Skip to playerSkip to main content
  • 5 years ago
जयपुर। राष्ट्रीय पोषण सप्ताह 2020 की शुरुआत आज से हो गई है। हर भारतीय तक पोषण पहुंचे इस उद्देश्य से यह सप्ताह भारत सरकार के महिला और बाल विकास मंत्रालय के साथर खाद्य और पोषण बोर्ड की ओर से आयोजित किया जाता है। कई आकर्षक गतिविधियों के साथ इस सप्ताह में पोषण के महत्व को समझाया जाता है। हर साल देश में एक से सात सितंबर के बीच यह पोषण सप्ताह मनाया जाता है। यह सप्ताह मानव शरीर के लिए सही पोषण के महत्व और भूमिका पर प्रकाश डालता है। आवश्यक पोषक तत्वों और कैलोरी के संयोजन के साथ एक संतुलित आहार मानव शरीर के सुचारू रूप से काम करने और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। इस सप्ताह के तहत राज्य में खाद्य एवं पोषण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, आंगनबाड़ी सहयोगियों के साथ मिलकर जागरूकता अभियान चला रहा है, जिसके तहत लोगों को स्वस्थ रहने के प्रति सजग रहने का संदेश दिया जाएगा।

अपने स्वास्थ्य का रखें खयाल
स्वास्थ्य का खयाल रखने के प्रति लोगों का ध्यान दिलाने के उद्देश्य से हर साल यह देश के हर हिस्से में मनाया जाता है। स्वस्थ रहने के साथ ही, स्वस्थ महसूस करने के संदेश के साथ खाद्य विभाग की ओर से इस पूरे सप्ताह में कई आयोजन किए जाएंगे। ताकि लोग अपने खाने की थाली और संतुलित आहार को लेकर लोग जागरुक हों और अच्छा पोषण पा सकें।

खाद्य विभाग की ओर से चलाया जाएगा अभियान
लोगों को पोषण संबंधी जागरुकता को बताने के लिये खाद्य विज्ञान विभाग व पोषण प्रबंधन की ओर से इस एक सप्ताह में उत्सव भी मनाया जाता है। इस अभियान के तहत पोस्टर प्रतियोगिता, स्वस्थ हृदय के भोजन के लिये खाना पकाने की प्रतियोगिता, संतुलित आहार के लिये समझाना, बीएमआई को नापना, बीमारियों पर व्याख्यान, हृदय की सुरक्षा आदि सेशन होंगे।
विभाग की ओर से जारी संदेश
खाद्य विभाग की ओर से पोषण सप्ताह को लेकर संदेश जारी किया गया है। इसके मुताबिक हर व्यक्ति को खाने में भरपूर अनाज, फल, हरी सब्जी, दूध या दूध के उत्पाद, बादाम आदि खाना चाहिए। राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का लक्ष्य एक स्वस्थ राष्ट्र बनाने का है। खाद्य विभाग की ओर से पोषण युक्त भोजन को बनाना, प्रदर्शनी लगाकर गेंहूं और सोयाबीन के पौष्टिक महत्व के बारे में लोगों को समझाना जैसे आयोजन किए जाएंगे।

इसलिए मनाया जाता है राष्ट्रीय पोषण सप्ताह
देश के अधिकांश हिस्सों में बच्चे कुपोषण के शिकार पैदा होते हैं। वहीं अधिकांश गर्भवती महिलाएं कुपोषण का शिकार होती हैं। इस वजह से इनकी मृत्यु दर ज्यादा रहती है। इस मृत्यु दर को कम करने और लोगों में पोषण की जरूरत बताने के लिए 1982 में पहली बार केंद्र सरकार की ओर से इस अभियान की शुरुआत की गई। तब से यह हर साल मनाया जाता है। खाद्य और पोषण बोर्ड की 43 ईकाई जिनमें महिला और बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग और एनजीओ भी शामिल हैं। इन सभी के साझे प्रयासों से इस सप्ताह को जागरुकता सप्ताह के तौर पर मनाया जाता है।

Category

🗞
News
Be the first to comment
Add your comment

Recommended