Skip to playerSkip to main content
📌 Description:
Aap dekh rahe hain ek AI animated Inmates Moral Story — jahan galti karne wala aadmi seekhta hai ki zindagi hamesha ek dusra mauka deti hai.
Yeh kahani dosti, badlaav, insaaniyat aur sudhar ka sandesh deti hai.
Agar aapko moral stories, life lessons aur AI animation pasand hai, to yeh video aapke liye hai!

👍 Like • 💬 Comment • 🔁 Share
Aisi aur AI stories ke liye follow karein.
#MotivationReels #AIReels #ShortsVideo #InspirationalStory #HeartTouchingStory #ViralReel #TrendingReels #ReelsIndia #YouTubeShorts #DailyMotionVideo #InstagramReels

AI moral story, inmates moral story, prisoner story, AI animation story, life changing story, motivational video, Hindi moral story, inspirational reel, AI short film, emotional story, trending reel, viral shorts, AI generated story, heart touching video, story for adults, story for teens, life lesson video, Hindi kahani AI

Category

😹
Fun
Transcript
00:00सावित्री दो बेटों की मा थी। उसे इस बात पर बड़ा घमन था। वो मानती थी कि बेटे घर की शान होते हैं।
00:13ये ले सावित्री मिठाई खा, मेरे यहां पोती पैदा हुई है। ये सुनते ही सावित्री मुँ बना के कहती है।
00:22आरे तू तो लुट गई, बरबाद हो गई, तेरे यहां लड़की पैदा हो गई। अरे तू ऐसा क्यों कह रही है, मैं तो बहुत खुश हूँ।
00:32आरे जब तेरी पोती के पीछे तुझे खर्चे पर खर्चे करने पड़ेंगे ना, तब ये तेरी सारी खुशी गम में फदल जाएगी।
00:40पहले लड़की की पड़ाई लिखाय का खर्चा, फिर उसकी शादी का खर्चा, अरे आजकल की शादिया कितनी मैंगी हो गई है, गहने बनाओ, लाखो रुपए पानी की तरह बैज आते हैं, लड़किया तो सिर्फ खर्चा करवाने के लिए ही पैदा होती है।
00:57इस तरह लड़कियों के प्रती अपने विचार व्यक्त करते हुए सावित्री मम्ता को लंबा चोड़ा भाशन दे के चली जाती है। अब तो आप लोग इस कहानी में सावित्री दिवी का पात्र अच्छी तरह समझी गए होंगी।
01:11कुछ समय बाद सावित्री की बड़ी बहु भी एक लड़की को जन्म देती है। फिर क्या था? सावित्री पूरा आसमान सर पर उठा लिती है।
01:41क्या मा जी आप भी इतनी सी बाद पर नाराज हो गई है। देखिए तो आपकी पोती कितनी सुन्दर है। बिलकल आप पर गई है।
01:50आरा चुपकर तुझे नौ महीने इतने महंगे महंगे का जो बदा, फल फुरुट खिलाने का फाइदा क्या हुआ? मेरे तो सारे पैसे बरबाद हो गए।
02:00ये सुन सावित्री का बड़ा बेटा अजे कहता है।
02:20लेकिन सावित्री पर अजे की बातों का कोई असर नहीं होता।
02:24नालायक अपनी पत्नी की जबान बोल रहा है। मेरा बड़ा बेटा तो हाथ से गया।
02:31लेकिन सावित्री देवी हार मानने वाली नहीं थी।
02:35वो पोते की चाह में अपने छोटे बेटे विजय की शादी करवा देती है।
02:40कुछ समय बाद आखिरकार वो दिन आही जाता है जब सावित्री की छोटी बहु गर्भवती हो जाती है।
02:47सावित्री इतनी खुश हो जाती है कि वो बच्चे की जन्म से पहले ही सारे महले में धिंडोरा पीटने लगती है।
02:54ये क्या सावित्री तू तो पोते के जन्म से पहले ही मिठाई बाढ़ रही है।
02:58पहले पोता पैदा तो होने दे। और फिर क्या पता अगर पोते की जगब पोती ही पैदा हो गई तो।
03:07ये सुन सावित्री चिट जाती है।
03:09अरे अपने काली जबान मत चला, मेरी मिठाई खा के मेरा ही बुरा सोच रही है, बढ़ी आई, ला मेरी मिठाई वापस कर, देख ले ना, इस बार मेरे यहाँ पोता पैदा होगा, पोता
03:22लेकिन ठीक इसका उल्टा होता है, सावित्री की छोटी बहु भी एक लड़की को जनम दीती है, सावित्री फिर से रोना धोना शुरू कर दीती है, और अपनी छोटी बहु को कोस्ते हुए भला बुरा कहने लगती है, देखते ही देखते ये सावित्री की रोज के आदत हो ज
03:52मुझे मा की यह अदद पिल्कुल पसंद नहीं आती
03:54आरे तु ठीक कहता है
03:56मैं भी अब मा से तंग आ गया हूँ
03:59अच्छा
04:00तो अब तुम दोनों इस तरह
04:02पीट पीचे मेरी बुराई भी करने लग गये हो
04:05नहीं मा
04:08हम चाहते हैं कि घर में शांती बनी रहे
04:10हमें हमारी बेटियां बहुत प्यारी है
04:13मैं नहीं चाहता कि वे तुम्हारे ताने सुन-सुन कर बड़ी हो
04:16और इसलिए हम दोनों ये घर छोड़ कर चले जाएंगे
04:19हाँ मा
04:21मैं भाया की बात से सहमत हूँ
04:23जब तुम इस घर में अकेली रहोगी
04:25तब तुम्हें अपनों की कीमत का ऐसास होगा
04:27अपने दोनों बेटों के मुझे अपनी मा के लिए
04:31इतने कठोर शब्द सुन
04:32सावित्रि भावुक और रुवासी होकर कहती है
04:35क्या सच में तुम दोनों मुझे
04:38इस घर में अकेली छोड़ कर चले जाओगे
04:41हाँ मा
04:42हाँ मा अब पानी सर के उपर जा चुका है
04:45मैं तुम दोनों के बिना नहीं रह सकती
04:51अपनी सास के आसु देख
04:54अजे और विजे की पत्नी अपने पतियों से लड़ पड़ती है
04:57अरे जिसे जाना है वो जाए
05:00मैं मा जी को छोड़ कर कहीं नहीं जाने वाली
05:02भाबी अब ये क्या कह रही है
05:05वही जो तुम सुन रहे हो
05:07दीदी बिल्कुल सही कह रही है
05:09हम बेटियों के संसकार हमें सिखाते हैं
05:12कि सास मा समान नहीं बलकि मा ही होती है
05:15और उस मा की जिन्दगी भर सेवा की जाती है
05:19बेटे अपना फर्ज भूल सकते हैं
05:22लेकिन बेटी आने ही
05:23आप दोनों शौक से जा सकते हैं
05:26मा जी हम दोनों के रहते आपको किसी बात की फिक्र करने के जरूरत नहीं
05:30फिर क्या था
05:32सावित्री के ऊपर छाए बेटों के घमन के बादल
05:35उसकी बेटी स्वरूप बहूं के तेज के आगे आसो के रूप में परिवर्तित होकर
05:41सावित्री की आँखों से पहने लगते हैं
05:44और वो उन दोनों को गले लगा ली थी है
05:47मैं जिन्देगी भर बेटियों को कोस्ती रही
05:51लेकिन आज तुम दोनों को देख मुझे समझ आ गया
05:54कि बड़े अभागे होते हैं वो लोग जिनके घर बेटियां नहीं होती
Be the first to comment
Add your comment

Recommended