00:00आहाम तोर पर हम जो कुछ सब वगरा करते हैं ना उनकी जरूरत भी इसलिए पड़ती है
00:04क्योंकि जिन्दगी है एकदम बेकार
00:07तो उस बेकार जिन्दगी को किसी तरह जेलते रहने के लिए करनी पड़ती है पार्टी
00:12ठीक बोलुर? � Gundala अन्म बहुत है आज पार्टी करेंगे
00:15टेंशन बहुत क्यों हो गया है कोई घटिया जिन्दगी जी रहे है
00:19गफतर में जो इस्तितियां है वो भी जहले जाने लायक नहीं है
00:21घर में जो हैं इस्तितियां वो भी अपने गलत चनावों के करन बेकार है
00:42वो पार्टी के दिन भरसक कोशिश भी करेगा ना तो खुश नहीं हो पाएगा एक ये बात बांध लीजिए बिलकुल छूटी खुशी से कहीं बहतर है सच्चा दुख सच्चा दुख आनंद के दौार खोलेगा
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