संवाद सत्र १८ अक्टूबर, २०१२ बी.बी.एस.सी.ई.टी, इलाहाबाद
प्रसंग: अनुभव के आधार पर हम अपने को जान सकते है क्या? अनुभव से डर क्यों लगता है? क्या अनुभव के आधार पर जो हम मानते है वो सब सही हैं? वास्तविकता का अनुभव कैसे करें? क्या सत्य अनुभव किया जा सकता है? अनुभव के परे क्या है? क्या अनुभव बोध देता है? हम अनुभव को इतना महत्व क्यों देते हैं? क्या अनुभव जागृति दे सकता है? हम अनुभवों पर इतना निर्भर क्यों हैं? जीवन के अनुभव क्या होते हैं? जीवन के अनुभवों से क्या लाभ होता है? क्या अपने अनुभवों को ही "जानना" कहा जाता है? हम अनुभवों पर इतना निर्भर क्यों हैं?