सुल्तान : फिल्म समीक्षा I Sultan: Film Review

  • 5 years ago
कहानी है हरियाणा के एक गांव की। 30 साल का सुल्तान अली खान इस उम्र में भी पतंग लूटता रहता है और जिंदगी के प्रति गंभीर नहीं है। आरफा हुसैन एक पहलवान की बेटी है और उसका सपना भारत के लिए ओलिंपिक में गोल्ड मैडल जीतना है। आरफा को सुल्तान दिल दे बैठता है, लेकिन आरफा उसे उसकी औकात या‍द दिला देती है। इस बेइज्जती से सुल्तान जिंदगी को सीरियसली लेने लगता है और पहलवानी शुरू करता है। कामयाबी उसके कदम चूमती है और आरफा से उसका निकाह हो जाता है। विवाह के बाद एक ऐसी घटना घटती है कि आरफा और सुल्तान के बीच दीवार खड़ी हो जाती है। इससे सुल्तान टूट जाता है। हालात ऐसे बनते है कि वह 'प्रो टेक डाउन' स्पर्धा में हिस्सा लेता है। चालीस की उम्र में तोंद के साथ सुल्तान के लिए विश्व के दिग्गज खिलाड़ियों से भिड़ना आसान बात नहीं है। क्या वह सफल वापसी कर पाएगा? क्या आरफा और सुल्तान के बीच की दूरी मिटेगी? इन बातों का जवाब फिल्म में मिलता है।

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