शब्दयोग सत्संग १८ अगस्त, २०१७ अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
प्रसंग: ओशो, अपने सन्यासी को पहले धन कमाने को क्यों बोलते थे? धन क्या है? धन कैसे अर्जित होता है? क्या धन कामना एक कला है? क्या जो दुनिया को जानता है वही धन कमा सकता है? धन की क्या महत्ता है? क्या अध्यात्म में भी आने के लिए धन की आवश्कयता है?
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