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  • 23 minutes ago
बांग्लादेश के जमात गठबंधन पर नीला इस्राफिल का हमला

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00:00दरसल उस्मान हादी की हत्या के पीछे यूर्लू सरकार में ही किसी का हाथ होने का आरोप उस्मान हादी के भाई तक लगा चुके हैं
00:07सच को छिपाने के लिए बांगलादेश की पुलीस अब भारत पर आरोप लगा रही है
00:12मन गड़न तारोप लगा रही है ताकि उस पर दबाफ कम हो
00:15लेकिन इस बीच बांगलादेश से एक और बड़ा अपडेट समय सामने आ रहा है
00:18बांगलादेश में जुलाई दोहजार चौबीस को जो चात्र आंदोलन हुआ था
00:23जिससे लोकतंत्र की जीत बताये गया था
00:26अब खुद ही अपने फैसलों के बोज तले वो तूटता बिखरता नजर आ रहा है
00:32जिस आंदोलन ने शेख हसीना की सत्ता गिरा दी थी
00:35कहा तो गया था यह स्टूडंट आंदोलन है
00:37लेकिन स्टूडंट के पीछे चात्रों के पीछे वो जो कट्टर इसलामिक ताकते थी
00:42उनको छिपाया गया उनको छिपाया ना केवल पश्च्चमी के कई लोगों ने
00:46बलकि भारत में भी कुछ ऐसे तत्व थे जो चाहते थे भारत में भी ऐसा आंदोलन हो जाए
00:51खेर आज उसी आंदोलन के भीतर से आवाजे उठ रही हैं शेख हसीना सही थी ये हम नहीं कह रहे हैं ये बंगलादेश की के युवा कह रहे हैं
01:02आंदोलन का जो एक प्रमुक चहरा था ना नीला इस्वाइल उसने जमायत इसलामी से गड़ बंधन के बाद चात्रों की पार्टी नसी पी को निशाने पे लिया है
01:14यहीं नहीं कई प्रमुक महिला सदस से जो हैं अब उन्होंने नसी पी छोड़ दी है
01:19महफूज आलम जिससे छात्र आंदोलन का गुरू बताया जाता है उसने भी नाहिद इसलाम से रास्ते अलग कर लिये है
01:27साफ तोर पर बंगला देश में जो लोकतंत्र और आजादी की बात कर रहे थे
01:32वो 1971 में पाकिस्तान का साथ देने वाले जमायते इसलामी के साथ गडबंधन के लिए कताई तयार नहीं है
01:39और यही वज़े है कि उन्हीं के बीच से अब आवाजे उठ रही है कि जो वैचारिक तोर पर शेख हसीना थी
01:46वो सही थी क्योंकि अब कटर इसलामिक संगठनों का वर्चस्व बांगलादेश में बढ़ता जा रहा है
01:53बांगलादेश में जुलाई 2024 का च्छात्र विद्रो जिसे लोकतंत्र की बापसी कहा गया
01:59जिसने शेख हसीना की सत्ता को हिला कर रख दिया
02:02आज वही बिद्रो खुद सवालों के घेरे में है
02:04सवाल ये नहीं कि सत्ता बदली या नहीं
02:09सवाल ये है कि जिस आंदोलन ने सत्ता बदली
02:12वो खुद क्यों बुरी तरह टूपता बिखरता नजर आ रहा है
02:15इस आंदोलन को पहला बड़ा जटका उसकी ही एक लेता ने दिया है
02:20वही आंदोलन जिसने हसीना को हटाया
02:23उसी आंदोलन की एक प्रमुक चेहरा नीला इस्राफिल अचानक कहती है
02:27शेख हसीना सही थी
02:29नीला इस्राफिल बंग्रदेश की आक्ट्रिस है
02:34और जुलाई विद्रोग की उभरती आवास थी
02:36कुछ समय तक मुच्छात्रों की बाटी
02:38NCP से जुड़ी थी
02:39लिकिन बाद में उससे इस्तीफा दे भिया
02:42अब उनका तर्ब चौकाने बाला है
02:44वो कैसी है
02:451971 एक शुरुवाती बिंदू है
02:47विचारधारा एक सीधी रेखा है
02:49नाम और डल बतल सकते हैं
02:51लिकिन रदाकार यानि पाकिस्तान के समर्थकों की थुरी वही रहती है
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