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Save Aravali, Save Future... आज दिल्ली से लेकर राजस्थान और गुजरात तक यह नारा गूंज रहा है। लेकिन मंत्री जी कह रहे हैं कि ऐसा नारा लगाने वाले भ्रम फैला रहे हैं। जबकि विशेषज्ञों के अनुसार, इस नई ऊंचाई-आधारित परिभाषा से लगभग 90 प्रतिशत अरावली क्षेत्र ‘अरावली’ के दायरे से बाहर हो सकता है।
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00:00सेव अरावली सेफ फ्यूचर आज दिल्ली से लेकर राजिस्थान गुजरात तक ये नारा गुंज रहा है
00:06लेकिन मंतरी जी कह रहे हैं कि ऐसा नारा लगाने वाले चिंता जताने वाले भर्म फैला रहे हैं
00:12जबकि भर्म मंतरी जी के बयान में ही शामिल है
00:15आपको मालूम है कि सुप्रिन कोट ने अरावली पहाड़ियों की परिभाशा तै करने के लिए
00:20मोधी सरकार के प्रस्ताओं को स्विकार कर लिया है
00:23जिसमें सौ मिटर से उची पहाड़ियों को ही अरावली माना जाएगा
00:27परवत माना जाएगा बाकि उससे नीचे खनन और निर्मान की खुली छोट मिल जाएगी
00:32केंद्रिय मंत्री भुपेंद्रियादब कहते हैं कि 100 मीटर की ये सुरक्षा सीमा पहाड़ी के निचले आधार से मानी जाएगी ना कि पहाड़ी के टॉप से उपर से
00:41जबकि विशेशग्यों का कहना है कि इस नई उचाई आधारित परिभाशा से
01:10लगभग 90 प्रतिशत अरावली शेत्र अरावली के दाइरे से बाहर हो सकता है
01:15विशेशग्यों का ये भी कहना है कि अरावली परवतमाला का महत उसकी उचाई में नहीं बलकि उसके कार्रे में हैं
01:22ये परवत मालाएं एक प्रागर्तिक जल संग्रहन प्रणाली की तरह काम करती हैं
01:27ये जल भंडार, राजिस्थान, दिल्ली, गुरुग्राम, फरिदाबाद, अलवर जैसे बड़े शहरों को पानी की आपूर्ती करते हैं
01:34हमें साफ हवा देते हैं
01:36आपको पता है कि अरावली परवत माला भारत की एक प्राचीन परवत शंकला है
01:40ये गुजरात के कच्छ से शुरू होकर राजिस्थान, हर्याना और दिल्ली से गुजरती है
01:45दक्षण पश्चिम छेतर से उत्तर पूर्व तक इसकी लंबाई करीब 690 किलोमेटर है
01:50इतियास की दृष्टी से परवत माला दो अरब वर्ष से अधिक पुरानी है
01:54और आज भी गुजरात, राजिस्थान, हर्याना और दिल्ली के लिए एक एहम लाइफ लाइफ लाइन का काम करती है
02:01लेकिन मुदी सरकार इन सब चिंताओ पर कान नहीं धर रही
02:06इसी तरह आपने देखा होगा कि सेव हिमाले, सेव नियामागिरी, सेव हसदेव
02:11कि नारे लगते रहे हैं, गोंचते रहे हैं लेकिन कुछ भी सेव नहीं हो पा रहा है
02:15सोनम मांग चुक ने भी सेव लग्दा कही नारा लगाया था
02:19लेकिन आज वे का हैं? जेल में
02:21उन्हें राष्टे सुरुक्षा के लिए खत्रा माना गया
02:23दिल्ली के लोगों ने भी प्रदूशन के खिलाफ आवाज उठाई सांस का हक मांगा
02:27तो सरकार ने उन्हें भी जेल में डाल दिया
02:29तो क्या समझा जाए कि मोदी सरकार को ना पर्यावरन की चिंता है
02:33ना लोगों की उनके लिए अपने मेत्र उद्धुख पतियों के हिथी सर्वो परी है
02:38इन सवालों पर सोचेगा जरूर क्योंकि अगर जंगल और पहाड़ी ना रहे
02:42तो क्या हम और आप और ये धर्ती बचेगी
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