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  • 5 years ago
जयपुर। अल्पसंख्यकों के कल्याण और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की ओर से जो योजना चलाई जा रही है, वो राज्य में धरातल पर नजर नहीं आती। केंद्र सरकार की ओर से अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री नवीन 15 सूत्री कार्यक्रम को लेकर राज्य के विभागों की ओर प्रस्ताव तो बना लिए गए, लेकिन इससे आगे बात नहीं बढ़ सकी। जबकि यह योजना बच्चों से लेकर गरीबों तक को लाभ पहुंचाने के लिए है। बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम के लिए बजट भी केंद्र को मुहैया करवाना था, इसके लिए राज्य की आरे से 65 करोड़ रुपए के प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं।

यह है कार्यक्रम
यह एक व्यापक कार्यक्रम है। इसमें देश के सभी मंत्रालयों, हर राज्य के सभी विभागों की योजनाओं को जोड़ा गया। कार्यक्रम के तहत विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को अपनी हर योजना में अल्पसंख्यकों के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया गया। हर विभाग को अपने बजट या योजना का 15 प्रतिशत बजट अल्पसंख्यकों के लिए आवंटित करना अनिवार्य है।

यह हैं 15 सूत्री कार्यक्रम
एकीकृत बाल विकास सेवाओं की उपलब्धता, विद्यालय शिक्षा में सुधार, उर्दू शिक्षण के लिए अधिक संसाधन, मदरसा शिक्षा आधुनिकीकरण, अल्पसंख्यक छात्राओं को छात्रवृति, मौलाना आजाद शिक्षा प्रतिष्ठान के माध्यम से शिक्षा का उन्नत बनाना, गरीबों के लिए स्वरोजगार व मजदूरी रोजगार योजना, तकनीकी शिक्षा के माध्यम से कौशल का उन्नयन, आर्थिक क्रियाकलापों के लिए ऋण योजना, राज्य एवं केंद्रीय सेवाओं में भर्ती, ग्रामीण आवास योजना में उचित हिस्सेदारी, अल्पसंख्यक समुदायों की बस्तियों में सुधार, सांप्रदायिक घटनाओं की रोकथाम, सांप्रदायिक अपराधों के लिए अभियोजन, सांप्रदायिक दंगों के पीड़ितों का पुनर्वास।

राज्य में हालात
राज्य में इन योजनाओं पर बात करें तो ऋण योजना ठप्प पड़ी है। रिकवरी ना होने से राज्य के कई जिलों को केंद्र से ही पैसा नहीं मिल रहा। इससे स्वरोजगार देने में सरकार पिछड़ी है। गंदी बस्तियों को साफ—सुथरा बनाने, कौशल उन्नयन, ग्रामीण आवास योजना का लाभ भी अल्पसंख्यकों को नहीं मिल पाया है। राज्य की ओर से केंद्र को इस योजना के क्रियान्वयन के लिए पिछले साल ही 65.57 करोड़ रुपए के प्रस्ताव भेजे गए थे।

अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों को प्राथमिकता
इस 15 सूत्रीय कार्यक्रम में राज्य के अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों को प्राथमिकता देने के निर्देश भी दिए गए। इन क्षेत्रों में अजमेर, गंगानगर, बीकानेर, चुरु, झुंझुनूं, सीकर, बूंदी, बांसवाड़ा, उदयपुर और नागौर जिलों के अल्पसंख्यक बाहुल्य ब्लॉक और कस्बों को शामिल किया गया है।

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