Skip to playerSkip to main content
  • 6 years ago
नई दिल्ली. गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में चर्चा के लिए पेश किया। इस दौरान विपक्ष ने बिल का विरोध किया। शाह ने कहा कि किसी के साथ अन्याय नहीं होगा। बिल अल्पसंख्यकों के 0.001% भी खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने ऐसा किया और तब किसी ने विरोध नहीं किया था। गृह मंत्री ने उदाहरण दिया कि 1947 में पूर्व और पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को भारत के संविधान ने नागरिकता दी थी। तभी मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री और लाल कृष्ण आडवाणी उप-प्रधानमंत्री बने। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस यह साबित कर दे कि बिल भेदभाव करता है, तो मैं इसे वापस ले लूंगा।

Category

🗞
News
Be the first to comment
Add your comment

Recommended