राजसमंद. लक्ष्मण, कालूराम हो या फिर दौलत। इस बार जितने भी मूर्तिकारों ने गणेश प्रतिमाएं बनाई या पिछली बार की बनी मूर्तियां गणेश चतुर्थी पर बेचने को लाए, कोरोना ने सभी को निराश ही किया। यहां तक कि अभी तो पिछली बार का कर्ज ही नहीं चुक रहा। जो जगह यहां मूर्तियों को रखने के लिए ले रखी थी, उसका किराया भी चुकाना भारी पड़ रहा है। ये जरूर है कि इस बार छोटी प्रतिमाएं घरों में ज्यादा स्थापित की जा रही है, जिससे उनकी बिक्री कई गुना बढ़ गई। इससे इन मूर्तिकारों को काफी राहत मिली है। हालांकि कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में इस बार बड़ी मूर्तियां गई हैं।
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