00:00जब ये Glacier और हिमाले बचेंगे इनकी सुरक्षा होगी तब हम मा गंगा की जल को मा यमना की जल को आश्मनी के लिए प्राप्ट कर सकते हैं
00:11क्योंकि जब Glacier सारे पिगल जाएंगे तो हमें ना तो मा गंगा मिलेगी ना यमना मिलेगी ना ही अन्या न दिया
00:17ुत्राखंड में चारधाम यात्रा के लिए हाईवे परियोजना चल रही है
00:22इसके तहत उत्रकाशी जिले में गंगोत्री नेशनल हाईवे को चोड़ा करने का भी प्लान है
00:28ऐसी चर्चा है कि गंगोत्री एनेच के चोड़ी करण के लिए
00:33देउदार के करीब 7000 पेड़ों में से कुछ काटे और कुछ ट्रांसलोकेट किये जाने है
00:39जैसे कि आप देख भी रहे हैं कि सड़क हमारी कितनी दूर है
00:43और यहां हमारी जो चपान है आप हमारी जो नजर जहां तक जा रही है
00:49यह तरीब 50 मीटर है
00:50पचास मीटर का जो यह दाइरा है इस पचास मीटर के दाइरे तक छपान हो रखी है पेड़ों में
00:56और चोटे पेड़ है यह तो बड़े पेड़ है जिनमें चपान हो रखी है
01:00में उट्गा इतना जितना पराद गर कि इस समाचार से पर्यावरण विदो में हड़कम मज गया
01:27पर्यावरण विद दोडे दोडे उत्तरकाशी पहुँच गए, इन लोगों ने देवदार के पेड़ों की पूजा करते हुए रक्षा शूत्र माधे.
01:34हिमालय हैं तो हम हैं. अध्यन यात्रा के तहट गंगोत्री धाम के समीब भैरो घाटी में पर्यावरण विदों ने पेड़ और प्रिकृति बचाने का प्रण लेते हुए जनता से भी इनकी रक्षा का आववान किया.
01:48रक्षा सूत्र आंदोलन 1994 में शुरू हुआ था. उस समय लोगों ने देखा कि जब चिप्कों के आंदोलन के बाद भी हजार मीटर से अधिक उचाई पर जंगल कटने लगे तो टिहरी और उत्तरकासी की दर्जनों गाउं की महलाओं ने अपने गाउं से निकल करके उचा
02:18पर दस हजार बेड़ों पर चपान कर रखा है और ऐसी जगा पर कर रखा है कि सड़क तो केवल 10 मीटर चोड़ी बनाएंगे और करीब 30 मीटर चोड़ाई में जो है बेड़ों पर चपान हो रखा है और यह दरसाता है कि पर्यावन को सबसे जादा नुक्सान पहुंचा करक
02:48हम देख रहे हैं कि राष्टे सोयं सेवत संग के लोग जो इस समय सरकार का हिसे भी है जो वो यहाँ पर आ रखे हैं हमें खुसी है कि उनके कारण से जरूर दबाव बनना चाहिए
03:00जैसे कि आपको हमारे बड़े भाई सुरेज भाई जी ने अभी बताया कि सन 1964 बेसे ये रख्षा सूतर कारिकरम महिलाओं के द्वारा शुरू किया गया था और आज तो निरंतर पर्यावरन संडक्षन के लिए पेड़ों के संडक्षन के लिए चला आ रहा है और आज जो ह
03:30क्योंकि जो गंगोत्रे धाम है वो पूरे भारत में नहीं पूरे विश्व में प्रसिद्ध है मा गंगा का उद्गम है और वहां पे जो हरसिल जो हमारी घाटी है वहां पे आर से दस हजार जो पेड़ है उनका जो ये छपान आप देख रहे हैं जिनमें हमने रक्षा सूत
04:00इधर पर्यावरण विदों के विरुद्ध नारे बाजी कर उनका पुतला फूंका
04:29इस दोरान पर्यावरण विदों पर नीजी फाइदे के लिए पर्यावरण को आधार बना कर विकास कारे में बाधा उत्पन करने का आरूप लगाये गया
04:39है इस दोपरत्त में जो बन्मंत्राल है हमारा केंट सरकार का है उसका मैं आभार बेक्ट करता हूं और मान्स नरेज भोदी जी राणाशिंगा आभार ब्यक्ट करता हूं कि जो बसे शुतर्दारा पता चला है कि हमारी जो है इस रोड की बन्स्विक्रति मिल चुकि
04:55and this is our pleasure.
04:57We are saying that we are saving our land,
05:04we are very proud of them,
05:07because first of all, there is a land.
05:09This is a work in the city,
05:11and when it is a land, it will be a land.
05:14The land, the land, is because of us.
05:17We have kept the jungle,
05:19and thousands of trees,
05:21and through the forest,
05:23we are still growing here.
05:25We are all friends.
05:27We are very proud of them.
05:29We are going to put them here.
05:31We are going to protect them from here,
05:33and we are going to feed them to protect them.
05:35We are all loving ourselves,
05:37we are all loving ourselves,
05:39and we are all loving ourselves
05:41and most of us are from Dharali.
05:43You know that Dharali is a land of Dharali,
05:45and we are also loving ourselves.
05:47We have come to the government,
05:49.
06:11.
06:12.
06:13अनुसार नेशनल हाईवेज चोड़ी करणकार ये 12,779 करोड रुपे का केंद सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है
06:21900 किलोमेटर लंबी परियोजना में 56,000 पेड कटने और हटाने थे
06:27करीब 36,000 पेड अब तक काटे या हटाए जा चुके हैं
06:32अब देवदार के 7,000 पेड उत्तरकाशी से गंगोत्री के बीच हैं जिनको लेकर विरोध हो रहा है
06:39इसमें भी हमारे सेव अपरोड चीड आधी देवदाई, आधी परजाती के पेड अभी बियारोगों परास्वर की चोड़ाई को कम करके 11 मीटर मांत पर दिया गया है
06:48ETV भारत के लिए उत्तरकाशी से सूरिया नोट याल की रिपोर्ट
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