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राज्यसभा में वंदे मातरम पर चर्चा के दौरान अमित शाह के कांग्रेस पर तीखे वार, देखें पूरा संबोधन

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00:00सीधिया आपको रासवा लिए चुलेंगे जहां पर ग्रेमिंत्वी अमिच्छा बोगे
00:03सभापति महदय इस यह सदन जब से बना तब से कई सारे इत्यासिक पल इस सदन ने जिये भी है
00:26और सदन की कारेवाही के माध्यम से राष्ट्रत जीवन की स्मूति में वो समाहित भी हुए
00:40मेरा मानना है कि यह जो आपका नेना है सदन का नेना है कि वंदे मात्रम के 150 साल के प्रवेश पर
00:52इम्हान सदन वंदे मात्रम के भाव के लिए वंदे मात्रम के यसोगान के लिए
01:03और वंदे मात्रम को चिरन जीव बनाने के लिए एक चर्चा करें और ये चर्चा के माध्यम से
01:13विशेश कर हमारे देश के बच्चे किसोर युवा आनिवाली पिडियो तक वंदे मात्रम का आजादी के लिए योगदान
01:27वंदे मात्रम गान की रचना में राष्टर भक्ती और राष्टर की संस्कृति के प्रती समर्पन का जो बाव है
01:42उसका आने वाले महान भारत की रचना में योगदान इसके संकल्प के साथ जुडाव ये सभी चीजों से
01:53हमारी आने वाली पिडिया भी यूग तो हो इसलिए मैं आपका और सदन के सभी सदत्स्यों का रदय पुर्वक बहुत-बहुत अभिनन्दन करना चाहता हूँ
02:08कि आज ए चर्चा यहां पर आकार लेए
02:11कि मोहदय हम सब कि सवभागय साली है कि हमें एक इत्यासिक पल के साक्सिभी बंड़े हैं और इसमें हिस्सा भी ले
02:24इमहान सदन में जब वंदे मात्रम की चर्चा हो रही है तब कल कुछ सदस्यों ने लोग सभा में प्रस्तन उठाया था
02:39कि आज वंदे मात्रम की चर्चा वंदे मात्रम पर चर्चा की जरूरत क्या है
02:47वंदे मात्रम के प्रती समर्पन की जरूरत वंदे मात्रम बना तब भी थी आजादी के आंदोलन के वक्त भी थी आज भी है
03:05और जब 2047 महान भारत की रचना होगी तब भी रहे क्यूंकि अमर कृती मा भारती के प्रती भारत माता के प्रती समर्पन भक्ती और कर्तवय के भाव जागरूत करने वाली कृती है
03:26इसलिए जिनको आज वंदे मात्रम की चर्चा क्यूं हो रही है वो समझ में नहीं आ रहा है
03:36मुझे लगता है कि उन्होंने नए सिरे से अपनी समझ पर ही सोचने की जरूरत है
03:42कुछ लोगों को इसमें दिखता है कि बंगाल में चुनाव आने वाला ही इसलिए वंदे मात्रम की चर्चा हो रही है
03:51वो मंदे मात्रम के महिमा मंदन को बंगाल के चुनाव के साथ जोड़ कर कम करना चाहते है
03:59यह सही है कि वंदे मात्रम की रचना कार बंकिम बाबू बंगाल में पैदा हुए बंगाल में गितकी रचना हुई
04:12और आनन्द मट जिसमें बाद में वंदे मात्रम समाहित हुआ उसकी प्रूष्ट भूमिवी की बंगाल थी
04:23अगर जब बंदे मात्रम का प्रगटी करन हुआ बंगाल तक सिमित नहीं रहा था
04:31देश तक भी सिमित नहीं रहा था दुनिया भर में जहां पर आजादी के दिवाने थे वो गुप्त बैठक भी करते थे
04:40तो पहले वंदे मात्रम का दान करकर बेठक भी और आज भी सरहत पर हमारा जवान जब अपना सर्वोच बलिदान देता है ये आंतरिक सुरक्सा के लिए देश के पुलिस का जवान सर्वोच बलिदान देता है तो जब वो अपने प्रान त्याकता है इसके मुह पर एक ही मं
05:10ये वंदे मात्रम का गान, वंदे मात्रम का गीत, ये भारत माता को गुलामी की जंजीरों से मुक्त करने का नारा बना था, आजादी के उद्गोस का नारा बन चुका था,
05:28आजादी के संग्राम का एक बहुत बड़ा प्रेणा स्त्रोत बना था, और सहीदों को अंतिम बलिदान, सर्वोच बलिदान देते वक्त, अगले जनम में भी भारत में ही जनम लेकर, फिर से माभारती के लिए बलिदान करने की प्रेणा वंदे मात्रम से,
05:51और एप चीर पुरातन राष्ट को अनेक सद्यों तक अपनी संस्कूति के राष्टे पर आगे बड़ाने की प्रेणा भी कई सारे मनिस्यों को इस वंदे मात्रम से इडिए,
06:11वंदे मात्रम की दोनों सदनों में इस चर्चा से, वंदे मात्रम के महिमा मंदरन से, वंदे मात्रम के गवरव घान से,
06:23हमारे बच्चे, किशोर, युवा और आने वाली कई पीडियां, वंदे मात्रम के महत्रम को भी समझेगी,
06:35और उसको राष्ट के पुन्न निर्मान का एक प्रकार से आधार भी बनाएगी।
06:41मनेवर बंकिम चंद्र चटोपाध्याईजी ने 7 नवंबर 1875 को वंदे मात्रम की रचना उनकी सारवदे ने खुली।
06:56यह दिन कार्तिक सुकल नवमी का था, अक्सर नवमी यह जगद्रात्रिक पुजा के रुप में यह दिन मनाया जाता है।
07:07और जब रचना की तब शुरू में कुछ लोगों को लगा कि उत्कुरूष्ट साहितिक पुरूती है।
07:16परंटु देखते देखते देखते वंदे मात्रम का एक हीत, देजबक्ती त्याग और राष्ट्रिय चेतना का प्रतीक बन गया, जिसने हमारे आजादी के आंदलोन का रास्ता प्रसस्त किया।
07:32और कब वंदे मात्रम की रचना हुई, वंदे मात्रम की रचना की पुरूष्ट भूमी हम सबने जरूर याद करनी चाहिए।
08:02अपने शाशन के काल में, भारत के गुलामी के काल में एक नई सभ्यता, एक नई संस्कूर्ती हमें थोपने का प्रयास किया था।
08:14और उस वक ये वंदे मात्रम का रचना बंकिम बाबुने की।
08:21और वो रचना के अंदर, बहुत बारिकी से, जो हमारी मूल सभ्यता थी, हमारा संस्कूर्तिक राष्टरवाद था।
08:32देश को माता के रुप में कल्पना करकर देश की माता के रुप में जो कल्पना की इसकी अराधना करने की हमारी परंपरा थी उसको उन्होंने पूनप्रस्ताफित किया था
08:48और इसलिए ये घित देखते देखते कोई प्रचार के बगर उसक्त ना सोस्यल मिडिया था ना प्रचार के कोई साधन थे उल्टा जो सरकार थी वो तो उसको रोकना चाहती थी प्रतिमन लगाती थी वंदे मातरम बोलने वालों पर कोड़े बरसाये जाते थे जेल में डाल द
09:18मंदे मातरम कस्मीर से कन्याफ हुमारी तक फैल गया मनेवर प्रकार से भारत के संस्कूरती के प्रति स्रद्धाग रखने वाले सभी लोगों को पुनजागरन का मंत्र बन गया है गुलामी के कालखन में कई मंदीर विश्वविद्यालय कला केंद्र हमारी क्रूसी विवस्
09:48अस्त व्यस्त होगी तोर दी गई सिर्णवीन कर दी गई मगर हमारी संस्कूरती उसके भाव को हमारे जन्मानस से कोई नहीं मिला मगर एक जरूरत थी वो भाव को जागरुक करने की और वो भाव को उनसंगठीत करने की उसी वक बंकिम बाबु ने वंदे मात्रम की रचना की
10:18और आंदावान निकोबार की जैलों तक पूर उसको ना अंग्रेज रोख सके ना अंग्रेजों की सभ्यता को स्विकारने वाले लोग रोख सके
10:28मानेवर वंदे मात्रम ने एक ऐसे राष्ट्र को जागरूट किया जो अपनी दिव्य सक्ति को भुला चुका था
10:39राष्ट्र की आत्मा को जागरूट करने का काम वंदे मात्रम ने किया इसलिए महरसी अर्वीन ने कहा वंदे मात्रम भारत के उनर जन्म का मंत्र है
10:54स्री अर्वीन का एक वाक्य इसका गर्वीर्ट अर्थ वो वंदे मात्रम की महत्ता को बताता है
11:03मानेवर अर्वीन गोष्ट ने ये भी कहा कि देश को एक ऐसे मंत्र की आवसकता थी
11:10और इस्वर ने उसे साकार करने के लिए ही बंकिम बाबू को इस भूमी पढ़ दी जाता
11:17स्री अर्वीन का वंदे मात्रम के लिए भाव बच्चे बच्चे के लिए एक प्रेयना स्त्रोत बन गया
11:27और हमारे आजादी का नारा बन गया
11:30मानेवर हमारे देश को जो लोग समत्ते हैं लोग जो जानते हैं वो सभी लोगों को मालूम है
11:43कि हमारा देश पुरी दुनिया में एक प्रकार से अनुठा देश है दुनिया के कई देशों की रचना अधिनियमों से हुई है
11:54कहीं युद्धों के कारण हुई कहीं युद्ध के बाद संदी के कारण हुई भारत एक मात्र ऐसा देश के हैं जिसकी सिमाएं कोई अधिनियम से ताई नहीं की है हमारे देश की सिमाएं हमारी संस्कूर्टी ने ताई की है और संस्कूर्टी ने इस भारत को जोड़ कर रहा �
12:24विचार को सबसे पहले आज गुलामी के कालखन में जागरुक करने का काम बंकिम चंद्र चटोपाद्याई जी लेगी हम पूरे देश को एक बार फिर से देखे तो हमें मालूम पड़ेगा कि हमारे देश को जोडने वाला
12:43मंत्र हमारी संस्कूरती है हमारे देश को जोडने वाली एक रखने वाला मंत्र हमारी संस्कूरती है और इसी के कारण वंडे मात्रम का जो उद्धोश हुआ उसने
12:59संस्कूरती के राष्ट्रवाद के सिध्धान्त को पहली बार एस्टाबिलिस करने का काम किया जब अंग्रे जोने वंडे मात्रम पर कई सारे प्रतिवन लगाए तब बंकिम बाबु ने एक पत्र में लिखा था
13:20मुझे कोई आपत्ती नहीं है मेरे सभी साहित्य को गंगाजी में बहा दिया जाए यह मंत्र वंडे मात्रम अनंत काल तक जीवित रहेगा यह एक महान गान होगा और लोगों के रदय को जीत लेगा और भारत के पुना निर्मान का यह मंत्रम लेगा
13:43आज हम देख रहे हैं कि बंकिम बाबू के वो सब्द सच हुए है बले देर से ही सही यह पूरा राष्ट आज सांस्कूर्तिक राष्ट्रवाद की परिकल्पना को स्विकार कर आगे बढ़ रहा है और मानेवर हम सब जो भारत माता की संताने हैं वो मानते हैं कि यह देश को
14:13और उसका भक्तिगान भी करते हैं और वो भक्तिगान की अभिव्यक्ति ही वंदे मात्रम मनेवर आज मैं सदन में जब चर्चा हो रही है तब बताना चाहता हूं वंदे मात्रम की रचना में हमारे जीवन में
14:31देश की भारत माता की कल्पना का जो योगदान है उसको बहुत अच्छे तरीके से भावना के साथ भर्णन किया है जल फल और समरुद्धी तीनों की दाई ने भारत माता को बताया गया है
14:52सोबित पुस्पो से मन को प्रफुलित करने वाली भी भारत माता को बताया गया सरस्वती लक्षमी दुरगा ये तीनों का जो स्वरूप है वो भारत माता है
15:08एक प्रकार से हमारा समरुद्धी हमारी सुरक्सा हमारा ज्यान हमारा विज्यान ये सब भारत मा की ही कृपा है और उसकी आरदना से ही प्राप्त हो सकता है
15:22इतना बड़ा एक संकल्प मंकिम बाबु ने रखा दुरगा की विर्ता लक्षमी की संपन्दता और सरस्वती की मेगा ये तीनों हमें भारत मा की कृपा ही दे सकती है या मिट्टी ही दे सकती है
15:41इसलिए इसको बार बार प्रणाम करना चाहिए मा को प्रणाम करना चाहिए मनेवर एक प्रकार से जिसकी उद्धोषना डेर सो साल पहले बंकिम बाबु ने की विचार तो बहुत चीर पुरातन है
16:03रामाण के अंदर प्रभु स्री राम ने भी जब उनको सला दी गई कि इतनी वैभव साली लंका है आप लंका जिती लिए हो तो वहोध्या जाकर क्या करना यहीं रह जाते हैं तब उन्होंने कहा कि माता और मात्रु भुमी इस्वर से भी बड़ी होती है मैं माता और मात्र
16:33मात्रु भुमी का महिमा मंदन आचारिय संकर ने भी किया और मात्रु भुमी का महिमा मंदन आचारिय चानके ने भी किया यह सभी ने समय समय पर हमारे अस्तित्व को मात्रु भुमी के साथ जूड़ने का काम है मात्रु भुमी ही हमें पहचान देती है वो ही हमें भासा दे
17:03उठाने का अवसर देती है इसलिए मात्रु भुमी से ज्यादा कुछ हो नहीं सकता यह भाव जो चीर फुरातन भाव था उसको बंकिम बाबु ने उनर जिवित किया और वो गंगोर रात्री जैसे
17:21गुलामी के कालखन के अंदर जैसे एक बीजली प्रकास फेला देती है उसी प्रकार से बंदोव मात्रम के गानने गंगोर अंधेरे के अंदर जन जन के अंदर गुलामी की मानसिक्ता छोड़ कर आजादी की प्राप्ती स्वराज की प्राप्ती का एक जोस जगाने का काम किया
17:51का प्रतीक मना उन्होंने बहुत सुंदर तरीके से वणन किया है कि स्थूल सुक्ष्म और कारण तीनों प्रकार से
18:00वंदे मात्रम भारत की सक्ति को जगाता है स्थूल सरीर ुँदे मात्रम का उच्चारण हमारी सरीर में
18:10सक्ति और उच्सा भरता है राष्ट्रबक्ती की ऐप रख्रिया सक्ति को जगाती है सुख्समसरिर हमारे भावनाए
18:21हमारे विचारों को वह सुध करता है और हमारी चेतना को वह जागरूध करता है और कारण
18:28आध्यात्मिक सरी में भी उन्होंने कहा कि बंकिम बाबू एक रुसी चेतना से प्राप्त मेगा से ही वंदेव मात्रम की रचना किये है
18:39और बहुत अच्छे तरीके से उन्होंने कहा ये गीत केवल देश भक्ति की देश प्रेम की अभिवेक्ति नहीं है
18:48बलकि भारत माता की दिव्य सक्ति का आवान है भारत की मूल चेतना सनातन सक्ति उसको पुनरजिवित करने का ये वंदेव मात्रम मंत्र है
19:01और इसलिए आजादी के वक्त सभी हमारे नेताओं ने वंदेव मात्रम को आजादी के अंदोलन का आधार बनाने का काम किया
19:12कई सारे हमारे आजादी के संग्राम के सैनानी जिनको अंग्रे जोने फासी पर चड़ाया इस सब में एक चीज सामानिय निकल कर आती है तो फासी के तक्ते पर चड़ते चड़ते जो सहीद अंतिम सब्द बोले वो सभी के मुझसे वन्दे मात्रम ही मिलता है
19:40सोदेशी का आहवान करना हो विदेशी माल का बहिसकार करना हो राष्ट्रिय सिक्षा का आहवान जगाना हो हर वक्त राष्ट्र बक्ती जगाते वक्त वन्दे मात्रम का उद्गोस इस देश ने सुना भी इस देश ने महसूस भी किया
20:00पंजाब के गदर आंदोलन में वंदे मात्रम के सिर्षक से कई पर्चे बाटे गए। महराष्ट में वंदे मात्रम के विशेश अंक गनपती और सिवाजी के उत्सव में बाटे जाते थे।
20:16तमिल नाडू में सुब्रनम भारती जी ने तमिल अनुवाद करकर हिंद महासागर को भी क्रांती की चेतना से आंदोलुक्त कर दिया था।
20:26मानेवर 1907 में कलकत्ता में वंदे मात्रम नाम का एक अंग्रेजी अकबार शुरुआ जिसके संपादक महरसी अर्वीन थे।
20:38ब्रिटिस सरकार ने उसको सबसे खतरनाक राष्ट्रवादी पत्र माना। वो राष्ट्रवादी भी कहते थे और खतरनाक भी कहते थे।
20:48और स्री अर्वीन पर राध्द्रों का मुकदमा भी चला और उनको सजा भी गई अंततों गत्वा उसको प्रतिबंधित कर दिया।
20:56मानेवर कॉंग्रेस के अधिवेशन उने भी वंदे मात्रम के महिमा मंदन को वंदे मात्रम के गान को गाया।
21:05अठारा सो चैनवे में गुरुवर टागोर ने कॉंग्रेस अधिवेशन में इसको पहली बार सारवजनुक रूप से गाया।
21:141905 में कॉंग्रेस के वारान सी अधिवेशन में महान कवियत्री गाई का सरला देवी चौधरानी ने पूर वंदे मात्रम का गायन किया।
21:26और 15 अगस उन्नीसो सर्ता ही इसको जब देश आजाद हुआ सुबे साड़े छे वजे सर्दार पटेल के आग्रपर पंडित उंकारनाट ठाकूर जी ने आकास वानी से अपने मधूर स्वर में वंदे मात्रम का गायन करकर देश को भावू करते।
21:47और इस सभी भावना को देखते हुए समविदान सभा की अंतिम बैठक 24 जनवरी 1950 को समविदान सभा के अध्यक्स राजेंद्र प्रसाद जी की अध्यक्सता में जो ही उसमें राष्टर गान के बराबर सन्मान देते हुए वंदे मात्रम को राष्टर गीत गोसीद करने का क
22:17कॉंग्रेस के कई सदस्य आज वंदे मात्रम की चर्चा क्यूं जरूरी है और इसको एक रादनेती खतकंडा या तो मुद्दों पर से ध्यान भटकाने का एक हथियार मानते थे हुए
22:33माने वर मुद्दों पर चर्चा करने से कोई नहीं डरता है संसत का बहिसकार हम नहीं करते हैं संसत का बहिसकार अगर करना है संसत का बहिसकार न करे संसत चलने दे तो सब मुद्दों पर चर्चा होगी हमें कुछ डरने जैसा नहीं है छिपाने जैसा नहीं है कोई भी मु�
23:03कानपर की चर्चा को टालने की यह मानसिता यह नहीं नहीं मानेवर यह तो वंदे मात्रम का डेड़ सोवा साल है हर महान रचना का हर महान गटना का महतोपूर्ण साल कई
23:18मायनों में हमारे देश में मनाता जाता है तो देश तो देश सो वा साल है अब हम थोड़ा पीछे मूड कर देखते हैं मानेवर जब वंदे मात्रम के 50 साल हुए तब क्या हुआ वंदे मात्रम के 50 साल हुए देश आजाग नहीं हुआ था और वंदे मात्रम की स्वन जयंती हु
23:48उसको दो अंट्रों तक सिमीद करने का काम कॉंग्रेस पार्टी की कॉंग्रेस पार्टी की पचासवे साल में जो एक प्रकार से वंदे मात्रम का महिमामंदन करने की पद्दती थी
24:18ले जो जो आए प्र है कि एक विनिट नहीं उनको बहुत समय दिया गया प्रका क्ले आपका समय आएगा
24:44गारगे जी यह वह पर पड़ाव पर वंदे मात्रम को सिमीत कर दिया गया वही से तुरुष्टी करन की शुरुवात हुई और वो तुरुष्टी करन जाकर देश के विभाजन में
25:11मानेबर मेरे जैसे कई लोगों का मानना है कॉंगे पार्टी को पसंद आये न आये अगर बंदे मात्रम के तुरुष्टी करन की निती के तहट दो टुकड़े न करते तो देश का बटवारा नहीं होता आध ने पुरा हो
25:31मानेबर पचास साल के बाद
25:35पचास साल के बाद
25:38मानेवर
25:51पचास साल के बाद
25:54वंदे मातरम
25:56सौ साल का हुए
25:57सबको था
25:59कि सौ साल मनाए जाएगे
26:02सौ साल मनाए जाएगे
26:04मगर सौ साल हुआ
26:07तब वंदे मातरम का
26:09महिमा मंदन का सवाली नहीं था
26:11कि वंदे मातरम बोलने वाले
26:13जो सारे लोग थे
26:14उनको इंदी राजीन ने जैल में बन कर दिया
26:17इस देश में अपातकार लगाया गया
26:21अपातकार लगाया गया
26:24विपक्स के लाखों लोगों को
26:26लाखों समाज सेवियों को
26:29स्वायम सेवी संकठन के लोगों को
26:31जैल में भर दिया गया
26:33कोई कारण के बगेर
26:35अकबारों पर ताले लगा दिये गए
26:38यहां तक कि आकासवानी में
26:41उसके माध्यम था
26:45आकासवानी में किसोर कुमार की आवाज ही नहीं आती थी
26:50डिवेट गाने भी लता जी की आवाज में ही आती थी
26:54मनेवर पूरे देश को
26:57जब बंडे मातरम 100 साल का हुआ
27:00पूरे देश को बंदी बना कर रख दिया
27:08साल में लोगसभा में चर्चा हुई साब एक कॉंग्रेस पार्टी की स्थिति देखे
27:14जिस कॉंग्रेस पार्टी के अधिवेशनों की सुरुवात
27:18गुरुवर टागोर जैसे लोग बंडे मातरम गा करकर आते थे
27:22वंडे मात्रम कॉंग्रेस पार्टी के आजादी के अंडोलन का एक मंत्र बना था
27:31वो वंडे मात्रम के महिमा मंदलन करने के लिए जब लोकसभा में चर्चा हुई
27:37गांधी परिवार के दोनों सदस्य नदारत थे दो में से एक भी
27:42वंडे मात्रम का विरोध आज भी जवालाल नहरू से लिकर आज के कॉंग्रेस के नित्रुतों तक
27:52कॉंग्रेस के खून के दो साथ मानवर में तक्ष्यों के अधार पर कहता हूँ
28:08कॉंग्रेस पार्टी की एक नेत्री ने कॉंग्रेस को बेचा वर रंबस अरे बीग विजय जी अब
28:24नौकरी पक्की है इसायु में क्या करें हो बया अब नहीं जाएगी नौकरी मानेवर मैं जो कह रहा
28:33कॉंग्रेस पार्टी की एक प्रमुक नेत्री ने कहा है कि वंडे मात्रम की आज चर्चा की कोई जरूरत नहीं है
28:47कि मुझे मालूम नहीं पढ़ता कि वंडे मात्रम से अपने प्रेजे जिन से कहा है जर्चा होनी जरूरत नहीं है जरूरत नहीं जरूरत नहीं जरूरत नहीं है
28:57जरूरत नहीं जरूरत नहीं जरूरत नहीं है
29:27कि अभी अभी इस समय वंडे मात्रम की चर्चा की कोई जरूरत नहीं है
29:34को अगरे लेकोर्ट पर है टो मानेवार आप भाईदेल आप भाईदेल मानेवार
29:50मान्नेवार जिस गीत को जिस गान को महात्मा गांदी ने राष्ट्र की सुद्धतम आत्मा से जुड़ा हुआ गीत कहा
30:07विपीन चन्रापाल ने एक राष्ट्र धर्म है जिसमें राष्ट्र बक्ती और कर्तवे दोनों समाहित है जिसकी अभिवक्ति वंदे मात्रम करता है वो वंदे मात्रम का तुकड़ा करने का काम भी कॉंग्रेस पार्टी ने किया था
30:25मानेवर अंटराष्ट्रियस तरपर भी वंदे मात्रम ने हमारे आजादी के अंदोलन को गती देने का काम किया
30:36स्याम जी कुष्ण वर्मा मैडम विखा जी कामा और वीर सावरकर ने जो बारत का त्रिवन द्वज निर्मित किया था उस पर स्वर्णीम अक्सर में एक ही नाम था वंदे मात्रम
30:53मानेवर बर्लिंग के ओलमपिक्स में भी 1936 में गुलामी के कालखन में भी जब हमारे होकी की टीम को हमारी टीम को उच्छा की जरूरत थी प्रेना की जरूरत थी कोच ने लाइन में खड़े करकर भाव पूर्ण तरिके से वंदे मात्रम का गान किया और हम गोल्ड मेडल च
31:23भारतिय जन्ता पार्टी की रचना हुई तब से हमारी तो पार्टी की रचना ही संस्कृतिक राष्टवाद और ये देश अपने मूल संस्कृतिक आधार पर मूल विचारों के आधार पर चलना चाहिए पास्यात संस्कृतिके आधार पर नहीं चलना चाहिए इसलिए हमार
31:53मगर इस रेकोर्ड है मानेवर
31:56महोदे 1992 में भाजपा सांसद स्री राम नाहिक ने
32:02एक सौट डूरेशन डिसकर्शन के माध्यम से
32:06वन्दे मात्रम को संसद में फिर से गाने की सुरुआज करने के लिए
32:12एक मुद्दा उठाया
32:14और उसक प्रतिपक्स के नेता लाल कुष्ण अडवानी जीने बहुत प्रमुक्ता के साथ लोगसभा के स्पिकर को कहा
32:23कि महान सदन के अंदर वन्दे मात्रम का गान होना चाहिए क्योंकि संविदान सभाने इसको स्विकारा है
32:32और फिर लोगसभा ने सरवानुमत से 1992 में बन्दे मात्रम के गान की सुरुवात की
32:39मानेवर हम जब बन्दे मात्रम की गान की सुरुवात कर रहे थे
32:46उस वक भी मैं नाम देना नहीं चाहता
32:49वना अचित्य के सवाल उठाएंगे कुछ
32:52टेक्निकल मुद्दे उठाएंगे मगर इंडी एलाइंस के धेर सारे लोगों ने मेरे पास नाम की सुची है इनको अपत्तिन होद मैं पढ़ सकता हूँ
33:02धेर सारे लोगों ने कह था कि हम वन्दे मात्रम नहीं गाएंगे
33:06ना बोल दिया और मैंने मेरी आँख से दिखाए मैंने मेरी आँख से दिखाए कई सारे सदस्य वन्दे मात्रम होता है तो वन्दे मात्रम के गान के पहले संसद में बैठे होते हैं तो भी खड़े होकर बाहर चले जाते हैं
33:24मैं आपको विश्वास से कह सकता हूं अन्यवर एक कह रहे हैं कि कॉंग्रेस पार्टी पर जुठे आरोप लगाई मैं विश्वास से कह रहा हूं भारतिय जन्ता पार्टी का एक भी सदस्य वंदे मात्रम के गान के वक्त सन्मान के साथ खड़ा नहों ऐसा हो ही नहीं से
33:47हाँ कुझी ओंडे मात्रम के गान के पती आप भुध भधब भधये प्लीच आप बोद्ध भधये प्लीच आप बोद्ध भधये प्लीच वाद्यच भादान के साथ और लुकीट
34:06he will get you a chance to speak
34:09You can say your opinion
34:12when the turn comes to you
34:15जार भेन पितिए आप्सक्राइटे कें
34:18शुटने केंज जराएटे केंजे
34:22मानने वर
34:24मानने वर
34:27अरे सुनो तो, बोल बोल क्या करती हो गा, जुझे सुनो तो
34:31मानने वर
34:32सनमान यस अधास की जिने काहा है
34:35कि कौन-कौन कॉंग्रेस पार्टी के लोगों ने वंदे मात्रम नई गाने के लिए स्टेटमेंट दिया है और संसत के वक्त बार चले गए हैं मैं इसकी सूची आज साम होने के पहले सदन के पटल पर रख दूँगा मेरा विनंती है
34:49मेरा विनंती है कि वो कौंग्रेस सदस्यों के नाम इस चर्चा का हिस्सा करने के लिए आप आदेश करिए जमने इस सदन की चर्चा के रेकॉर्ड पर रहना चाहिए कि कौंग्रेस पार्टी के सदस्य वंदे मात्रम का विरोध करते हैं इस देश की जनता इनको जाननी चाहि�
35:19मानने वर मानने वर बंदे बंकिम चंद्रत चेटर जी की चटोपाद्याई जी की एक सो तीसवी जहनती पर हमारी सरकार ने डाक विभाग ने एक स्टेंप जारी किया
35:41स्टंत्रता की पचोत्तर की वर्जगांट की उपलक्स में हर गर तिरंगा का भ्यान भी हमने करा और उस वक हमने हमारे प्रदान मंत्री जी ने जनता का अहवान किया था
35:55जनता का अहवान किया था कि तिरंगा फैराते वक वंदे मात्रम बोलना नहीं बोलना चाहिए और मानेवर वंदे मात्रम की
36:09एक सो पचासवी वर्जगांट उसको भी बारत सरकार बहुत अच्छे तरीके से हमने मनाने का दाई किया है
36:22एक अक्टूबर दो जर पचीज को केंद्रिय मंत्री मंदल ने पूरा वर्ज बंदे मात्रम के यसोगान में मनाये जाएगा इसका प्रस्ताव पारिश किया
36:3424 अक्टूबर 25 को राष्टिय और अंतराष्टिय स्तर पर सर्मनवईत कारेक्रम की रूप रेखन तै की गई
36:44मानिय प्रदान मंत्री जी ने भारत मात्या को कुस्पन जली देकर 7 नवंबर 25 को नई दिल्ली में ये वर्ज का सुभारम किया
36:55उसका चरण 1 नवंबर में हो चुका है चरण 2 जनवरी 26 में होगा चरण 3 अगस्त 26 में होगा और चरण 4 नवंबर 26 में होगा
37:11समारक डाक टिकित का ओवी हम जारी कर चुके हैं सिक्का भी जारी कर चुके हैं वंदे मात्रम नाद एकम रूप अनेकम ऐसे सिर्षक से 75 वादव को द्वारा विशेश सांस्कूतिक प्रस्तूति करण की रचना भी हो चुके है
37:29और सुबेद 10 बजे उस दिन 7 नवंबर को देश भर में सामूहिक वंदे मात्रम का गान भी बारत सरकार के आवान पर देश की जनका ने किया
37:41कि मानेवर वंदे मात्रम के दौर्सोवर्स इसकी डोक्यूमेंटरी और प्रदसनी बनाई गई है हर जिला सेंटर पर और हो सके तो तैसिल सेंटर पर उसको दिखाये जाएगा
37:54डिजीटल मोड पर करोड़ों लोगों को वो प्रदसनी भी वेजी जाएगी ओल इंडिया रेडियो दूर्दसन और एफेम चैनल उपर विसेश कारेक्रमों को प्रसारीत करने का हमने आयोजन किया है प्रेश सुतना बिरो द्वारा टायर टी टू और टायर थ्री सेहरों मे
38:24प्रवजित होने वाली है वंदे मात्रम सेल्यूट टू मदर अर्थ के तहट रुक्सारोपन अभियान चाली हुए हाईवे पर देश भक्ति आधारित वंदे मात्रम के इतियास को दर्शाते हुए भीच चित्र भी हम रखने वाले हैं रेल्वे स्ट्रेशन और हवाई अड
38:54और बंकिम चंद्र चटोपाद्याई जी पर पचीस लगू फिल में एक एक मिनिट की बनाने का भी हमने सुरुवात कर लिया है
39:02मानेवर देश के प्रद्यान मंत्री जी ने लाल किले से अमरूत काल के लिए पंच प्रण की घोशना की थे
39:14इसमें एक जब देश आजादी की सताब्दी मनाता हो उस वक्त विक्सित भारत का लक्स हमने ताई करना है
39:25गुलामी की हर मानसिक्ता से मुक्ति प्राप्त करनी है अपनी विरासत पर घर्व लेना है
39:33देश की एक्ता और एक जुक्ता और अखंडिक्तातों को हमें समाल कर रखना है और नागरिकों में कर्तवे की भावना को हमें आगे बढ़ाना है
39:45मानेवर जब देश के आजादी के 75 साल हुए कोरोनकाल होने के बावजूत दो साल तक पूरे देश के हर गाव गाव में आजादी के अमरूत महोतसव को मनाया गया
39:59अमरूत महोत्सव के माध्यम से इस देश की युवापिडी को हमारी 1857 से 1947 तक की पूरी आजादी के संगर्ज को हमारे युवानों को परिचीद कराया
40:14कई नामी जिनके नाम भी इतियास में दर्द नहीं हुए ऐसे स्वातंतराता संगराम के नायकों को ढूंड कर उनके समारक बनाए गए देश बर में कई कारेक्रम हुए और देश बक्ती का एक नाजवार खड़ा करने का प्रयास आजादी के बाद पहली बार 75 साल जब मनाए �
40:44आजाद हुए तब 75 साल जितनी भी सडकारे आई अच्छा काम किया समने देश को बहुत आगे बढ़ा है हमने हमारे लोकतंत्र को पाताल से भी गहरा कोचा है हमारे लोकतंत्र की जड़े आज मजबूत हो चुके मानेवर मगर 75 से 100 साल का एक कालखन अमरूत काल के रुप मे
41:14एक संकल प्रखा एक संकल प्रखा मानेवर की आजादी का अमरूत महोसव से आजादी की सताब्दी तक यह जो पूरा कालखंड है वो देश को महान बनाने का कालखंड के रुप में हम उसको चैलेंज के रुप में लेंगे एक चुनोती के रुप में लेंगे और जब आजा
41:44में हर क्षेत्र में नंबर वन पर होगा ऐसे देश की और मानेवरे संकल्प आज प्रधान मंत्री जी का अकेले का नहीं है कोई एक
41:56पॉलिटिकल पार्टी का नहीं है कुछ लोग बले उसको राजनितिक नारा समत्ते हो मगर यह संकल्प
42:02एक सो चालीस करोर भारतियों का संकल्प है और यह पूरा होकर और इसलिए एद्दाइव योगी ही है कि जब अमरूत का हम मना रहे हैं तभी वन दे मात्रम के
42:16डेर सोवा साल आज आया है और फिर से एक बार इसके माध्यम से हम इसके माध्यम से हम राश्टब भक्ती को जगाने का काम करेंगे मने वर मैंने पहले भी का कि
42:33वन दे मात्रम काल भाहिय कभी नहीं होगा उसकी रचना हुई तबबे उसकी इतनी ही जरूरत थी जितनी आज है और माने वर उस जमाने में
42:46वंदे मात्रम देश को आजाद बनाने का कारण बना और अमरूत काल में देश को विक्सित और देश को महान बनने का नारा वंदे मात्रम बनेगा इसका मुझे पुरा विश्वास है
43:02और मैं मानता हूँ कि सदन में बैठे हुए सभी सदस्यों की साजी जिम्मिदारी है कि हम बच्चे के मन में वंदे मात्रम के संसकार पुनजागरूत करे हर युवा के मन में वंदे मात्रम के नारे को प्रस्तापित करे हर किसोर को वंदे मात्रम की व्याख्या के रास्ते पर �
43:32कि जयनान यों ने जो भारत की कल्पना की थी वो भारत की रचना का कारण बनेगा और मैं मानता हूं कि सदन की भावना हमारी युवापिडी तक विसेश कर पूचेगी इसका मुझे पूरा विश्वास है आपने मुझे समय दिया इसलिए मैं आपका पूरा धन्यवाद करकर �
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