वर्ष के अंतिम दिनों ने रेगिस्तान की गोद में बसे खूबसूरत शहर जैसलमेर को नई ऊर्जा से भर दिया है। स्वर्णनगरी हाउसफुल है — होटलों की बालकनियों से लेकर सम के धोरों तक, हर ओर चहल-पहल का उत्सव सा माहौल है। ईयर एंड वेकेशन और नववर्ष की दस्तक ने टूरिज्म की धड़कन को तेज कर दिया है। देश-विदेश से आए सैलानी ऐतिहासिक दुर्ग और लोकसंस्कृति के रंगों में खुद को खोते नजर आ रहे हैं।पर्यटन स्थलों पर सुबह से देर रात तक रौनक बनी रहती है। होटल ज़ोन, होमस्टे, रिसॉर्ट्स और गेस्ट हाउस अपनी पूरी क्षमता पर चल रहे हैं। जीप सफारी, डेजर्ट कैंप, लोकनृत्य और सांस्कृतिक संध्याएं पर्यटकों को रेगिस्तान के जादू से बांधे हुए हैं। यह भीड़ सिर्फ तस्वीरों तक सीमित नहीं, बल्कि लोकल इकॉनमी के लिए संजीवनी साबित हो रही है।
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