Tulsidas Ji Ramayan
Variations between Balmiki and Tulsidas Ki Ramayan

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रामचरितमानस एवम बाल्मीकि रामायण में अंतर

श्रीराम के वास्तविक चरित्र और जीवन का वर्णन जिन ग्रंथों में किया गया है उनमें से मुख्य है बाल्मीकि रामायण और रामचरित्रमानस।इन दोनो ग्रंथों में समानताये है तो कुछ अंतर भी है।
तुलसी रामायण का नाम रामचरितमानस है और उसकी रचना सोलहवीं शताब्दी के अंत में गोस्वामी तुलसीदास ने अवधी भाषा में की जबकि बाल्मीकि रामायण लगभग तीन हजार साल पहले संस्कृत भाषा में लिखी गई।
ऋषि बाल्मीकि की रामायण में सीता स्वयंवर का कोई जिक्र नहीं है।
बाल्मीकि रामायण के अनुसार सीता से विवाह के बाद जब श्रीराम अयोध्या लौट रहे थे तब रास्ते में उन्हें परशुराम मिले।उन्होंने श्रीराम से अपने धनुष पर बाण चढ़ाने के लिए कहा।श्रीराम ने जब उनके धनुष पर बाण चढ़ा दिया तो बिना किसी से विवाद किए वे वहां से चले गए।
अंगद के पैर का रावण के दरबार में ना हिलने का प्रसंग भी तुलसीकृत रामायण में ही है।बाल्मीकि रामायण में इसका उल्लेख नही है।
अहिरावण का प्रसंग भी तुलसीकृत रामायण में है जबकि बाल्मीकि रामायण में इसका वर्णन नही है।

विजयी होकर अयोध्या आने पर हनुमान जी का सीना चीरकर रामसीता का चित्र दिखाने का प्रसंग भी तुलसीकृत रामायण में ही है बाल्मीकि रामायण में नही।

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