शब्दयोग सत्संग ६ जुलाई, २०१७ अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग: धर्म का सही अर्थ क्या है? धर्म का क्या है? क्या होश में जीना ही एक मात्र धर्म है? धर्म की प्रासंगिकता क्या है? इंसान को धर्म की आवश्यकता क्यों है? आज के मानव के लिए सच्चे अर्थों में धार्मिक होने के क्या मायने हैं? धर्म को कैसे समझें? आस्तिकता और नास्तिकता को कैसे समझें? धर्म को नशा क्यों कहा गया है? भारत में धर्म को लेकर इतना अंधविश्वास क्यों? कौन सा धर्म सनातन धर्म है?
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