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उन्नाव रेप केस में कुलदीप सेंगर की बेटी इशिता सेंगर ने अपनी चुप्पी तोड़ी। Supreme Court के हालिया फैसले के बाद उनकी वायरल चिट्ठी सामने आई, जिसमें उन्होंने अपने परिवार पर हुए मानसिक और सामाजिक दबाव का दर्द बयां किया। इशिता का कहना है कि उनकी आवाज़ को अब तक सुना नहीं गया। इस वीडियो में जानें कौन हैं इशिता सेंगर, उनके संघर्ष की कहानी, और कैसे उन्होंने न्याय की उम्मीद को अभी भी थाम रखा है। पूरी कहानी देखें और समझें पीड़िता परिवार की सच्चाई।

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~HT.96~

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00:00भरत ये न्याय और कानून कहता है कि सौ अपराधी छोट जाएं लेकिन किसी निर्टोष को सजा ना हूँ
00:11अब जब चौतरफा कुलदीव सिंगर का मामला चल रहा है लगातार उन पर चर्चा हो रही है तो आप सोच रहे होंगे निर्टोष चैता शब्द आखिर आया कहां से ये शब्द आया है उनकी ही अपनी बेटी शिता सिंगर की उस चिट्थी से जहां उन्होंने अपना तर्�
00:41प्रणाव में बहकर या फर पीडिता पक्ष की एक तरफा बात सुनकर हमें आगे बढ़ना चाहिए नियाय का इंतिजार करना चाहिए वब और चिट्थी में क्या है जिसकी कूब चर्चा है और आखिर इनकी बेटी क्या-क्या रही है किस नियाय की बात हो रही है कुलदी�
01:11चिठी में लिखा गया है मैं ये पत्र एक बेटी के रूप में लिख रही हूँ जो ठकी हुई है डरी हुई है और धीरे धीरे अपना भरोसा खूर रही है लेकिन फिर भी उम्मीद थामे हुए है और क्योंकि अब जाने के लिए कोई और जगा बची नहीं है और आगे लिख
01:41ही बोलेगा हमने कानून पर भरोसा किया समविधान पर भरोसा किया हमें विश्वास था किस देश में नियाए शोर हैस्टेग या जनाक्रोष पर नहीं नहीं निर्वर करता है उनका यह कहना है और आज मैं लिख रही हूँ क्योंकि वह भरोसा अब तूपता जा रहा है शि
02:11जिन लोगों ने मुझे न कभी देखा है एक भी दस्तावेज नहीं पढ़ा है इस केस को लेकर और ना ही कभी कोर्ट के रिकॉर्ट को देखा है उन्होंने तै कर लिया है कि मेरी जिन्दगी की कोई कीमत नहीं है इस्ता आगे लिखती है इन वर्षों में सोशल मीडिया पर
02:41आतार है और ये इनसान के भीतर कुछ तोर देती है जब उसे एहसास होता है कितने सारे लोग मानते हैं कि आपको जीने का हक भी नहीं है हमने चुप्पी इसलिए नहीं चुनी क्योंकि हम ताकतवर थे बलकि इसलिए क्योंकि हमें संस्थाओं पर भरोसा था हमने परदर्श
03:11होती है इस चुप्पी की हमें क्या कीमत चुकानी पड़ी आठ वर्षों में हमारी गरिमा को टुकडा कर छीन लिया गया है हमें रोज गालिया दी गई हमारा मजाक उडाया गया हमें अमानविय बना दिया गया हम आर्थिक मानसिक और शारिरिक रूप से पूरी तरह तू�
03:41आउस ऐसा नहीं था जिसे लिखा नहो और फिर भी किसी ने हमें नहीं सुना इसलिए नहीं कि हमारे तत्थ कमजोर थे इसलिए भी नहीं कि हमारे पास सबूतों की कमी थी बलकि इसलिए कि हमारा सच आसुविधा जनक था यानि सुविधा जनक हमारा सच नहीं था हमारे सच को
04:11उसे सुनना चाहता है तो दुनिया की कौनसी ऐसी ताकत किसी को सुनने देने से
04:15रोख सकती है और कौनसी ऐसी ताकत रोज अपना नाम कीचड में घशीटते
04:20ओavior देखती है और फिर भी चुप रहती है इस व्योस्था पर भरोसा कड़ते
04:25जो शायद आपके अस्तित को सभिकार करने को भी तयार नहीं है
04:30उनका कहना है कि अगर हम तागत वार हैं
04:33तो फिर हम अपना नाम ऐसे कीचग में गुलब घशिटे एचंप पा रहे हैं
04:37हम अपनी बाद क्यों नहीं रख पा रहे
04:39हमें कोई सुनना क्यों नहीं चाहता
04:41अगर हमारे पास ताकत होती तो मीडिया हमारी बात भी सुनती ऐसा कहना इस्ता का इस्ता ने आगे क्या कहा है वो भी आपको बता देते हैं
04:47आज मुझे जो डर लग रहा है वो सिर्फ अन्याय का नहीं है ये एक सोचा समझा डर है इतना तेज और हावी कि जज पत्रकार संस्थाएं और आम नागरिक सब चुप हो जाते हैं एक ऐसा डर जो सुनिश्चित करता है कि कोई हमारे साथ खड़ा ना हो कोई हमारी बात ना स�
05:17बीड गलत जानकारी और आक्रोस में डुबोया जा सकता है तो मेरे जैसे इंसान के पास जाने के लिए कहां बचता है अगर दबाव और जनुनमात सबूतों और नाइक प्रिक्रिया से उपर होने लगें तो एक आम नागरी की असली सुरक्षा क्या रह जाती है मैं ये पत्
05:47कि परवाह करेगा हम किसी एहसान की मांग नहीं कर रहे हम अपनी पहचान के कारण कोई विशेश सुरक्षा नहीं चाहते हैं हम नयाय मांग रहे हैं क्योंकि हम सब इंसान हैं किर्पया कानून को बिना डर के बोलने दीजिए किर्पया सबूतों की जाच बिना दबाव के हो
06:17पर पचताने के लिए मजबूर मत कीजिये तो इश्टा जो कुलीव सिंग सेंगर की बेटी हैं उनका कहना है कि भले ही हमारी बात आपको अलोक्रिये लगे आपकी सुविधा के खिलाफ हो अशुविधा जनक हो फिर भी हमें सुनिये तो हमारी क्या बाते हैं हमारे क्या शु�
06:47और पार्ग क्या मतलब जो हमारा नाम इतना घसीता जा रहा है, हमें इतनी धंकिया दी जा रही है, उस चीज को हम ठीक नहीं कर पा रहे हैं, उसे रोक नहीं पा रहे हैं।
07:17कि आखिर समामले के तथ्य क्या हैं, कि आपको सिर्फ आंसू की भीड में दोड़ना है, कि आपको सिर्फ दर्द के पीछे एक न्याय ढूंडने की कोशिश करना है, लेकिन आपको जरूर कोशिश भो भी करने चाहिए।
07:47आज मत प्रवायूत होने दीजिये, जो सबूत है उसको वैसे ही आने दीजिये बाहर, दबाव मत डालिए, ना नयाय पालका पर डालिए, ना मीडिया पर डालिए, और ना ही और भी लोगों पर दबाव डालिए।
07:56पर दबाव डालिए।
08:26पुल्दीप सेंगर की छोटी बेटी भी यही कहती नजर आ रही है कि अगर मैं इतनी ताकतवर हूँ, मेरा परिवार इतना ताकतवर है, तो हम क्यों उस जंग में लड़ रहे हैं, जिस जंग का बार-बार जिक्र पेड़िता पक्ष भी करता नजर आता, वैराल हम आपके �
08:56वन इंडिया के साथ, शुक्रिया
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