Lockdown में दर्द का सफर, कहीं आंखों में बहते आंसू तो कहीं...

  • 4 years ago
Lockdown में पैदल लौट रहे प्रवासी मजदूरों की व्यथा
जब पूछा कहां जाओगे तो आंखों से आंसुओं की झड़ी लग गई
किसी ने कहा- कोई सुविधा नहीं, बस चले जा रहे घर पहुंचने की उम्मीद में
किसी को फिक्र है अपने पांवों के छालों की

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