00:00धन्यवाद अध्याक्ष मौदे, लोग तंत्र के महत्वपूर्ण विशे पर बोलने का जो आपने समय दिया, जहां हम आज चुनाव सुधारों पर चर्चा कर रहे हैं, चुनाव आयोग एक समधानिक धाचा है, जिसे निश्पक तरीके से काम करना चाहिए, लेकिन हाल में द
00:30सरकार के इशारे में काम कर रहा है, या यू कहें कि पूरी तरह समर्पित होकर सरकार के लिए काम कर रहा है, हमने उत्तरपदेश के उप चुनावों में देखा है, कि किस तरह वोटों की धानली हुई, कि किस तरह बीजेपी ने मनमानी करी, और लगातार चुनाव आयोग को
01:00कि पुलिस खुद सादे कपड़े पहन कर वोट डालती नजर आई बूत के अंदर लेकिन चुनाव आयोग ने कोई भी अधिकारियों के खिलाफ कारवाई नहीं करी
01:12सीसी फुटेज की जब मांग करी गई चुनाव आयोग से तो चुनाव आयोग ने सीसी फुटेज तो नहीं दिये
01:22इसी के साथ एक ऐसा कानून लेके आई ये जहां पर कहा गया है कि 45 दिन के अंदर सीसी फुटेज हटा दिये जाएंगे
01:30चुनाव आयोग पूरी तरह से पूर्ण तरीके से पक्षपाती सरूप में नजर आ रहा है
01:39और यह हम इसलिए भी कहना चाहेंगे कि चुनाव आयोग का जो इस सरूप बदला है
01:44वह इसलिए बदला है जब से चीफ जस्टिस ओफ इंडिया को हटा कर यूनियन मिनिस्टर को अपाइन्मेंट अफ एलेक्शन कमिशन में लगाया गया है
01:54तो कहीं न कहीं जो बिल पास हुआ डिसेंबर दो हजार तेईस में जहां पे अपसल्यूट लीगल इम्मिनिटी फॉर एनी अक्शन बाइ एलेक्शन कमिशन
02:05इसके साथ साथ protection from accountability and scrutiny जो इस तरह का सुरक्षा कावच एक चुनाव आयोग को दिया गया
02:14इस हजे से चुनाव आयोग पून तरीके से समर्पित होकर सरकार के लिए काम कर रहा है
02:19जो SIR की जो प्रक्रिया है special intensive revision यह revision के नाम पर नागरिक्ता कानून लागू किया जा रहा है
02:30revision के नाम पर अध्याग जी चुनाव आयोग द्वारा प्रशासनिक निश्पक्षता के नाम पर किया जा रहा है
02:38कार्य हमारी नागरिक्ता लोकतंत्र और समवेदानिक नैतिक्ता की बुन्याद पर सीधा निशाना है जा चुनाव आयोग को समय समय पर मद्दाता सूचियों के पुन निक्षन का अधिकार है
02:52और वह यह निरिक्षन करता भी है अनुवल समरी रिविजिन एसर के द्वारा वहीं इस एसर की अभूतपूर बात यह है कि एक ऐसी संस्था द्वारा नागरिक्ता का परमान फिर से मांगा जा रहा है जिसे कानूनन इसका अधिकार प्राप्थी नहीं है
03:12अब तब चुनाब आयोग एक ऐसी संस्था रहा है जिसका अधिश हर मद्दाता को शामिल करने का रहा है लेकिन इस एसर के माध्यम से मद्दाता को शामिल करने का यह सद्धान उलट कर बाहर करने की दिशा में तबदीर होता जा रहा है
03:31जहां बिहार में SIR कराया गया और लगबग 80 लाख वोटर्स को डिलीट किया गया और यह सूची आज भी उपलब नहीं हो पा रही है कि 80 लाख वोटर्स आखिरकार कौन थे
03:46वहीं है SIR के बाद भी अंतिम मद्दाता सूची में लगबग 14 लाख से अधिक डूपलिकेट वोटर्स पाए गए
03:55और इसमें भी लगबग सारे तीन मद्दाताओं के दोनु वोटर आईडी कार पर एक ही विवरन दर्च कराया गया है
04:02अब ये SIR की प्रक्रिया उत्तर प्रदेश में भी चल रही है जहां बियलो को कोई भी प्रसिक्शन नहीं दिया गया है
04:09जहां लगबग 10 से जादा बियलो ने काम के भोच की वज़े से आत्मत्या करी है
04:17और वेस बेंगॉल में भी लगबग 20 बियलों ने आत्मात्या करी है
04:21तो कहीं न कहीं जाएं बियलों को प्रसिक्षन नहीं दिया जा रहा है
04:25और जिस तरह से ये SIR की प्रक्रिया को अंजाम दिया जा रहा है
04:31कहीं न कहीं ये वोट काटने वाली प्रकृया साबित होती जा रही है
04:34तो हमारी मांग है कि जिस तरह सत्तापक्ष के लोग कहते हैं कि हम विहार का चुनाव जीते
04:41तो अगर आप वाकई में चुनाव लड़ रहे हैं और जीत रहे हैं
04:46तो हमारी यह मांग है कि आप CGI को वापस appointment committee में induct करें
04:52और जो आपने सुरक्षा कवच election commission को दिया वा है
04:57आप सुरक्षा कवच को भी हटाएं
05:00और इसी के साथ समाजबादी party की यह मांग है
05:05कि ballot paper के माध्यम से ही चुनाव इस देश में कराया जाए
05:09और जिस तरह के monetary benefits
05:12जब चुनाव किसी राज्य में चल रहा है आप bank हातों में पहुचा रहे हैं
05:18तो मेरा यह मानना है कि कहीं ना कहीं यह vote जो लोग डाल रहे
05:24vote डालने में भी इसका effect होता है तो इसे बंद करा जाए
05:27इनी शब्दों के साथ मैं यह बात भी कहना चाहूंगी
05:33कि यह जो नागरिता कानून है जो यह SIR जो यह लाया जा रहा है इसे हटाया जाए
05:41जिससे की सही माइनों में लोगों के vote का अधिका सुरक्षित रह चके
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