गुरु मिलारेपा के वचनों को गहराई से समझें, आचार्य प्रशांत जी के इस प्रवचन के माध्यम से, जिसमें आचार्य जी, गुरु मिलारेपा द्वारा ग्रन्थ 'बारह प्रकार के धोखों' (The song of Twelve Deceptions) का मर्मोद्घाटन करते हैं।
प्रसंग: बारह प्रकार के धोखे कौन - कौन सी हैं? आकर्षण - विकर्षण दोनों को गुरु मिलारेपा ने भ्रम क्यों बताए है? ध्यान क्या है? ध्यान कैसे करे? गुरु मिलारेपा "मित्र और सेवक" दोनों को कपटी क्यों बताए है? कैवल्य का क्या अर्थ है?
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