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  • 6 years ago
गया. बिहार के गया जिले के पदमपानी स्कूल के बच्चों ने पर्यावरण बचाने का बीड़ा उठाया है। सेवाबिगहा गांव में स्थित इस स्कूल के बच्चे फीस के बदले कचरा जमा करते हैं। इसके बाद कचरे को रिसाइकल करने के लिए भेजा जाता है। स्कूल प्रबंधन ने बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए यह कदम उठाया है। स्कूल के वाइस प्रिंसिपल दीपक कुमार ने बताया कि हमने 2014 में पदमपानी स्कूल की शुरूआत की थी। उस वक्त करीब 250 बच्चे थे। हमने बच्चों को मुफ्त शिक्षा, किताबें और मिड डे मील देने का फैसला किया। फीस के बदले हमने बच्चों से कहा जब वे स्कूल आते हैं तो अपने साथ कचरा लेते आएं और स्कूल के बाहर रखे डस्टबिन में डाल दें। सभी कचरे को इकट्ठा कर रिसाइकलिंग के लिए भेजा जाता है। हमारा फोकस छात्रों को पर्यावरण के प्रति जागरुक रहने और हरियाली का संदेश देना है। बच्चों की मदद से विद्यालय परिसर में लगे 200 पेड़ों का देखभाल किया जाता है। पदमपानी स्कूल के फाउंडर मनोज समदर्शी ने बताया कि विद्यालय को डोनेशन पर चलाते हैं क्योंकि यहां पढ़ने वाले ज्यादातर बच्चे गरीब परिवार से आते हैं। बच्चों को खेलकूद और दूसरी गतिविधियों के अलावा सामाजिक और सांस्कृतिक शिक्षा भी देते हैं। हमारा लक्ष्य है कि वैश्विक धरोहर महाबोधि मंदिर के आसपास के सभी जगह साफ-सुथरा रहे और वहां कोई गंदगी नहीं हो। विद्यालय के एक छात्र ने बताया कि हमलोग प्रकृति की रक्षा के लिए सफाई अभियान में जुटे हैं। फीस के रूप में हम कचरा इकट्ठा करते जो बाद में रिसाइकिल के लिए भेजा जाता है। अच्छी शिक्षा के अलावा हमें प्रकृति के महत्व के बारे में भी जानकारी दी जाती है। इससे हमें अपने क्षेत्र को साफ रखने में मदद मिलती है।

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