Skip to playerSkip to main content
Priyanka Gandhi on MGNREGA: लोकसभा में मनरेगा को लेकर प्रियंका गांधी का भावुक और आक्रामक भाषण चर्चा में रहा। उन्होंने मज़दूरों की बदहाली का ज़िक्र करते हुए सरकार को घेरा और कहा कि समय पर मज़दूरी न मिलना अन्याय है। प्रियंका गांधी की आंखों में आंसू थे और आवाज़ में मज़दूरों का दर्द। उन्होंने मनरेगा बजट बढ़ाने, मज़दूरी दर बढ़ाने, भुगतान में देरी खत्म करने और काम के दिन 200 करने की मांग की। उनका कहना था कि मनरेगा करोड़ों गरीब परिवारों की जीवनरेखा है, इसे कमजोर नहीं बल्कि मजबूत किया जाना चाहिए।

#PriyankaGandhi #MGNREGA #LokSabha #PMModi #ManregaWorkers #IndianPolitics #Congress #LabourRights #ParliamentSpeech #BreakingNews

~HT.410~PR.250~ED.102~

Category

🗞
News
Transcript
00:00दूर दूर से हमें दिख जाता है कि मन्रेगा का कौन मजदूर है
00:03सबसे गरीब होता है
00:05चहरे पे जूरिया होती है
00:08हाथ मिलाए तो सर हाथ पत्थरों की तरह हाथ
00:13मैं कर रही हूँ, पहुंच रही हूँ, मुझे पहुंचने दीजिए
00:15सर उनके हाथ पत्थरों की तरह कथो होत führen क्योंकि इतनी मजदूर ही करते है
00:23महात्मा गांदी जी मेरे परिवार के नहीं थे
00:26लेकिन ड़ी मेरे परिवार जैसे ही है
00:29और इस पुरे देश की यही भावना ऐ सर
00:30सर इस पूरे देश की यही भावना है
00:35सर आकरी बात ये है कि गहन जाच पड़ताल और व्यापक चर्चा के लिए इसे कम से कम स्थाइस समीती के पास भेजा जाना चाहिए
00:44और कोई विधायक किसी की निजी महत्व कांग्षा, सनक और पूर्वा ग्रहों के आधार पर न तो पेश होना चाहिए और नहीं पास होना चाहिए
00:53धन्यवाद, आधर निया अध्यक्ष महोदे जी, मैं नियम बहत्तर एक के तहट इस विधायक को पुरस थापित करने पर अपनी सक्त आपत्ती दर्ज करना चाहते हूँ
01:05महात्मा गांधी ग्रामीन रोजगार गैरंटी कानून पिछले 20 सालों से ग्रामीन भारत को रोजगार देने में और ग्रामीन अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में सक्षम रहा है
01:18यह एक इतना करांती कारी कानून है कि जब इसको बनाया गया तो सदन के सभी राजनितिक दलों ने इस से पुरी सहमत लिए
01:30इसके द्वारा सौ दिन का रोजगार इस देश के गरीब से गरीब लोगों को मिलता है
01:36हमारे गरीब से गरीब भाय बेहनों को
01:38हम सब जन प्रतिनीदी है महोदय, जब हम अपने अपने क्षेतरों में जाते हैं, आप भी जानते हैं, दूर दूर से हमें धिख जाता है कि मंद्रेगा का कौन मज़दूर है, सब से गरीब होता है, चहरे पे जूरियां होती है, हात मिलाएं तो सर हात पत्थरों की तरह, हां स
02:08क्योंकि इतनी मज़दूरी करते हैं तो सर मेरा जो इस बिल पर अब्जेक्शन है सर यह जो कानून है इसके तहट हमारे गरीब भाई बेहनों को जो रोजगार की कानूनी गैरेंटी मिलती है जो अधिकार मिलता है वह इस योजना में मांग के अधार पर संचालित होता है
02:31मतलब जहां जहां रोजगार की मांग है वहां इस योजना द्वारा सौ दिनों का रोजगार अन्यवारिया है इसके साथ साथ केंद्रे से इसके लिए जो पूंजी जाती है वो भी मांग पर अधारित होती है यानि कि इस योजना के लिए जितने पैसे जहां भेजने हैं कितन
03:01अनुसूची एक में उपनियम 4.1 और 4.2 द्वारा केंद्र को इजाज़त दे गई है कि वे पहले से ही निर्धारित कर लें कि कितनी पूंजी कहां भेजी जाएगी इससे सम्विधान के 73 सम्विधान संशोधन को नजर अंदाज किया जा रहा है
03:18सर महोदय इसके जरिये ग्राम सभाओं को इस योजना की मांग की जमीनी परिस्तितियों के अधार पर टैक करने का पूरा अधिकार दिया जाता था
03:31आज वो अधिकार कमजोड किया जा रहा है
03:34सर आकिर बात है
03:37यश पूरी दिटैल चर्छा हो तो आप डिटैल बोलना इस पर यह सुनुआथ
03:41सर जो जो हमारे सम्विधान की जो मूल भावना यहर एक व्यक्ति के हाथों में शक्ति होना चाहिए वही मूल भावना पंचायती राज में है
03:42अब ये सुनवात है सर जो हमारे समविधान की जो मूल भावना है कि हर एक व्यक्ति के हातों में शक्ति होनी चाहिए वही मूल भावना पंचायति राज में है और उस मूल भावना के विरोध है ये जो अधिनिया मारत जो इस विद्धेक के जो प्रबंदन है जिससे जो रो�
04:12वो हमारे समविधान के विप्रीत है सर ये हमारे इसी सधन ने ये कानून बनाया और इसी सदन ने ये अधिकार जनता को दिया है
04:25सर एक और है सर महात्मा गांदी मन्रेगा में नब्बे प्रतिशत अनुदान केंद्र से आता था इस विध्यक द्वारा ज्यादा तर प्रदेशों में अब साथ प्रतिशत आएगा इसको घटाया गया है
04:40सर इससे प्रदेशों की अर्थव्यवस्ता पर बहुत भार होगी और खास तोर से ये वे प्रदेश जिनकी अर्थव्यवस्ता पहले से केंद्र की ओर से जी एस्टी के बकाय के इंतजार में है
04:53सर इस विध्यव द्वारा केंद्र का नियंत्रन बढ़ाया जा रहा है और जिम्मेदारी घटाई जा रही है
05:07सर जो सौ दिन का अधिकार आपने 125 करने की बात की है लेकिन इसमें वेतन की बड़ोत्री आपकी जो मज़दूरी की बड़ोत्री है इसकी कोई बात नहीं है
05:22सर मानने सदस्धों
05:23सर यह सही बात है कि अभी तक जो बकाया है वही पूरा नहीं हुआ है
05:28सर आफ़ी बात यह है
05:32सर की हर योजना का नाम बदलने की जो सनक है ये समझ में नहीं आती है
05:38सर जब-जब ये किया जाता है जब-जब ये किया जाता है तो सरकार केंद्र को पैसे खर्चने पड़ते हैं
05:47मानने सदशों मैं आप से आगरे करता हूं
05:52ये सर आप पोस्टर रख दे नीचे आप पीछे वाले मानने से दशों मैं आप सेंटी टू में नियम में विरोध कर दें आप
06:07सर आखरी पॉइंट है कि बिना चर्चा के बिना इस सदन की सला लिए इस तरह से जल्दी जल्दी में विधायक को पास नहीं होना चाहिए
06:17सर ये विधायक वापस लिया जाना चाहिए इसके बदले में सरकार को एक नया विधायक पेश करना चाहिए
06:28महात्मा गांदी जी मेरे परिवार के नहीं थे लेकिन मेरे परिवार जैसे ही है और इस पूरे देश की यही भावना है
06:39सर इस पूरे देश की यही भावना है सर आखरी बात यह है कि गहन जाच पड़ताल और व्यापक चर्चा के लिए इसे कम से कम स्थाइस समीती के पास बेजा जाना चाहिए और कोई विधायक किसी की निजी महत्व कांख्षा
07:01कांख्षा, सनक और पूर्वा ग्रहों के अधार पर न तो पेश होना चाहिए और नहीं पास होना चाहिए धन्यवाद
07:08किष्क का ओिर सब्सक्षाप्षाळड में डिए और नैवे और प्र
Be the first to comment
Add your comment

Recommended