शब्दयोग सत्संग, अद्वैत बोध शिविर २४ मार्च, २०१७ जिम कॉर्बेट, उत्तराखंड
प्रसंग: आप वो नहीं जो खुद को मान बैठे है? खुद को क्या माने बैठे हो? प्रयास माने क्या? क्या हमारा प्रयास ही बाधा है? मन कोई भी चीज प्रयास करके कोई करना चाहता है? अपने को कैसे परखे? हमारी हकीकत क्या है कैसे जाने?