शब्दयोग सत्संग २० मई, २०१८ अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नोएडा
गीत: चेहरे पे ख़ुशी छा जाती है आँखों में सुरूर आ जाता है.. जब तुम मुझे अपना कहते हो अपने पे ग़ुरूर आ जाता है चेहरे पे ख़ुशी…
तुम हुस्न की ख़ुद एक दुनिया हो शायद ये तुम्हें मालूम नहीं शायद ये तुम्हें मालूम नहीं महफ़िल में तुम्हारे आने से हर चीज़ पे नूर आ जाता है जब तुम मुझे अपना…
हम पास से तुमको क्या देखें तुम जब भी मुक़ाबिल आते हो तुम जब भी मुक़ाबिल आते हो बेताब निगाहों के आगे परदा सा ज़रूर आ जाता है जब तुम मुझे अपना…
जब तुमसे मुहब्बत की हमने तब जा के कहीं ये राज़ खुला तब जा के कहीं ये राज़ खुला मरने का सलीका आते ही जीने का शऊर आ जाता है जब तुम मुझे अपना…
गीत: चेहरे पे ख़ुशी छा जाती है संगीतकार: आशा भोंसले फ़िल्म: वक्त(१९६५) बोल: साहिर लुधियानवी
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