Skip to playerSkip to main content
  • 10 hours ago
लोकसभा में SIR पर चर्चा, देखें क्या बोले कांग्रेस MP मनीष तिवारी?

Category

🗞
News
Transcript
00:00संसद में S.A.I.R. पर मनिश्टी बारी बोल रहे हैं सुनाते हैं
00:02उन्होंने दो एहम बाते कहीं सबसे पहले कि भारत एक समुख
00:10माने सदस्ट प्लीज माने सदस्ट प्लीज बेढ़िए
00:14माने सदस्ट प्लीज
00:18भारत के समविधान निरमाता उन्हें बारत कि समविधान की परिवेचना में
00:44यह सुनिश्चित किया कि भारत एक संप्रुबता और लोकतांत्रिक गंडराज्य के तोर पे गठित किया जाएगा
00:57और जब संविधान का ब्यालेस्वा संचोधन हुआ तो उस परिवेचना में दो और शब जोड़े गए
01:07समाजवाद और पंथ निर्पेक्ष्टा और उस स्वरूप में आज वर्ष दो हजार पच्चिस में भारत का जो गंतंत्र है ये गंडराज्य है ये उस स्वरूप में गठित है
01:23अध्यक जी भारत के एक लोगतंत्र में इस लोगतंत्र में दो सबसे बड़े भाग्यदार हैं
01:32एक अवाम 98 करोड वो लोग जो मद्दान करते हैं और भारत के राजिनितिक दल जो विशेश तोर के उपर उस चुनाओं में हिस्सा लेते हैं
01:50संब्धान के निर्माता उन्हें ये सुनिश्चित किया उन्ने सो शालिस से लेकर उन्ने सो उन्चालिस तक कि धरम जात मजब फिरका सबसे उपर उठकर हर भारत वासी को हर भारत के नागरिक को जो 21 साल की उमर से ज्यादा है उसे बड़दान का हक दिया जाए
02:16और ये उस समय हुआ जब बहुत सारे ऐसे मुल्क थे जहां पर मददान का हक एक बहुत ही संकीरन तोर पे दिया जाता था
02:29और आज मुझे ये कहने में कोई संकोच नहीं है कि पिछले 78 साल में अगर सबसे बड़ा कोई चुनाओ सुधार हुआ
02:40वो भारत के पूर प्रधान मंत्री शिरी राजीव गांदी जी ने किया जब उन्होंने
02:47उन्हें सो उनासी में 88-89 में में भारतिय राश्ट्री चात्र संक्षन का राश्ट्री देख्ष्टा एनिस्युए का हमारी मांग के उपर उन्होंने करोरो करोरो जो भारत के नौजवान हैं उनको मत का अधिकार दिया
03:03जब मद्दान की आयो सीमा 21 से घटा कर 18 वर्ष की गई इससे बड़ा चुनाव सुधार पिछले 78 वर्ष में इस बुल्क में और कोई नहीं कुआ अब जब संविधान की संरक्षना हो रही थी अधिक्ष जी तो ये जो सारा लोकतंत्र का ताना बाना है इसको चलाने के लि�
03:33हमें ये चर्चा चली कि क्या चुनाओ आयोग एक स्थाई संस्ता होनी चाहिए या अस्थाई संस्ता होनी चाहिए और जब 15 जून 1949 को 1949 जब डॉक्टर बाबा साथ भीमराओं बेटकर जी ने ड्राफ्ट आर्टिकल 289 प्रस्तुद किया चुनाओ आयोग को लेकर उस पे ब
04:03चिब्दाल सक्सेना जो साब के सद्यास से थे उनने कहा और मैं कोट करना चाहता हूं
04:10Our Constitution provides for the dissolution of the legislature when a no confidence is passed.
04:19So it is quite possible that elections to the various legislatures in the province and the centre will not be concurrent.
04:29Every time some election or the other will take place somewhere.
04:33It may not be so in the very beginning, or in the very five or ten years,
04:38but after ten or twelve years, at every moment,
04:42some election in some province will be going on.
04:48और उनकी बात से इतिफाक रखते हुए डॉक्टर बाबा साथ भीमराओं अम्बेटकर जी ने ये सुनिश्चित किया
04:56कि चुनाओ आयोग एक स्थाई संस्ता होगी.
05:01मैंने ये अंच इसलिए पढ़े हैं, क्योंकि देश में वान नेशन, वान इलेक्शन के उपर बहस चल रही है.
05:09पर अगर आप इस संवधान सभा की जो प्रुसीडिंग्स है उसको अपने संग्यान में लें,
05:17तो संवधान निर्माताओं ने ये देख लिया था कि भारत में दस बारा साल बाद अलग अलग समय पे अलग अलग राज्यों में चुनाओं होंगे.
Be the first to comment
Add your comment

Recommended