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  • 48 minutes ago
'कभी-कभी फिल्म आपकी जान...', बोले शत्रुघ्न सिन्हा

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00:00कभी कोई पिक्चेर से आपकी शोहरत तो होती है, तो कभी कोई पिक्चेर आपके जान बचाने के काम भी आती है, मेरे जिंदगी में ऐसी घटना कभी नहीं घटी, कि एक बार हमारी कोई फ्रेंड थी, जिनके खाना खाने निव और्क में गया था, और मैं रेडिसन होटल में
00:30आते हैं उन्होंने का मैं हाँ उतार देती हूं तुमको, यह जगा से चले जाओ, वो है रेडिसन होटल, हमने का चला जाओंगा, उतर गया और मेरे सा शॉपिंग का बहुत सामान था, यानि सारा मिटी डियल था मगिंग के लिए, शॉपिंग का सामान था, मैं अकेला था,
01:00यह को रेडिसन होटल ही नहीं, वहाँ असा बड़ी बिल्डिंग एक तरह रखती है, और उसके बाद मैं तो परेशान होगया, हमने अब ही हुआ आखरी, आज कतल की रात है, आज कुछ हो जाएगा, आज हो जाएगा, और मैं एक देखा, एक बलैक आदमी था सामने, उससे
01:30बाद है, और उसके बाद, अचानक एक गाड़ी आई, रात के अब करी दो बज़े, सनाटा, और मैं मौत का इंदजार कर रहा था, किया अब कुछ हुआ, इतनों सौमान मेरे साथ, और एक गाड़ी गई, आगे, गाड़ी गई वहाँ से, और वहाँ ब्रेक लगा, और हमने
02:00पुठ जट्टा दे, एक पुठ जट्टा दे, एक मिनट, ठार, वहीं पुठ नगा रुको, और रुक के उसने रेडियो किया, उसने का कहा फ़स गया तुसी, मर जाओगे, क्यो रहा है, तुसी हते, कमाल है, और से करके एक मिनट रेडियो के और एक सा पचीस-तीस गाड़
02:30कुछ नहीं हो गए, बहुत खतरना के रिया है, हमने आपको देख लिया, पुठ जट्टा दे, और साहब उसको होटल तक छोड़ते आया है, मैंने कितना ओफर दिया उनको, कि आप लोगाए हम ये रख लिजीए, उसने साल्डे हीरो, तुसी साल्डे पुठ जट्टा दे,
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